कोरोना वायरस के प्रकोप में, हम औरतें कैसे, इस मुश्किल का सामना करते हुए भी, एक दूसरे का समर्थन कर सकती हैं?  जानने के लिए चेक करें हमारी स्पेशल फीड!

आखिर कब तक सब्र रखें!

उजड़ी हुई मांग के, सिंदूरी रंग को, आखिर कब तक, लिपटा कफन में देखें! शहीदों की कब्रों पर, आखिर कब तक सब्र रखें!

उजड़ी हुई मांग के, सिंदूरी रंग को, आखिर कब तक, लिपटा कफन में देखें! शहीदों की कब्रों पर, आखिर कब तक सब्र रखें!

शहीदों की कब्रों पर,

आखिर कब तक सब्र रखें!

अरे! और कब तक!

मौन अपनी बंदूकें रखें!

मासूम से छिनता साया, बाप का देख,

आँसूओं को कब तक, आंख में बन्द रखें!

उजड़ी हुई मांग के, सिंदूरी रंग को,

आखिर कब तक, लिपटा कफन में देखें!

अरे! और कब तक!

शहीद की अर्थी को,

बूढ़े बाप को, कंधा देते हुए देखें!

बहुत रोता है, दिल!

जब वीरों की शहादत पर,

नेताओं को बयानबाजी करते देखें!

हो चुकी, बहुत कहनी-सुनी!

अब बस! युद्ध शंखनाद!

अपने पास रखें।!

मूल चित्र: Canva

विमेन्सवेब एक खुला मंच है, जो विविध विचारों को प्रकाशित करता है। इस लेख में प्रकट किये गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं जो ज़रुरी नहीं की इस मंच की सोच को प्रतिबिम्बित करते हो।यदि आपके संपूरक या भिन्न विचार हों  तो आप भी विमेन्स वेब के लिए लिख सकते हैं।

About the Author

14 Posts | 121,874 Views
All Categories