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अक्सर बारिश के दौरान अपने प्रिय से मिलने की लालसा बढ़ जाती है, बारिश अगर रात के वक़्त हो तो इश्क़ की सौंधी सी महक और फ़ैल जाती है।
कल फिर वही रात थी, बारिश तेज हो रही थी, नई नई मुलाक़ात थी, कल रात थी, तुम मिले, मैं मिली, एक खूबसूरत सी, बात थी!
कल फिर वही रात थी, आसमान में, काली घटा, बादलों की, रात काली, हर तरफ बस धुआँ धुआँ, हर तरफ बस धुआँ धुआँ, तारे भी, टिमटीमा रहे थे, चाँद भी, मुस्कुरा रहा था, तरन्नुम-ए-फिज़ा भी, महक उठी थी!
तबस्सुम, चाँदनी की, अदायगी, चाँदनी की, आँखें मींच कर… चाँदनी को, खींच कर, चाँद भी,अपनी मस्ती में था, कल फिर वही रात थी, बारिश तेज हो रही थी, नई नई मुलाक़ात थी…
मूल चित्र : Pexels
Blogger [simlicity innocence in a blog ], M.Sc. [zoology ] B.Ed. [Bangalore Karnataka ] read more...
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