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विनीता धीमान कहती हैं कि मेरे लिए सबसे बढ़ा अचीवमेंट्स होता है जब लोग मेरे लेख को पढ़ते है और अपनी राय मेरे साथ उस विषय पर साझा करते हैं।
जैसा कि आप सब जानते हैं कि हम अपने चुनिंदा टॉप ऑथर्स को, हिंदी टॉप ऑथर सीरीज़ के ज़रिये, आपसे मिलवाने ला रहे हैं, तो क्या आज आप अपने अगले फेवरेट ऑथर से मिलने के लिए तैयार हैं?
हमारे टॉप ऑथर्स की इस सीरीज़ में मिलिए हमारे अगले टॉप ऑथर विनीता धीमान से
विनीता धीमान अपनी कहानियों के ज़रिये बड़ी से बड़ी पारिवारिक और सामाजिक परेशानी को बड़ी ही सरलता से कह जाती हैं। और शायद ये ही कारण है कि इनकी ज़्यादातर हर कहानी को हमारे पाठक खूब पसंद करते हैं। पारिवारिक मुद्दों के अलावा विनीता जी हम सब के साथ एक से एक स्वादिष्ट पेय और व्यंजनों की रेसिपीज़ भी खूब साझा करती हैं। विनीता धीमान के लेख अक्सर फीचर्ड लेख के कॉलम में प्रकाशित होते हैं। उम्मीद है आपने ज़रूर पढ़े होंगे और अगर नहीं पढ़े हैं तो आज ही पढ़े।
मुझे बचपन से लिखने का शौक था। उन दिनों में डायरी में लिखा करती थी। उसके बाद बड़े हुए और शादी वगैरह के चलते लिखना छूट गया था। लेकिन फिर मैंने दोबारा से लिखना शुरू किया। और पिछले 2 – 3 सालों से लगातार लिख रही हूँ।
मैं अपने आस पास जो चल रहा होता है, उस पर लिखना पसंद हूँ। जो मैंने सुना हुआ हो या महसूस किया हुआ हो, अक्सर उन्हें ही शब्दों में पिरोने की मेरी कोशिश रहती है। मेरे लेख सामाजिक मुद्दों के आस पास होते हैं।
नहीं। ऐसा कोई शिड्यूल नहीं हैं। जब भी मुझे टाइम मिलता है और लगता है की हाँ मैं अभी लिख सकती हूँ , तो बस मैं उसी समय लिखने लग जाती हूँ।
अगर मेरे पास समय होता है और मैं बाकि जिम्मेदारियों से उस समय घिरी हुई नहीं होती हूँ तो डेढ़ से दो घंटे में एक आर्टिकल तैयार कर देती हूँ। कभी कभी ज्यादा समय भी लग जाता है। यह कई बार डिपेंड करता है की मैं क्या लिख रही हूँ।
जब भी मैं कुछ लिखती हूँ तो सबसे पहले में अपने आप से जोड़ कर देखती हूँ। मैं सोचती हूँ की अगर मैं उस स्थिति में होती तो क्या करती। मानते हैं की सब की सोच अलग अलग होती है, पर मुझे लगता है एक पॉइंट पर आकर उस सिचुएशन से निकलने का तरीका सब का एक सा होता है।
जब से दोबारा लिखने लगी हूँ, तब से मैंने अपने अंदर कई तरह के बदलाव देखें हैं। अब मुझे अच्छा लगने लगा है। ये मेरे लिए ख़ुद को वक़्त देने जैसा है। पूरे दिन में एक वक़्त ऐसा आता है, जब मुझे लगता है की बस अब मुझे लिखना है तो लिखना है। मुझे अपने व्यूज़ लोगो तक पहुंचाने हैं। तब लिख कर ही मुझे सुकून मिलता है।
मेरी मम्मी मेरी सबसे बड़ी सपोर्टर हैं। चाहे कोई छोटी सी कविता हो या लम्बा आर्टिकल, वो हमेशा सुनती हैं और मुझे बताती है की इसमें ऐसे और बेहतर हो सकता था या ये बहुत अच्छा है। मेरे बच्चे अभी बहुत छोटे हैं लेकिन वो भी समझते हैं की हां ये वक़्त मम्मी का है, तो हमें उन्हें डिस्टर्ब नहीं करना। कहीं न कहीं वो भी मुझे सपोर्ट करते हैं।
मेरी पूरी फैमिली मुझे सपोर्ट करती हैं। इसके अलावा मेरे फ्रेंड्स भी मेरे आर्टिकल्स पढ़ते है और मुझे निरंतर आगे बढ़ने के लिए मोटीवेट करते हैं।
जब मैंने लिखना शुरू किया था, तब मुझे नहीं पता था की मैं इतने आगे तक जा पाऊँगी। विमेंस वेब पर मेरा पहला ब्लॉग आज भी लोगो को बहुत पसंद है , और जब उसे टॉप 10 में चुना गया था, तो उससे मुझे बहुत कॉन्फिडेंस मिला। उसके बाद अभी जब टॉप ऑथर्स में मुझे शामिल किया गया तो उसे देख कर तो मुझे लगा जैसे मैं स्टार बन गयी हूँ। मुझे बेहद ख़ुशी हुई। अब मेरे अंदर कई सकारात्मक बदलाव आये भी आये हैं। अब मैं लोगो को पूरे विश्वास के साथ कह सकती हूँ की हां एक होम मेकर भी बहुत कुछ कर सकती है। लेखन ने मुझे मेरी पहचान वापस लौटा दी।
मेरे लिए सबसे बढ़ा अचीवमेंट्स होता है जब लोग मेरे लेख को पढ़ते है और अपनी राय मेरे साथ उस विषय पर साझा करते हैं , तो वो मेरे लिए सबसे ज्यादा मायने रखता है। पहले मेरे लेख कोई नहीं पढ़ता था , लेकिन जब से मैंने इस प्लेटफॉर्म को चुना है तब से मेरी आवाज़ भी लोगो तक पहुंच रही है। यही मेरा अचीवमेंट है।
पुराने गाने सुनना मुझे बेहद पसंद है। इसके अलावा ग़ज़लें सुनना भी मुझे बहुत भाता है। मुझे कुकिंग का भी शौक है। और बच्चों के साथ समय गुज़ारना, उनकी छोटी छोटी चीज़ों को ऑब्ज़र्वे करना मुझे अच्छा लगता है।
विमेंस वेब में सब से खास यहां जो कैटेगरी दी गयी है, वह लगता है। इसके ज़रिये आप आसानी से चुन सकते हैं की आपको अपना लेख किस श्रेणी में रखना है। यही ख़ासियत इसे बाकि प्लेटफॉर्म से अलग बनती है। सच में ! विमेंस वेब मेरे लिए बहुत खास है। इसने मुझे मेरी पहचान दी है। इसने मेरे अंदर एक बार फिर आत्म विश्वास को जगाया।
तो ये थी विनीता धीमान से हमारी एक छोटी सी बात चीत। ये एक ऐसी दृढ़ महिला हैं जो लेखन के ज़रिये अपने आप को ढूंढती है। विनीता धीमान का मानना है कि हर महिला को अपने आप पर गर्व होना चाहिए फिर चाहे वो होम मेकर हो या किसी नौकरी में।
नोट : जुड़े रहिये हमारी टॉप ऑथर्स की इस खास सीरिज़ के साथ। हम ज़ल्द ही सभी इंटरव्यू आपसे साझा करेंगे।
मूल चित्र : विनीता की एल्बम
A strong feminist who believes in the art of weaving words. When she finds the time, she argues with patriarchal people. Her day completes with her me-time journaling and is incomplete without writing 1000 read more...
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