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तेरी मेरी बनती नहीं पर तेरे बिना मेरी चलती नहीं

पति पत्नी का रिश्ता ऐसा रिश्ता है जिसमे मीठे और नमकीन दोनों का स्वाद ज़रूरी है, यह 'तेरी मेरी बनती नहीं पर तेरे बिना मेरी चलती नहीं ' कहावत की तरह है।

पति पत्नी का रिश्ता ऐसा रिश्ता है जिसमे मीठे और नमकीन दोनों का स्वाद ज़रूरी है, यह ‘तेरी मेरी बनती नहीं पर तेरे बिना मेरी चलती नहीं ‘ कहावत की तरह है।

“हेलो, सुनीता आज मैं ऑफिस से आने में लेट हो जाऊंगा तुम बच्चों को सुला देना…खाने की चिंता मत करना मैं बाहर खा लूंगा।” 

“अच्छी बात है अमित… आपने बता दिया। मैं तो डिनर के मटर पनीर और पुलाव बनाने वाली थी। अब कल लंच में बना दूंगी।”

“इस शनिवार को हमारा प्लान है कि हम बाहर खाने चलेंगे” 

“देखते हैं यार क्या प्रोग्राम बनता है। अभी तक कोई फिक्स प्लान नही है। इस शनिवार को शायद बॉस मीटिंग के लिए न बुला ले।”

“अमित अब आप पहले जैसे नही रहे? माना आप पर ऑफिस की काफी ज़िम्मेदारी है। फिर भी आपको कुछ समय मेरे लिए भी निकालना चाहिये।”

“बस जब भी आपके साथ बैठो तो आप अपने मोबाइल से ही कुछ करते रहते हो, कभी कोई कॉल आ जाता है, तो कभी कोई मैसेज।”  सुनीता गुस्से में बोले जा रही थी, “अब हमारी पहले जैसे नहीं बनती, हम इस घर मे साथ तो रहते है पर हम अब अलग अलग हैं।”

“अरे तुम फिर शुरू हो गयी। सुबह सुबह मेरा मूड खराब मत करो। मैं ऑफिस जा रहा हूं। तुम तो सारा दिन घर में रहती हो, तुम्हें क्या पता कितना काम होता है? पूरा दिन बॉस की बात सुन कर परेशान हो जाता हूँ, ऊपर से अब तुम भी”…कहते हुए अमित चले गए।

अमित के जाने के बाद सुनीता ने सोचा मैंने फालतू ही इतना सब कह दिया। यदि एक शनिवार के हम कहीं नही जा पाए तो क्या हुआ। 

हमारे साथ बच्चे तो है ही इनके साथ मस्ती करते हुए समय का पता नही चलता और अमित कितना ध्यान रखते है मेरा और बच्चों का… मेरे हर शौक को तो पूरा किया है मुझे अमित को इतना नहीं कहना चाहिए था उन्हें कितना बुरा लगा

तभी सुनीता का मोबाइल बज उठा देखा तो अमित का कॉल था।

सुनीता : हां जी, बोलिये क्या हुआ।

अमित : सॉरी यार, तुम्हें मैंने गुस्सा किया और कुछ ज़्यादा ही बोल दिया।

सुनीता : आप क्यों सॉरी बोल रहे हो, सॉरी तो मुझे कहना चाहिए।

अमित : देखा हमारी आपस में कितनी पटती है? हम दोनों ही एक दूसरे को सॉरी बोल रहे हैं।

सुनीता : अब क्या करूँ यार “तेरी मेरी बनती नहीं , पर तेरे बिना मेरी चलती नहीं “ वाली बात हो गयी है। आपके साथ ही मेरे सुख दुःख है। जब तक आप साथ हो तो मुझे किसी का कोई डर नहीं।

अमित : सही कहा तुमने…तुम मेरी वो आदत बन गयी हो जिसे मैं कभी नहीं छोड़ सकता।

सुनीता : और मैं आपको अपनी ये आदत कभी छोड़ने नहीं दूंगी… फिर दोनो हँसने लगे।

दोस्तों, पति पत्नी का रिश्ता ऐसा रिश्ता है जिसमे मीठे और नमकीन दोनों का स्वाद है। तो आप अपने इस रिश्ते में प्यार की मिठास का तड़का लगाते रहिये।

मूल चित्र : Canva

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