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आप को भी शायद कई लोगों ने ट्रेंडिंग 'चैलेंज एक्सेप्टेड' में ब्लैक एंड व्हाइट पिक्चर पोस्ट करने को कहा होगा, लेकिन क्या आप जानते हैं इसके पीछे की कहानी?
आप को भी शायद कई लोगों ने ट्रेंडिंग ‘चैलेंज एक्सेप्टेड’ में ब्लैक एंड व्हाइट पिक्चर पोस्ट करने को कहा होगा, लेकिन क्या आप जानते हैं इसके पीछे की कहानी?
एक बार फिर सोशल मीडिया एक नए ट्रेंड से भर गया है। और इस बार ये सिर्फ महिलाओं के लिए है। हैश टैग चैलेंज एक्सेप्टेड के साथ महिलाएं अपनी ब्लैक एंड व्हाइट पिक्चर अपलोड कर रही हैं। #challengeaccepted, #womensupportingwomen, #blackandwhitechallenge कुछ इस तरह के हैश टैग के साथ महिलाएं अपने अन्य साथियों को भी इस ट्रेंड में हिस्सा लेने के लिए नॉमिनेट कर रही हैं।
लेकिन ये ट्रेंड शुरू कहाँ से हुआ? क्या ये #metoo #blacklivesmatter की तरह है या #sareechallange की तरह? आखिर इस तरह मोनोक्रोम पिक्चर अपलोड करने का वीमेन एम्पॉवरमेंट से कहाँ संबंध हैं? फिर कई लोग इसे क्यों ट्रोल कर रहें हैं तो कई क्यों इसे सेलिब्रेट कर रहें हैं?
यह ट्रेंड एक्जैटली कहाँ से शुरू हुआ, ये कह पाना तो मुश्किल है। क्योंकि इससे पहले भी 2016 में इसी तरह का ट्रेंड सोशल मीडिया पर देखने को मिला था जो कि कैंसर के लिए जागरूक करने के लिए था। और अभी एक बार फिर से शुरू हुआ है। और देखते ही देखते इस हैश टैग के साथ लाखों पिक्चर्स अपलोड करी जा चुकी है।
अभी इसके मुख्य 2 कारण निकल कर सामने आ रहे हैं :
पहला : पीआर सोशल मीडिया मैनेजर क्रिस्टीन अब्राम के अनुसार, अमेरिकी कांग्रेसी महिला अलेक्जेंड्रिया ओकासियो-कॉर्टेज़ को एक मेल पॉलिटिशियन ने फ*** बि* कह दिया था और इसी घटना के बाद से यह शुरू हुआ।
दूसरा : कुछ लोगों का कहना है कि ये टर्की से शुरू हुआ है। तुर्की/टर्की में महिलाओं ने पिछले सप्ताह नशीली दवाओं और घरेलू हिंसा का विरोध करने के लिए सोशल मीडिया पर ब्लैक एंड व्हाइट तस्वीरें पोस्ट करना शुरू कर दिया था। और इस महीने एक 27 वर्ष की छात्रा को उसके कथित एक्स बॉयफ्रेंड ने बड़ी बेरहमी से हत्या करे जाने के विरोध में यह ट्रेंड शुरू हुआ था।
तुर्की में महिलाओं की स्थिति बद्तर है। वहाँ 15 – 60 साल तक की महिलाओं में से लगभग 42% महिलाऍ किसी न किसी तरह के सेक्सुअल या फिजिकल वायलेंस का सामना करती हैं। और तो और वहां के प्रेजिडेंट के अनुसार पुरुष और महिलाएँ समान नहीं हैं। पता नहीं इन्होंने कहाँ से शिक्षा ली है।
खेैर इससे साफ़ जाहिर होता है अभी भी हम महिलाओं की लड़ाई लम्बी है। और इन्हीं छोटे छोटे कदमों से हम अपनी आवाज़ उठा सकते हैं और एक नये समाज का गठन कर सकते हैं जहाँ लड़के और लड़कियों में भेद भाव नहीं हो।
पूरी दुनिया की महिलाएं इस ट्रेंड में हिस्सा ले रही हैं। भारत में भी सेलेब्रिटीज़ से लेकर आम महिलाएं सभी बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। सारा अली खान, सोनम कपूर, करीना कपूर खान, जान्हवी कपूर, भूमि पेंडेकर, दिया मिर्ज़ा, तापसी पन्नू आदि अपने सोशल मीडिया हैंडल पर तस्वीरें पोस्ट कर रहें हैं।
नोट करने की बात ये है कि हर कोई इसे अपने तऱीके से पोस्ट कर रहा है और स्त्री सशक्तिकरण की बात कर रहा है।
लेकिन हमेशा की तरह कुछ नेटिज़ेन्स इसका मज़ाक बना रहें हैं। इसमें पुरुष ही नहीं महिलाएं भी शामिल हैं। हां क्यूंकि शायद उन लोगो के लिए इंटरनेट केवल दूसरों को नीचा दिखाना और मजाक के लिए ही है। अगर कोई अपने व्यूज़ शेयर करें तो उस में भी कुछ नेटिज़न्स को दिक्कत होती है और अगर कोई सिर्फ दो शब्द से अपनी बात कहें तो उसमे भी उन्हें दिक्कत है।
जहाँ एक और इंटरनेट रेप थ्रेट्स और हैरासमेंट से भरा हुआ था अगर वहीं इस तरह की पिक्चर्स पोस्ट करने से एक पॉजिटिविटी और वीमेन एम्पावरमेंट की बात आती है तो इसमें दिक्कत कहाँ हैं।
खैर अगर ये सब सभी को समझ आने लग जाये तो शायद आये दिन महिलाओं को ऑनलाइन हिंसा का सामना न करना पडे़।
अगर आपको भी इस तरह के पिक्चर्स पोस्ट करके ख़ुशी मिल रही है और इस से लॉकडाउन में थोड़ी भी पॉजिटिविटी का अहसास हो रहा है तो इसे बेशक़ अपने तरीके से करिये और अपने साथियों को भी करने को कहिये। और अगर आपको इस ट्रेंड का हिस्सा नहीं बनाना है तो मत बनिये। यह पूरी तरह से आपकी चॉइस है। लेकिन दूसरों को करने के लिए या न करने के लिए बाधित मत करिये। सबको अपने हिसाब से अपना जीवन जीने दे।
याद रखें हम महिलाओं को ही एक दूसरे के लिए खड़ा होना है और हर चुनौती का ज़वाब देना है। इस बार हमें बस अपनी गैलरी से उन खुशियों को सबके साथ बांटना है जिससे हमें कॉंफिडेंट, ब्यूटीफुलऔर एमपॉवर महसूस होता है।
गो अहेड ऑल द स्ट्रांग लेडिज़ !!
मूल चित्र : इंस्टाग्राम
A strong feminist who believes in the art of weaving words. When she finds the time, she argues with patriarchal people. Her day completes with her me-time journaling and is incomplete without writing 1000 read more...
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