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हेल्थ इश्यूज़ के चलते आरती आयाचित ने 2017 में जॉब से रिजाइन किया, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और सितम्बर 2018 से कई डिजिटल प्लेटफॉर्म्स से जुड़ती गयीं।
जैसा कि आप सब जानते हैं कि हम आपको अपने कुछ चुनिंदा टॉप ऑथर्स को हिंदी टॉप ऑथर सीरीज़ के ज़रिये मिलवाने ला रहे हैं, तो क्या आज आप अपने अगले फेवरेट ऑथर से मिलने के लिए तैयार हैं?
हमारे टॉप ऑथर्स की इस सीरीज़ में मिलिए हमारे अगले टॉप ऑथर आरती आयाचित से
कहते हैं बीमारी इंसान को आधा कर देती है और ठीक ऐसा ही कुछ हुआ आरती आयाचित के साथ लेकिन इन्होंने फिर एक बार हिम्मत दिखाई और बीमारी से लड़कर अपनी एक नई पहचान बनाई। दरअसल आरती आयाचित ने 26 वर्षो तक नौकरी करी और अचानक से हेल्थ इश्यूज के चलते इन्हें नौकरी छोड़नी पड़ी। जिसकी वजह से ये डिप्रेशन का शिकार बनी लेकिन इन्होंने फिर लिखना शुरू किया और आज ये एक नहीं बल्कि 3 भाषाओं (हिंदी, मराठी और अंग्रेजी) में लिखती हैं।
आरती आयाचित के लेख अक्सर फीचर्ड लेख के कॉलम में प्रकाशित होते हैं। उम्मीद है आपने ज़रूर पढ़े होंगे और अगर नहीं पढ़े हैं तो आज ही पढ़े।
मैं शुरू से ही लिखती आयी हूँ। पहले में शौक़िया तौर पर शायरी लिखती थी। लेकिन फिर मेरी 1991 में जॉब लग गयी और शादी, बच्चे और जॉब की व्यस्तता के चलते लिखना छूट गया। फिर हेल्थ इश्यूज़ के चलते मैंने 2017 में जॉब से रिजाइन कर दिया। लेकिन मैंने हिम्मत नहीं हारी और मुझे शुरू से काम करने की आदत थी तो वो खाली नहीं बैठ सकती थी। फिर सितम्बर 2018 से मैंने वापस डायरी लेखन शुरू किया और फिर कई डिजिटल प्लेटफॉर्म्स से जुड़ती गयी।
मैं कहानियां और कविताएं लिखती हूँ। उसमे ज़्यादतर संस्मरण को शब्दों का रूप देती हूँ। तो कह सकते हैं मैं काल्पनिक से पहले यथार्थ लिखना पसंद करती हूँ।
मुझे घर और अपनी हेल्थ दोनों को मेन्टेन करने के बाद जो टाइम मिलता है उसमें मैं लिखती हूँ। और मेरी हेल्थ प्रॉब्लम की वज़ह से मैं दोपहर में ही अक्सर लिखा करती हूँ।
कहानियां लिखने के लिए मैं पहले थीम सोचती हूँ और फिर एक स्ट्रक्चर लिखती हूँ। तो दो से तीन दिन में एक कहानी पूरी हो जाती है। और कविताएं मेरे मन के बेहद करीब है। मैं हमेशा कविता लिखने के लिए ज्यादा उत्साहित रहती हूँ। तो एक बार कोई विचार मेरे मन में आया तो उसके बाद मैं एक दिन में कविता पूरी कर देती हूँ।
मेरी हेल्थ प्रॉब्लम की वजह से मुझे अपनी जॉब छोड़नी पड़ी थी लेकिन मुझे शुरू से ही काम करने की आदत थी तो इन सबकी के चलते कहीं न कहीं मैं डिप्रेशन का शिकार हो गयी थी। लेकिन लेखन ने मुझे अपने आप को वापस खोजने की शक्ति दी। लेखन ने मुझे अपने आप से मिलवाया और मेरे खोये हुए एक सपने को फिर से पूरा करने की उम्मीद मिली। इसलिए लेखन मेरे लिए बहुत खास है। लिखने से मुझे बहुत संतुष्टि मिलती है। अब मेरे विचार मेरी डायरी के पन्नों के निकलकर कई लोगो से मिलने लगे हैं। अब लेखन ही मेरा मी टाइम, मेरा प्रोफेशनल टाइम सब कुछ बन चुका है। काश मैं इससे थोड़ा पहले मिली होती।
जिन लोगो को लिखने और पढ़ने में रूचि हैं, वे लोग तो अवश्य पढ़ते हैं। मेरे दोनों बच्चे और पति मुझे पूरा सपोर्ट करतें हैं। वो हमेशा कहते हैं, “जो बीत चुका है उसे भूल जाओ और अब जो आपके शौक़ हैं, उस में आप अपनी ख़ुशी ढूंढिए। हम सब आपके साथ है।” उनके ये शब्द मुझे हमेशा मोटीवेट करते हैं। हाँ, बाकि परिवार और रिश्तेदारों से इतना सपोर्ट नहीं मिलता है लेकिन मेरा मानना है कि एक लेखक को तो हमेशा अपनी लेखनी चलानी है और अपने विचार रखने हैं।
जब मुझे हेल्थ प्रॉब्लम हुई और उसकी वजह से नौकरी छोड़नी पड़ी तो मुझे लगने लगा कि अब मेरी दुनिया ही खत्म हो गयी है। लेकिन फिर मैंने लिखना शुरू किया और अब मेरा कॉन्फिडेंस बहुत बढ़ गया है। अब जब मैं पीछे मुड़कर देखती हूँ तो मुझे लगता है ये जीवन ज़्यादा अच्छा है। अब मैं कई तरह से अपने में सुधार कर रहीं हूँ। अब मैं भाषाओं पर अपनी पकड़ मजबूत कर रही हूँ। हां, अब मैं हर दिन नया सीख रही हूँ। मैं इस नए सफर को बहुत एन्जॉय कर रही हूँ।
मैं आज खुश हूँ। सबसे पहले तो यही मेरे लिए किसी अचीवमेंट से कम नहीं है। इसके अलावा स्टोरी मिरर पर 6000 पार्टसिपेंट्स में टॉप 500 में मेरी कविता को चुना गया है। ये मेरे लिए बहुत बड़ी बात है। प्रतिलिपि समूह में भी मुझे एक फ़ेलोशिप के लिए चुना गया था। यह मेरे लिए एक बहुत बड़ी अचीवमेंट है क्योंकि इससे मुझे बहुत कुछ सिखने को मिला है। भाषा सहोदरी अंतरराष्ट्रीय हिंदी अधिवेशन में पिछले साल 1000 लोगों में मुझे चयनित किया गया और मेरी कविताओं को उनकी पुस्तिका में शामिल किया गया है। और विमेंस वेब हिंदी पर मुझे टॉप 10 ऑथर्स में शामिल किया गया है, ये मेरी सबसे बड़ी अचीवमेंट है।
मुझे गाने सुनने का बहुत शौक है। मेरा गाने सुनते हुए काम में मन ज्यादा लगता है। पुराने हिंदी फ़िल्मी गानो की मैं दीवानी हूँ। अब मैं गाना भी सीख रहीं हूँ। यूँ ही शौकिया तौर पर आजकल मैं अपना स्ट्रेस कम करने के लिए गाने लगी हूँ।
विमेंस वेब के लेख पढ़कर मुझे प्रेरणा मिलती हैं। मेरी प्रतिभा और निखर कर आती है। और यहां लिख कर मेरा आत्मविश्वास बढ़ता है। मेरे लिए विमेंस वेब पर बहुत खास है और मेरे दिल के बेहद करीब है। मैं पूरे दिल से विमेंस वेब हिंदी को ऐसे ही आगे बढ़ते रहने के लिए शुभकामनाएं देती हूँ और सभी का आभार व्यक्त करती हूँ।
तो ये थी आरती आयाचित से हमारी एक छोटी सी मुलाकात। आरती आयाचित कहती हैं कि कोई आपकी मदद नहीं कर सकता है जब तक आप स्वयं खुद की मदद नहीं करते। मैंने नौकरी छोड़ने के बाद यही सोचा था कि नौकरी गयी तो क्या हुआ अब मैं घर के साथ अपने सभी शौक पूरे करके एक अलग पहचान बनाउंगी और वास्तव में ये इन्होंने कर दिखाया।
नोट : जुड़े रहिये हमारी टॉप ऑथर्स की इस खास सीरिज़ के साथ। हम ज़ल्द ही सभी इंटरव्यू आपसे साझा करेंगे।
मूल चित्र :आरती की एल्बम
A strong feminist who believes in the art of weaving words. When she finds the time, she argues with patriarchal people. Her day completes with her me-time journaling and is incomplete without writing 1000 read more...
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