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आँचल आशीष कहती हैं कि किचन में मेरे साथ हमेशा डायरी और पेन होते हैं तो कई बार खाना बनाते बनाते भी मैं अपने ख़यालों को उतार लेती हूँ।
आँचल आशीष कहती हैं कि किचन में मेरे साथ हमेशा डायरी और पेन होते हैं तो अक्सर खाना बनाते बनाते भी मैं अपने ख़यालों को उतार लेती हूँ।
जैसा कि आप सब जानते हैं कि हम आपको अपने कुछ चुनिंदा टॉप ऑथर्स को हिंदी टॉप ऑथर सीरीज़ के ज़रिये मिलवाने ला रहे हैं, तो क्या आज आप अपने अगले फेवरेट ऑथर से मिलने के लिए तैयार हैं?
हमारे टॉप ऑथर्स की इस सीरीज़ में मिलिए हमारे अगले टॉप ऑथर आँचल आशीष से
आँचल आशीष अपनी कहानियों और कविताओं के ज़रिये बहुत सुंदरता के साथ अपनी बात हम सब के सामने रख जाती हैं। आँचल आशीष अपने लेखन के ज़रिये समाज में बदलाव लाने में विश्वास रखती हैं और काल्पनिक कहानियाँ को वास्तविक किरदार के साथ लिखना चाहती हैं।
आँचल आशीष के लेख अक्सर फीचर्ड लेख के कॉलम में प्रकाशित होते हैं। उम्मीद है आपने ज़रूर पढ़े होंगे और अगर नहीं पढ़े हैं तो आज ही पढ़े।
17 – 18 साल की उम्र में मुझे लगने लगा की कुछ चीज़ें हैं जो मैं अचीव नहीं कर पा रही हूँ। मैं जिस परिवेश में थी, वहां मैं चाह कर भी कुछ चीज़ें नहीं बदल पा रही थी। तो मुझे लगा कि शायद मैं अपनी लेखनी से कुछ बदल पाऊं, शायद मेरी बात लेखन के ज़रिये लोगो तक पहुंच पाए। बस वहीं से मेरे लिखने की शुरुवात हो गयी थी। उसके बाद शादी बच्चे आदि सब के चलते लिखना कहीं छूट गया था। फिर जब बच्चे बड़े हुए तो, धीरे धीरे वापस डायरी में लिखने लगी। फिर जब मुझे विमेंस वेब के बारे में पता चला तो मैंने यहां लिखना शुरू किया तो कह सकती हूँ कि मेरे लेखन की शुरूवात विमेंस वेब के ज़रिये हुई।
मैंने बचपन से कहानियाँ बहुत पढ़ी है। मुझे लगता है जब कहानियों को रियल केरेक्टर्स के साथ लिखा जाता है तो उनका अलग ही प्रभाव पड़ता है। और जब मैं ये लिखती हूँ तो मेरे रीडर्स कहते हैं कि ये आप बहुत अच्छा लिखती हैं। तो मेरी कोशिश रहती है कि मैं काल्पनिक कहानियाँ वास्तविक किरदारों के साथ लिखूं। एक होम मेकर होने के नाते में अपने आस पास ऐसी कई चीज़ों को देखती हूँ और मुझे लगता है कि उन छोटी छोटी चीज़ों को हम नज़रअंदाज़ कर देते हैं जो बहुत मायने रखती हैं।
एक होम मेकर के पास समय की बहुत किल्लत रहती है। ऐसे में कोशिश रहती है की जब रात में सब सो जाते हैं तो उसके बाद लिखुँ। तो अक्सर रात में 11 बजे के बाद ही लिखती हूँ। और मेरे किचन में मेरे साथ हमेशा मेरी डायरी और पेन होते हैं तो अक्सर खाना बनाते बनाते भी मैं अपने ख़यालों को उतार लेती हूँ।
ये डिपेंड करता है कि मैं क्या लिख रहीं हूँ। कई चीज़ें होती हैं जो बड़ी सुलझी हुई होती हैं तो उन चीज़ों को मैं एक घंटे में लिख लेती हूँ। और जबकि कई चीज़ें होती हैं जो काफी छोटी होती है लेकिन बड़ी कॉम्प्लिकेटेड सी होती हैं, तो उन में समय लग जाता है। कवितायेँ लिखने में मुझे 2 – 3 दिन लग जाते हैं। क्यूंकि कविता में मुझे कभी सेटिस्फैक्शन नहीं मिलता है। हमेशा लगता है की इस में कुछ तो छूट रहा है। और कई बार तो ऐसा भी होता है की जैसे कोई कविता आज लिखनी शुरू करी हो और 10 दिन बाद में उसे ख़त्म कर कर रहीं हूँ।
मेरे लिए लिखना मेरे पूरे दिन का सबसे खुशनुमा पल है। जब मैं लिख रही होती हूँ तो उस समय मैं सबसे ज्यादा खुश रहती हूँ। एक यही चीज़ है जिसे करकर मुझे सबसे ज्यादा ख़ुशी मिलती है। मुझे लगता है की लेखन के माध्यम से मैं समाज से लेकर अपने परिवार तक सबसे जुडी हुई हूँ।
मेरे दोस्त और परिवार सभी लोग मेरे लेख पढ़ते हैं। और उनसे मुझे पूरा सपोर्ट मिलता है। वहीं से मुझे अपने आप को और बेहतर करने के सुझाव भी मिलते हैं। मेरी 11 साल की बेटी मेरे हर लेख को पढ़ती है। उस में से कुछ चीज़ें उसे समझ आती है कुछ नहीं समझ आती है। लेकिन वो हमेशा मुझे मोटीवेट करती है।
इस खूबसूरत सफर में मैं हर नया सीख रही हूँ और यही मैं आगे भी चाहती हूँ। मैं बस इतना ही कहना चाहूंगी कि अब मैं दिल से बहुत ख़ुशी महसूस करती हूँ। मेरी फैमिली मुझ पर बहुत गर्व महसूस करती है। और मेरे लिए यही सबसे बड़ी चीज़ है।
ये मेरे लिए एक ऐसा अहसास है जिसे मैं शब्दों में बयाँ नहीं कर सकती हूँ। मेरे बच्चें मुझ पर बहुत गर्व महसूस करते हैं। मेरे पुराने दोस्त मुझे अब पहचानने लगे हैं। मुझे इस बात की बहुत ख़ुशी है कि एक होम मेकर होने के साथ साथ मैंने अपने लिए एक जगह बनाई है। बस यही छोटे छोटे पल मेरे लिए बहुत बड़े अचीवमेंटंस हैं।
राइटिंग के अलावा मुझे फॉक म्यूजिक बहुत पसंद है। मैं किचन में अक्सर म्यूजिक सुनती हूँ। मुझे अपने बच्चों के साथ वॉक करना बहुत पसंद है। किताबे पढ़ना मुझे सुकून देता है ख़ासकर के हिंदी लिटरेचर। बस मुझे यही छोटी छोटी चीज़े सबसे ज़्यादा ख़ुशी देती हैं।
विमेंस वेब ने मुझे एक ऐसी जगह दी है जहां मैं अपनी बात अपने तरीक़े से रख सकती हूँ। इसके ज़रिये मैं अपनी बात अनगिनत लोगों तक पहुंचा सकती हूँ। अब मुझे बहुत सराहना मिलती है। इन सब की वजह से विमेंस वेब मेरे लिए बहुत खास है।
तो ये थी आँचल आशीष से हमारी एक छोटी सी मुलाकात। आँचल आशीष कहती हैं कि अभी मुझे अपने लेखों में बहुत सुधार करना है। अभी मैं अपने आप से संतुष्ट नहीं हूँ। इनके लिए छोटे छोटे पल बहुत मायने रखते हैं जिन्हें हम अक्सर अनदेखा कर देते हैं। यें एक ऐसी महिला हैं जो अपने आस पास से हर छोटी बड़ी चीज़ से नया सिखना चाहती हैं।
नोट : जुड़े रहिये हमारी टॉप ऑथर्स की इस खास सीरिज़ के साथ। हम ज़ल्द ही सभी इंटरव्यू आपसे साझा करेंगे।
मूल चित्र : आँचल की एल्बम
A strong feminist who believes in the art of weaving words. When she finds the time, she argues with patriarchal people. Her day completes with her me-time journaling and is incomplete without writing 1000 read more...
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