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बोलो कौन देता है गवाही बेशर्म से रसूखदारों के, मलिन इतिहास की? कौड़ियों में बिक रहे मज़बूर से अहसास की? बोलो कौन देता है गवाही?
हर वर्ग की महिलाओं को समर्पित…
बोलो कौन देता है गवाही रोती, बिलखती, चीखती स्याह काली रात की? चीथड़े से उड़ने वाले स्त्रियों के जज़्बात की?
बोलो कौन देता है गवाही बेवजह लुट जाने वाली मान, मर्यादा और लाज की? मौन रहकर तमाशबीन से लापरवाही दिखाते समाज की?
बोलो कौन देता है गवाही मानुष रूपी भेड़ियों के वीभत्स से आघात की? बेमन यूँ ही बन खिलौना लुटते बचपनों के हालात की?
बोलो कौन देता है गवाही बेशर्म से रसूखदारों के मलिन इतिहास की? कौड़ियों में बिक रहे मज़बूर से अहसास की?
बोलो कौन देता है गवाही हर रोज मरकर जी रही वीरांगनाओं की हर साँस की? जानवरों को एक दिन बदल फिर मानुष बनाने की आस की?
बोलो, कौन देता है गवाही?
मूल चित्र : Canva
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