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सत्तू का शरबत और बेल का शरबत, बर्फ की ठंडक से भरे ये दो शर्बत गर्मियों में शरीर को एनर्जी और ताजगी दोनों देते हैं और आज यहां है इसकी रेसिपी।
“मम्मी ये सत्तू क्या होता है? (मेरी सहेली प्रियंका रोज कहती कि मैं आज सत्तू पीकर आई हूँ।) आपको बनाना आता है?” मेरी बेटी ने मुझसे पूछा।
मैंने कहा “हाँ बेटा, सत्तू तो बहुत पौष्टिक होता है, मुझे आता है बनाना। “
सत्तू एक ऐसा आहार है जो बनाने में बहुत सरल है। सस्ता है, शरीर व स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा है। यह पाचन में भी सहयोग करता है। गर्मियों में इसको पीने से शरीर मे ठंडक बनी रहती है। तुम्हारी नानी तो सर्दियों में इसके परांठे भी बनाती है। सत्तु बनाने के लिए हमें सिर्फ 3 चीज़ चाहिए।
“अच्छा मम्मी बस 3 चीज़ से बन जाता है सत्तू?” मेरी बेटी ने बहुत हैरान होकर पूछा।
चने की दाल – एक किलो
गेहूँ – आधा किलो और
जौ – 200 ग्राम
तीनों को 7-8 घंटे पानी में भिगो दें, जब ये गल जाए तो इन्हें सुखा लेते हैं और जौ को साफ करके तीनों को अलग-अलग भूनकर, तीनों को मिला लेते हैं और पिसवा लेते हैं। यह गेहूँ, जौ, चने का सत्तू है।
यदि आप सत्तू को नमकीन पीना चाहते हो तो उचित मात्रा में पिसा जीरा व नमक, पानी में डालकर इसी पानी में सत्तू घोलें। इच्छा के अनुसार इसे पतला या गाढ़ा रख सकते हैं।
सत्तू के घोल में गुठलियां न रहने पाएं, इसका ध्यान रखना नहीं तो पीने में स्वाद खराब लगेगा।
आप मीठा सत्तू शरबत पीना चाहो, तो सत्तू के घोल में शक्कर या गुड़ पानी में घोलकर, सत्तू को भी इसी पानी से घोलें।
“अब बता मेरी लाड़ो तुझे कौन सा बनाकर दूँ?”
“वाह मम्मी, आप तो मुझे मीठा सत्तू बना दो, मेरा फ़ेवरेट।”
सत्तू का सेवन करने से गर्मी से बचा जा सकता है। आप भी अपने परिवार वालों के लिए इसको जरूर बनाएं और सबको पिलाएं।
बेल का फल, पत्ते, छाल और जड़ सभी दवा के रूप मे काम आते हैं। यह भगवान शिव को भी सावन मास में अर्पित किया जाता है। बेल में भरपूर मात्रा में फाइबर होता है। यह पेट के पाचनतंत्र के लिए बहुत सहायक है। यह गर्मियों में लू से बचने का अचूक रामबाण है। गर्मियों में बेल की मिठास और बर्फ की ठंडक से भरा बेल शरबत शरीर को एनर्जी और ताजगी दोनों देता है। इन्ही कारणों की वजह ये एक बहुत ही फायदेमंद फल है।
बेल के ऊपरी कड़क हिस्से को तोड़कर अंदर के पल्प को पानी में भिगो दें। तीन चार घंटे बाद गूदे/पल्प को पानी में मसल लें। और बीजों को हटा दीजिये। इस पानी को सूप छलनी से छान लें। छानने के लिए स्टील की छलनी लें। चम्मच से थोड़ा दबा कर पानी डालकर गूदा/पल्प अच्छे से निकाल लें| छने हुए गूदे/पल्प में यदि चाहें तो जरूरत के हिसाब से और पानी मिला लें। अब इसमें स्वाद के अनुसार चीनी, काला नमक, थोड़ी काली मिर्च मिलाकर सर्विंग गिलास में डालकर सर्व कीजिये।
इस चिलचिलाती गर्मी से निजात दिलाने में यह जूस बहुत अच्छा है। यह आपको और आपके परिवार वालों को जरूर पसंद आएगा।
बेल का गूदा/पल्प पका हुआ यानी थोड़ा लाल होना चाहिए। गूदा अगर सफेद या पीला है तो यह कच्चा है।
बेल के बीजों को नहीं मसलना चाहिए वर्ना जूस का स्वाद खराब हो सकता है।
बेल के गूदे/पल्प को मिक्सी में बीज सहित घुमाने से भी जूस का स्वाद बिगड़ जाता है।
खरबूजे के आकार का बेल है तो चार ग्लास जूस के लिए चौथाई पल्प ही काफी होगा।
यह ठंडा-ठंडा बेल का शरबत और सत्तू का शरबत कैसा लगा, मुझे ज़रूर बताना।
मूल चित्र : Canva
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