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मुझे अपने फैसले पर गर्व होता है कि मैंने जय को अपना जीवन साथी चुना। जय ने मेरा जीवन खुशियों से भर दिया है। आज हम दोनों सफल वैवाहिक जीवन व्यतीत कर रहे हैं।
अंकिता आज बहुत खुश थी। खुश भी क्यों ना हो आज उसकी शादी की सालगिरह जो थी। अंकिता की रोज की आदत थी बालकनी में बैठकर चाय पीती थी और सुबह-सुबह एहसान पर गाने सुनती थी।
अंकिता चाय का प्याला लेकर बालकनी में बैठती है और ऐसे पर बड़ा ही प्यारा गाना आ रहा होता है, ‘तुम जो आए जिंदगी में बात बन गई…’
यह गाना उसको बहुत ही ज्यादा पसंद था क्योंकि जब भी मैं यह गाना सुनती थी उसको अपने पति के साथ बिताए सभी पल याद आ जाते थे। आज भी उसे 8 साल पहले के पल याद आ जाते हैं, जब उसे जय से प्यार हो गया था।
जय और वह एक ही कॉलेज में साथ साथ पढ़ते थे। जय का व्यवहार बहुत ही अच्छा था। वो सभी की कद्र करने वाला लड़का था। पूरा कॉलेज उससे प्यार करता था क्योंकि वह सभी का बहुत ही ख्याल रखता था और सबकी मदद करता था। जब उसे यह पता चला कि जय के दिल में भी उसके लिए प्यार है और मन ही मन वो भी उससे प्यार करता है तो उसकी खुशी का ठिकाना नहीं था, वो सारा जीवन उसके साथ बिताना चाहती थी।
उसे याद है… जब उसने जय से लव मैरिज करने का निर्णय लिया था और जय ने उससे कहा था कि वह शादी के लिए तैयार है, लेकिन मामा जी ने मुझे एक सलाह दी है कि अंकिता पहले आप निर्भर हो जाए। तभी शादी करना क्योंकि तब तुम जीवन में आगे आने वाली चुनौतियों का सामना आसानी से कर पाओगे।
उसे भी जय की ये बात बहुत अच्छी लगी और मैं पूरी तैयारी के साथ अपना करियर बनाने में जुट गई पढ़ाई में अच्छी होने के कारण उसे सफलता भी 1 साल के अंदर मिल गई थी।
जय के बारे में जब वह घर वालों को बताती है। तब घर वाले बहुत नाराज होते हैं। उसे याद आता है कि घर वालों ने उसका कितना विरोध किया था। शादी में घर वालों की तरफ से कोई भी शामिल नहीं हुआ था। उस समय उसे लग रहा था कि कहीं उसका निर्णय गलत तो नहीं उसे बहुत ही दुख हुआ था। यह जानकर कि कोई भी उसकी खुशी में शरीक नहीं है।
ऊपर से चाचा जी ने तो साफ-साफ कह दिया था कि यह शादी ज्यादा दिन नहीं चलेगी क्योंकि हमारी जाति एक नहीं थी लेकिन मुझे जय पर पूरा भरोसा था क्योंकि जय प्यार के साथ-साथ मेरी इज्जत भी बहुत करता था।
आज मैं 6 साल के बेटे की मां हूं। मुझे अपने फैसले पर गर्व होता है कि मैंने जय को अपना जीवन साथी चुना। जय ने मेरा जीवन खुशियों से भर दिया है। आज हम दोनों सफल वैवाहिक जीवन व्यतीत कर रहे हैं।
इतने सालों में जय के व्यवहार को देखकर मम्मी पापा भी बहुत खुश हैं। जय ने अपने व्यवहार से सभी का दिल जीत लिया है। ये सोच ही रही थी कि जय एक प्यारा सा गिफ्ट लेकर बालकनी में आता है और उसके साथ-साथ गुनगुनाने लगता है, ‘तुम जो आए जिंदगी में बात बन गई…’
दोनों शाम की पार्टी की तैयारी करते हैं।
दोस्तों विवाह चाहे प्रेम विवाह हो या घरवालों द्वारा तय किया हो विवाह आपसी समझ से सफल होता है। जहां पति-पत्नी एक-दूसरे का आदर सम्मान करते हैं। वहां खुशियों का बसेरा होता है और जिंदगी खुशियों से भर जाती है जहां तेरा मेरा कुछ नहीं सब कुछ हमारा होता है।
मूल चित्र : Unsplash
Msc,B.Ed,बचपन से ही पढ़ने लिखने का शौक है कॉलेज के जमाने से ही लेख कविता और कहानियां लिख रही हूं मुझे सामाजिक मुद्दों पर लिखना पसंद है अपनी कहानियों के माध्यम से समाज में पॉजिटिव बदलाव लाना चाहती हूं। read more...
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