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जो मर्द औरत से जलन रखता है वह मन ही मन बखूबी जानता है कि एक औरत बहुत सारे रोल को बखूबी और उससे ज़्यादा अच्छे से निभाती है।
“नेहा .. नेहा जल्दी आओ, ये देखो सरप्राइज!” विकास अपनी पत्नी को बुलाता है।
“अरे वाह! ये अपनी कार है? लेकिन आप ने मुझे बताया भी नहीं और जाकर बोलेनो उठा लाए? अरे इससे अच्छी गाड़ी तो आई टवैन्टी थी। हर लिहाज में बलोनो से अच्छी है और बजट फ्रैंडली भी है।” नेहा ने कहा।
नेहा की कही बात विकास को बिलकुल पसंद नहीं आई। और सबसे बड़ी बात ये थी कि नेहा को कार के बारे में इतना पता है? ये बात उसे पच नहीं रही थी। विकास महिलाओं को अपने से नीचे देखता था। उन्हें अपने बराबर तो बिलकुल नहीं समझता था। लेकिन नेहा हर मामले में विकास से ज्यादा पढ़ी – लिखी और समझदार थी। इसलिए कहीं न कहीं विकास को नेहा से जलन थी।
दूसरे दिन नेहा ने कहा, “मैं कार चलाना सीखना चाहती हूं। पास ही में ड्राइविंग क्लासेस चलती है। मैं आज वहां एडमिशन ले लेती हूं।”
नेहा की बात सुनते ही विकास ज़ोर-ज़ोर से हँसने लगा और कहने लगा, “तुम गाड़ी चलाना सीखोंगी? तुम घर संभालो, वही बहुत है। औरतें कभी ढंग से गाड़ी नहीं चला सकतीं। । तुम्हें पता है औरतें सबसे ज्यादा एक्सीडेंट करती हैं? कार चलानी तो आती है नहीं लेकिन पुरूष के बराबर बनने के लिए कार लेकर निकल पड़ती हैं। और रास्ते भर ठोकती चलती है। मुझे तो रास्ते में कोई औरत कार चलाते दिख जाती है तो मैं तो रास्ता ही बदल लेता हूं। नहीं तो गाड़ी ठोककर उल्टे दूसरों को ही सुनाने लगती हैं। हर जगह वूमन कार्ड खेलने लगती हैं।”
नेहा चाहती तो विकास के हर बात का जवाब दे सकती थी लेकिन उसने सोचा कि ऐसे नहीं, वो कार चलाना सीख कर, विकास को इसका जवाब देगी।
नेहा ने क्लासेज ज्वाइन कर लीं और कार चलाना सीख लिया। एक दिन अचानक रवि की तबीयत बिगड़ने लगी, ना जाने पेट में असहनीय दर्द उभर आया। हालत ऐसी थी कि दस मिनट के अंदर अगर डाॅक्टर के पास नहीं ले जाया गया तो, विकास की हालत और ख़राब हो जायेगी। नेहा ने तुरंत कार निकाली और विकास को बिठाया और जल्द ही डॉक्टर के पास ले गई।
डाॅक्टर ने टेस्ट किया तो पता चला कि विकास के पेट में “अलसर ” नामक बीमारी हो गई है। डाॅक्टर ने दवाईयां लिख दी और कहा, अच्छा हुआ जो आप इन्हें जल्दी ले आई अभी बीमारी शुरूआती दौर में है। मैंने दवाइयां लिख दी है, इन दवाइयों से ठीक हो जाएंगे।
घर पहुंचते ही विकास का पहला सवाल था, “तुमने गाड़ी चलाना कब सीखा?”
इसपर नेहा ने कहा, “उसी दिन जिस दिन तुम औरतों के गाड़ी न चलाने की नसीहतें और गाड़ी चलाने का नुकसान गिना रहे थे। तुम्हारा कहना था कि औरतें ढंग से गाड़ी चला ही नहीं सकती हैं। आज एक औरत ही तुम्हें गाड़ी में बिठाकर डाॅक्टर के पास तुम्हारा इलाज कराने ले गई थी। शायद तुम भूल गए हो कि एक औरत अच्छी होममेकर के साथ अच्छी पायलट, वैज्ञानिक, नेत्री, प्लेयर, रेसलर, अभिनेत्री और भी बहुत सारे काम को बखूबी निभाती है। लेकिन तुम पुरुष उसे अपनी बराबरी पर देख ही नहीं सकते। हमेशा उसे अपने पांव तले दबे देखना चाहते हो। उसे बराबरी का दर्जा नहीं देना चाहते।”
नेहा की बातें सुनकर विकास का सर शर्म से झुक गया।
मूल चित्र : Canva
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