कोरोना वायरस के प्रकोप में, हम औरतें कैसे, इस मुश्किल का सामना करते हुए भी, एक दूसरे का समर्थन कर सकती हैं?  जानने के लिए चेक करें हमारी स्पेशल फीड!

बहुत चुभती हैं समाज की नज़र में…ये बेबाक सी लड़कियां…

नहीं करना चाहतीं वो हरगिज़ इबादत पिट कर, बेइज्जत होकर गालियां खाकर जो चाहते हैं पूजे जायें, ईश्वर कहे जाएँ, वे बिन अपराध के सजा झेलती जायें। 

नहीं करना चाहतीं वो हरगिज़ इबादत पिट कर, बेइज्जत होकर गालियां खाकर जो चाहते हैं पूजे जायें, ईश्वर कहे जाएँ, वे बिन अपराध के सजा झेलती जायें। 

बड़ी चुभती हैं समाज की नज़र में
चलती है जब मनचाही डगर में
आसमां को चुनती हैं, जैसे चिड़िया
हिम्मतवाली वो बेबाक सी लड़कियां।

नहीं मांगना चाहतीं वो इजाज़त
समाज के सामन्तों और मालिकों से
जिन्हें किसी ने नहीं दिया मालिकाना हक
जो समझते हैं उन पर अपना प्रभुत्व।

नहीं करना चाहतीं वो हरगिज़ इबादत
पिट कर, बेइज्जत होकर गालियां खाकर
जो चाहते हैं पूजे जायें, ईश्वर कहे जाएँ
वे बिन अपराध के सजा झेलती जायें।

वो चुनती हैं अपने लिए खुला आसमान
सर्वोपरि होता है उनका आत्मसम्मान
ना डरती हैं, ना झुकती हैं वो लड़कियां
खुलकर मुस्कातीं बेबाक लड़कियां।

अपने सपने पूरे करने का जज्बा रखती हैं
अकेली ही सही मगर मंजिल तय करती हैं
आंसुओं को छोड़ बेखौफ खिलखिलाती हैं
साहस और शक्ति को पहचान बनाती हैं।

कभी लज्जाहीन और बेशर्म भी कहाती हैं
पुरूष की पहुंच से जब बाहर हो जाती हैं
झुंझलाता है, चिल्लाता है, इल्ज़ाम लगाता है
मगर उससे ना घबरातीं वो बेबाक लड़कियां।

मूल चित्र : Canva 

विमेन्सवेब एक खुला मंच है, जो विविध विचारों को प्रकाशित करता है। इस लेख में प्रकट किये गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं जो ज़रुरी नहीं की इस मंच की सोच को प्रतिबिम्बित करते हो।यदि आपके संपूरक या भिन्न विचार हों  तो आप भी विमेन्स वेब के लिए लिख सकते हैं।

About the Author

13 Posts | 239,854 Views
All Categories