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वो कहते अब उम्र हो गई, शादी कर लो ! मैं कहती... हर साल फीस भर, पापा की जेब खाली करना, उस जेब को भर, पापा का मुझे गर्व कर देखना भी तो... अभी बाकी है।
वो कहते अब उम्र हो गई, शादी कर लो ! मैं कहती, हर साल फीस भर, पापा की जेब खाली करना, उस जेब को भर, पापा का मुझे गर्व कर देखना भी तो, अभी बाकी है।
वो कहते अब उम्र हो गई, शादी कर लो! मैं कहती…अभी बाकी है।
रोज़ सुबह लेक्चर मिस होने के डर से, जल्दी उठना और खाए तो कभी बिन खाए ही, क्लास के लिए निकलना, वो जल्दी उठने का ख़िताब…अभी बाकी है।
माँ का जल्दी उठ, बड़े प्यार से लंच बनाना, मेरे घर देर से आने पर प्यार भरी डाँट लगाना, और खाना भी मेरे साथ ही खाना…अभी उसके प्यार का इज़हार भी तो बाकी है।
घंटो इंतज़ार कर, भरी बस का आना, और साहस कर फिर उसमें चढ़ जाना, उस इंतज़ार का परिणाम भी…अभी बाकी है।
लेक्चर को ध्यान से सुनना, फिर उसे नोट करना, परीक्षा में भी पैन ख़त्म होने तक लिखना, मुझपर उस पैन का उधार …अभी बाकी है।
रात को सबके सोने के बाद मेरा पढ़ना, और फिर बल्ब की रौशनी से, सबकी नींद ख़राब करना, उस परेशानी का समाधान…अभी बाकी है।
हर साल फीस भर, पापा की जेब खाली करना, उस जेब को भर, पापा का मुझे गर्व कर देखना भी तो… अभी बाकी है।
अब तक की जितनी मेहनत, उसका फल मिलना…अभी बाकी है।
मूल चित्र : Canva Pro
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