कोरोना वायरस के प्रकोप में, हम औरतें कैसे, इस मुश्किल का सामना करते हुए भी, एक दूसरे का समर्थन कर सकती हैं?  जानने के लिए चेक करें हमारी स्पेशल फीड!

वो कहते अब उम्र हो गई, शादी कर लो…

वो कहते अब उम्र हो गई, शादी कर लो ! मैं कहती... हर साल फीस भर, पापा की जेब खाली करना, उस जेब को भर,  पापा का मुझे गर्व कर देखना भी तो... अभी बाकी है।

वो कहते अब उम्र हो गई, शादी कर लो ! मैं कहती, हर साल फीस भर, पापा की जेब खाली करना, उस जेब को भर, पापा का मुझे गर्व कर देखना भी तो, अभी बाकी है।

वो कहते अब उम्र हो गई,
शादी कर लो!
मैं कहती…अभी बाकी है।

रोज़ सुबह लेक्चर मिस होने के डर से,
जल्दी उठना और खाए तो कभी बिन खाए ही,
क्लास के लिए निकलना,
वो जल्दी उठने का ख़िताब…अभी बाकी है।

माँ का जल्दी उठ,
बड़े प्यार से लंच बनाना,
मेरे घर देर से आने पर प्यार भरी डाँट लगाना,
और खाना भी मेरे साथ ही खाना…अभी उसके प्यार का इज़हार भी तो बाकी है।

घंटो इंतज़ार कर, भरी बस का आना,
और साहस कर फिर उसमें चढ़ जाना,
उस इंतज़ार का परिणाम भी…अभी बाकी है।

लेक्चर को ध्यान से सुनना,
फिर उसे नोट करना,
परीक्षा में भी पैन ख़त्म होने तक लिखना,
मुझपर उस पैन का उधार …अभी बाकी है।

रात को सबके सोने के बाद मेरा पढ़ना,
और फिर बल्ब की रौशनी से,
सबकी नींद ख़राब करना,
उस परेशानी का समाधान…अभी बाकी है।

हर साल फीस भर,
पापा की जेब खाली करना,
उस जेब को भर,
पापा का मुझे गर्व कर देखना भी तो… अभी बाकी है।

अब तक की जितनी मेहनत,
उसका फल मिलना…अभी बाकी है।

मूल चित्र : Canva Pro

विमेन्सवेब एक खुला मंच है, जो विविध विचारों को प्रकाशित करता है। इस लेख में प्रकट किये गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं जो ज़रुरी नहीं की इस मंच की सोच को प्रतिबिम्बित करते हो।यदि आपके संपूरक या भिन्न विचार हों  तो आप भी विमेन्स वेब के लिए लिख सकते हैं।

About the Author

4 Posts | 8,455 Views
All Categories