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यदि आपकी बेटी का तलाक लेने का एकमात्र कारण यह है कि वे एक-दूसरे के साथ दुःखी हैं और एक-दूसरे से प्यार नहीं करते हैं, तो क्या आप उसका साथ देंगे?
अनुवाद : प्रगति अधिकारी
व्हाट्सएप और फेसबुक दोनों पर, मैंने एक ही टैगलाइन के साथ बहुत सारी पोस्ट देखीं जिसमें कहा गया था कि “एक तलाकशुदा बेटी एक मृत बेटी से बेहतर है”। जाहिर तौर पर वे इस दहलाने वाली खबर की प्रतिक्रिया में थे, जिसमें केरल में एक व्यक्ति पर अपनी पत्नी को कोबरा से कटवा कर मारने का आरोप लगाया गया था!
मूल रूप से, ये पोस्ट माता-पिता को ये सीखने का प्रयास करती हैं कि अगर उनकी बेटी दहेज उत्पीड़न या घरेलू हिंसा के कारण तलाक चाहती है, तो उसे घर से वापस न भेजें। उसे अपने पास ही रहने दें। बेटी को तलाक लेने दें। अन्यथा हिंसा या उत्पीड़न के कारण या तो उसकी मौत हो सकती है या वह आत्महत्या भी कर सकती है। इसलिए अच्छा होगा कि एक बार को ‘लोग क्या कहेंगे’ के सामाजिक कलंक को भूल जाएँ। बस आभारी रहें कि वह जीवित है।
तो ठीक। यह कहना पड़ता है। क्योंकि कई शादियों में घरेलू हिंसा और दहेज के कारन उत्पीड़न, चिंता का एक प्रमुख कारण है।
अगर आपके दामाद ने कभी आपकी बेटी पर हाथ नहीं उठाया है, उसने कभी दहेज नहीं लिया है या नहीं मांगा है, कभी उसके साथ धोखा नहीं किया है, शराब नहीं पीता है, जुआ नहीं करता है, आर्थिक रूप से बहुत जिम्मेदार है, कोई मनोवैज्ञानिक समस्या नहीं है, और आपकी बेटी तलाक चाहती है, तो क्या होगा?
क्या आप फिर भी उसका साथ देंगे? उसके साथ खड़े रहेंगे? उसको समझने की कोशिश करेंगे?
क्या सही संचार की कमी यानि खुल कर एक दूसरे से बात ना कर पाना, एक दूसरे को समझने की कमी, एक दूजे के साथ अनुकूलता की कमी, सम्मान की कमी, भावनात्मक, आध्यात्मिक, और यौन संबंध की कमी, बेटी का तलाक के लिए पर्याप्त कारण नहीं हैं?
परिवार वाले तो हमेशा यही कहेंगे, ‘ओह शादी निभाना इतना आसान नहीं होता, मेहनत लगती है इस रिश्ते को निभाने में, या यह सिर्फ एक फेज़ है थोड़ा समय दो सब ठीक हो जाएगा,’ या कोई भी शादी से असल में खुश नहीं होता है, ज्यादातर शादीशुदा लोग खुश नहीं रहते। अरे उस औरत को तो देखो, उसका पति कभी घर पर नहीं रहता लेकिन वह अभी भी उसके साथ है; या उस औरत को देखो, उसका पति उसे आर्थिक रूप से समर्थन नहीं करता है, फिर भी वह उसके साथ रहती है; या फिर ये, उस औरत को देखो, उसका पति उसका सारा पैसा शराब में उड़ा देता है , फिर भी वह उसके साथ ही रहती है; और ये? उस औरत को देखो, जिसके पति के इतने अफेयर्स हैं, हर कोई जानता है, वह भी जानती है, लेकिन वह फिर भी उसके साथ ही रहती है।’
‘अरे तुम तो खुशनसीब हो, तुम्हारा पति ऐसा नहीं है। तो फिर तुम उससे प्यार क्यों नहीं कर सकतीं? तुम उसके साथ क्यों नहीं रह सकतीं? थोड़ा एडजस्ट करो। बाकियों की तरह कोम्प्रोमाईज़ करना सीखो। तुम खुद को क्या समझती हो? कहीं की महारानी? जो तुम्हें सब कुछ चाहिए?’
क्यों घरेलू हिंसा, मारपीट या गाली-गलौज ही बेटी के तलाक के लिया अच्छे कारण होते हैं? क्यों शिक्षित और जागृत लोगों द्वारा लिखे गए लेख भी ऐसा ही कहते हैं?
क्यों रिश्ते में प्यार की कमी तलाक़ का एक पर्याप्त कारण नहीं है? क्यों इज़्ज़त की कमी, ना समझे जाना, कुछ ना समझना, रिश्ते में अनदेखा करना, तालक के पर्याप्त कारण नहीं माने जाते? क्यों एक रिश्ते में खुश ना रहना तलाक़ के लिए पर्याप्त कारण नहीं माना जाता?
यदि पति-पत्नी एक-दूसरे के साथ कई वर्षों से रह रहे हैं और वे काउंसलिंग और थेरेपी भी ले चुके हैं, लेकिन अभी भी वे साथ में एक दुखी जीवन व्यतीत कर रहे हैं और बाकी जीवन साथ में जीने के बारे में सोचें तो क्लस्ट्रोफोबिया और गहरी निराशा के अलावा कुछ भी महसूस नहीं होता, तो ऐसे में फिर बच्चे हों या ना हों, क्यों ये कारण आपकी बेटी का तलाक़ लेने के लिए पर्याप्त कारण नहीं है?
क्या आप चाहते हैं कि वे ऐसे पुराने जोड़े बन जाएं जो अपनी शादी की 50 वीं सालगिरह तो मनाते हैं, लेकिन सोते अलग-अलग कमरों में हैं? जिन्होंने सालों से के दूसरे का हाथ नहीं पकड़ा? सालों से सेक्स नहीं किया? एक दूसरे से ढंग से बात भी नहीं की?
आप उन्हें उस कपल के रूप में देखना चाहते हैं जो अपने स्कूल के व्हाट्सएप ग्रुप में पति-पत्नी वाले घटिया जोक्स शेयर करते हैं? वो जोक्स जिसमें पति पत्नी से और पत्नी पति से सतायी हुयी है?
आप चाहते कि वे भी ऐसी जोड़ी बन कर रह जाएँ, जहां एक दूसरे की नफरत एक आदत बन के रह गयी है? एक ऐसी आदत जिसके बिना रहा नहीं जाता?
आप चाहते हैं कि वे सिर्फ इसलिए एक दूसरे के साथ रहें क्यूंकि बाहरी दुनिया अजनबी है? दुष्ट है? जहां वे सुरक्षित नहीं रहेंगे? जाना पहचाना शैतान अनजाने शैतान से बेहतर है? क्यों कह दी ना आपके मन की बात?
या आप चाहते हैं कि वह इसलिए साथ रहें क्यूंकि आपको डर है कि बुढ़ापे या बीमारी में उनका ध्यान कौन रखेगा?
या आप चाहते हैं वे इसलिए साथ रहें क्यूंकि आपको डर है कि मरते वक़्त उनके साथ कौन होगा?
कृपया करके ऐसे लेख लिखते हुए तलाक़ के लिए कोई भी औचित्य देना बंद करें। घरेलु हिंसा, घरेलु शोषण जैसे कारण देने बंद करें। तलाक़ लेने के और भी कई कारण हो सकते हैं।
यदि एक जिम्मेदार, परिपक्व, बुद्धिमान वयस्क तलाक चाहता है, तो उनसे यह न पूछें, ‘क्यों?’
उन्हें तलाक लेने दें…
मूल चित्र : YouTube
Karishma has been writing short stories since she was 8 and poetry since she was 12. She ended up studying Zoology, then Montessori, and then psychology, always feeling ‘’something was missing’. She worked in the read more...
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