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8 वें वर्ल्ड ओवेरियन कैंसर डे पर इन बातों का विशेष ध्यान रखें  

8 मई 2020 को 8 वां वर्ल्ड ओवेरियन कैंसर डे मनाया जा रहा है। इस दिन बहुत सी आर्गेनाईजेशन मिलकर ओवेरियन कैंसर के बारे में जागरूकता अभियान चलाती हैं।

8 मई 2020 को 8 वां वर्ल्ड ओवेरियन कैंसर डे मनाया जा रहा है। इस दिन बहुत सी आर्गेनाईजेशन मिलकर ओवेरियन कैंसर के बारे में जागरूकता अभियान चलाती हैं।

8 मई 2020 को 8 वा वर्ल्ड ओवेरियन कैंसर डे मनाया जा रहा है। इस दिन बहुत सी आर्गेनाईजेशन मिलकर  ओवरियन कैंसर के बारे में जागरूकता अभियान चलाती हैं। लेकिन क्या आप इसके बारे में जानते हैं? हां आम तौर पर कैंसर को हम सब जानते हैं, लेकिन फिर भी महिलाओं में होने वाले इस कैंसर के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं।
लगभग 100 प्रकार के कैंसर होते है और वो तक़रीबन हमारे शरीर के हर हिस्से में हो सकते हैं। आज तक हम ज्यादातर ब्लड कैंसर, ब्रैस्ट कैंसर, लंग कैंसर, स्किन कैंसर आदि आम तौर पर होने वाले कैंसर के बारे में ही सुनते आये हैं। लेकिन ओवेरियन कैंसर भी महिलाओं में ज़्यादातर होने वाले कैंसर में से एक है। आइये जानते है इसके बारे में।

डिस्क्लेमर : ध्यान दें, इस पोस्ट में दी गयी जानकारी बहुत ही बेसिक है। यदि आप इनमें से कोई भी लक्षण महसूस करें तो कृपया आप अपने चिकित्स्क से परामर्श लें।

ओवेरियन कैंसर डे के दिन जानिये कि ओवेरियन कैंसर में क्या होता है

महिला की ओवरी कई तरह की कोशिकाओं से निर्मित होती है। गर्भाश्य के आस-पास मौजूद दो छोटे अंगों को ओवरी या अंडाशय कहते हैं। यह महिला के प्रजनन अंग का एक हिस्सा है, जिसकी मदद से ही महिला गर्भघारण करने में सक्षम होती है लेकिन जब ओवरी में किसी तरह का विकार या घाव हो जाए तो कैंसर की शुरुआत होनी शुरू हो जाती है।

ओवेरियन कैंसर के कारण

इसकी कई वजह हो सकती हैं। लेकिन ये कैंसर अधिकतर 65 वर्ष से ऊपर की महिलाओं में ज़्यादा पाया जाता है। और अगर किसी को पहले से ब्रैस्ट कैंसर हों तो उनमे इस कैंसर का ख़तरा ज्यादा होता है। ये एक जेनेटिकल प्रॉब्लम भी है। मतलब अगर आपके परिवार में किसी को पहले से ओवेरियन कैंसर है तो इसके चांसेज़ ज्यादा हो जाते है। अधिक मोटापा भी इसका कारण है। हॉरमोन रिप्लेसमेंट थेरेपी के बाद भी इसका ख़तरा ज्यादा बढ़ जाता है। साथ ही जिन महिलाओं में मेंस्टुरेशन जल्दी शुरू हो जाता है और देर से जाता है, उन महिलाओं को भी इसका ख़तरा ज्यादा होता है।

ओवेरियन कैंसर के लक्षण

अक्सर हम महिलाएं वजाइना में होने वाले दर्द को नज़रअंदाज़ कर देते हैं लेकिन ये दर्द कई बार घातक साबित हो सकता है। और इस कैंसर के लक्षण भी सामान्य हीं है।

पेट और पीठ में दर्द होना, बार बार थकावट महसूस होना, मेन्सुरल साइकिल में परिवर्तन होना, पीरियड्स नहीं होने पर भी ब्लडिंग होना, पेट फूलना, आदि सभी इसके लक्षण है। गौर करें तो इसके लक्षण वही सामान्य हैं इसीलिए अक्सर इस कैंसर का पता 3rd स्टेज पर ही चलता है, और फिर जिसका इलाज़ मुश्किल हो जाता है। इसीलिए बेहतर होता है की हम साल में एक बार पेल्विक जाँच ज़रूर करवा लें।

ओवेरियन कैंसर का इलाज़

इसके इलाज़ में कीमो थेरेपी, रेडियो थेरेपी, सर्जरी आदि होती है। आपका कैंसर कौन सी स्टेज पर है, उसके हिसाब से ही इलाज़ निर्धारित करा जाता है। हालांकि आम तौर पर तो सर्जरी ही इसका पहला उपचार है। जिसमे महिला के एक या फिर दोनों अंडाशय निकल दिए जाते हैं। उसके बाद कीमो थेरेपी, हार्मोन थेरेपी, या रेडियो थेरेपी का इस्तेमाल करा जाता है।

ओवेरियन कैंसर डे बचाव के तरीके के बारे में भी जागरूकता फैलता है

इससे हम कई प्रकार से बच सकते हैं। अगर आपके परिवार में पहले से ही किसी को ओवेरियन कैंसर या ब्रैस्ट कैंसर रह चुका है तो आप इसके परहेज़ ले और रेगुलर चेक अप करवाते रहें। अधिक वजन भी इसका मुख्य कारण है, तो कोशिश करे की आपका वजन जरूरत से ज्यादा न हो, इसीलिए नियमित व्यायाम करें। गर्भनिरोधक दवाइयों को लेने से बचें। इससे इसका ख़तरा बढ़ जाता है। अपनी मेंस्टुरेशन साइकिल को मेन्टेन रखें। और तम्बाकू, धूम्रपान, आदि का सेवन करने से बचें।

अक्सर हम महिलाएं ही इसे अनदेखा कर देती है। लेकिन आपको बता दूं पूरे विश्व में हर साल लगभग 2,30,000 महिलाओं को ओवेरियन कैंसर होता है। और जिनमें से ज्यादातर महिलाओं को आखिरी स्टेज पर पता चलता है और हर साल 150000 से ज्यादा महिलाओं की मौत ओवेरियन कैंसर की वजह से होती है।

बेहतर है आप सतर्क रहें, सावधान रहें और कोशिश करें की साल में एक बार पेल्विक चेक अप करवा लें। आप इसके बारे में अधिक से अधिक जागरूकता फ़ैलाये, क्यूँकि बहुत सी महिलाएं इसके बारे में जानती ही नहीं हैं और इसी वजह से उन्हें अंत में दिक़्क़तों का सामना करना पड़ता है।

मूल चित्र : Canva 

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About the Author

Shagun Mangal

A strong feminist who believes in the art of weaving words. When she finds the time, she argues with patriarchal people. Her day completes with her me-time journaling and is incomplete without writing 1000 read more...

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