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मैंने देखा है स्वतन्त्रता की उम्मीदें जोहते परतन्त्र भारत को, मैं 15 अगस्त हूँ।
मैंने देखा है स्वतन्त्रता की उम्मीदें जोहते परतन्त्र भारत को, मैं 15 अगस्त हूँ। मैंने देखा है स्वतंत्रता के लिए खून बहाते देशभक्तों को मैं 15 अगस्त हूँ। मैने देखा है स्वतन्त्रता की खुशियां मनाते भारत को, मैं 15 अगस्त हूँ। मैंने देखा है सुई से लेकर जहाज तक बनने का सफर, मैं 15 अगस्त हूँ। मैंने देखा है स्वतन्त्रता की फिर अवहेलना करते लोगों को, मैं 15 अगस्त हूँ। मैंने देखा है स्वतन्त्र भारत में परतन्त्र स्त्रियों को, मैं 15 अगस्त हूँ। मैने देखा है मरने मारने को तैयार वहशी दरिंदों को, मैं 15 अगस्त हूँ। मैंने देखा है नफरतो की आग में धधकते स्वतन्त्र भारत को, मैं 15 अगस्त हूँ। मैंने देखा है अपने ही रक्षकों का भक्षक बनते भारत के लोगों को, मैं 15 अगस्त हूँ। मैंने देखा है मजबूरी का फायदा उठाते अपने देश के लोगों को मैं 15 अगस्त हूँ। हाँ मैं अपनी सर्तकता खोता हुआ, गर्व का दिन हूँ हाँ मैं स्वतन्त्रता दिवस हूँ, मैं 15 अगस्त हूँ।
मूल चित्र : Canva Pro
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