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ग्रीन टी से लेकर पिंक टी तक, यहां तरह तरह की चाय बनाने की रेसिपी और उनके फ़ायदे बताये गए हैं, लेकिन क्या आपको चाय के इतिहास के बारे में पता है?
भारतीयों की चाय के बिना कोई मॉर्निंग गुड हो ही नहीं सकती है। ज़्यादातर लोगो को सुबह उठते ही सबसे पहले चाय चाहिए होती है। और फिर उनका दिन शुरू होता है जिसमे न जाने कितनी बार चाय से वो अपने आप को संतुलन में रखते हैं। हाँ, थकान भरा दिन हो या कोई साधारण सा दिन, जिस चीज़ की सबसे ज़्यादा ज़रूरत होती है वो है चाय। तो ये कहना गलत नहीं होगा की भारतीयों के लिए चाय पानी की तरह ज़रूरी है।
लेकिन क्या आप ये जानते हैं चाय की उत्पत्ति कहां से हुई है? क्या है चाय का इतिहास? और क्या हैं तरह तरह की चाय पीने के फ़ायदे ? आइये जानते हैं सब के बारे में।
कहते हैं कि एक चीनी भिक्षु ने अपनी तपस्या के दौरान थकावट महसूस होने पर जब गर्म पानी पिया तो उसे एकाएक स्फूर्ति का अहसास हुआ। बाद में देखा गया कि जिस बर्तन में पानी गर्म हो रहा था, उसमें साथ लगे पेड़ की पत्तियां गिर गई थीं और यह पेड़ चाय का था। और धीरे धीरे ये पूरी दुनिया में फ़ैल गयी।
अगर भारत की बात करें तो यहां चाय पहली बार 1834 में अंग्रेज़ लेकर आये थे। लेकिन कहा जाता है कि असम के स्थानीय लोग इसे पहले ही इस्तेमाल करते थे। तो सन् 1815 में अंग्रेज यात्रियों का ध्यान असम में उगने वाली चाय की झाड़ियों पर गया। उसके बाद भारत के तात्कालिक गवर्नर जनरल लॉर्ड बैंटिक ने भारत में चाय की परंपरा शुरू करने और उसके उत्पादन की संभावना तलाश करने के लिए एक समिति का गठन किया और 1835 में असम में चाय के बाग लगाए गए। और देखते ही देखते आज भारत चाय का सबसे बड़ा उत्पादक है।
आपने भी कई चाय के कमर्शियल विज्ञापनों में सुना होगा – चाय के बागानों से चुनी गयी ताज़ी पत्तिया… तो क्या इन बागानों के बारे में जानते हैं? चलिए आज आपको भारत के मशहूर चाय के बागानों की सैर कराते हैं।
असम – असम विश्व का सबसे बड़ा चाय उत्पादक क्षेत्र है। असम की चाय को दुनिया में सबसे अच्छी चाय माना जाता है और पूरी दुनिया में सबसे अधिक लोकप्रिय है।
दार्जिलिंग – दार्जिलिंग जैसे ख़ूबसूरत हिल स्टेशन की चाय अपने स्वाद और ख़ासकर के सुगंध के जानी जाती है जिसको काली चाय भी कहा जाता है।
निलगिरी – दक्षिण भारत की निल गिरि चाय आम तौर पर अपने स्वाद, रंग और सुगंध के लिए प्रसिद्ध है।
कांगड़ा – हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले की कांगड़ा चाय का पालमपुर और धर्मशाला उत्पादन किया जाता है। ये अपनी हरी चाय और काली चाय के लिए बेहद प्रसिद्ध है।
अब इन सभी चाय के बागानों से चुनी गयी ताज़ी चाय को बनाकर भी तो पीना है। उसके लिए आपके साथ कई तरह के चाय बनाने की रेसिपी शेयर कर रहें हैं साथ ही उनके फ़ायदे के बारे में भी जरूर जाने। तो बनाइए और पिलाइए सेहत से भरा चाय का कप…
मसाला चाय का नाम तो सभी ने सुना होगा। ये बाज़ारों में अक्सर मिल जाती है। इसका स्वाद मीठा और मसालेदार होता है। मसाला चाय वैसे तो अक्सर सर्दियों में पीना पसंद करते हैं लेकिन आपको इसका सेवन करने के लिए आपको किसी मौसम का इंतज़ार करने की जरुरत नहीं है खासकर के बारिश में जरूर पिए। इसमें बहुत से पौष्टिक तत्व डाले जाते है जो हमारी सेहत के लिए फ़ायदेमंद है। इसके लिए शिखा श्रीवास्तव की रेसिपी शेयर कर रहें हैं। इससे आप बनाकर देखें और सबको पिलाएं।
कश्मीर अपनी वादियों के साथ चाय के भी जाना जाता है। यहां की चाय में काजू, बादाम, पिस्ता डाला जाता है, जिससे ये सेहत के लिए बहुत फ़ायदेमंद साबित होती है। अगर आपने अभी तक पिंक चाय नहीं ट्राय करी है तो इसे रूबी के किचन की रेसिपी से बनाकर देखें। इसका स्वाद हमारी साधारण चाय से बहुत अलग होता है। इसमें चीनी की जगह नमक का इस्तेमाल होता है। रेसिपी के लिए नीचे दिए हुए लिंक पर क्लिक करें।
इस चाय का सेवन ठंडे और गर्म, दोनों ही तरीक़े से इस्तेमाल किया जाता है। इसके फायदे तो आजकल हर कोई जानता है। इसे अक्सर लोग फेट कम करने के लिए पीते हैं। इससे त्वचा भी हेल्थी रहती है। इसे आप निशा मधुलिका की रेसिपी से बनाकर देखें। और अगर आप को भी इसका स्वाद पसंद नहीं आता है, तो इसमें हनी ( शहद ) भी डाल सकते हैं।
पहाड़ी इलाकों में पी जाने वाली ये चाय हर्बल चाय की गिनती में आती है। इसका सेवन करने से पाचन क्रिया संतुलन में रहती है। इसे आप नीचे दिए गए लिंक की मदद से बना सकते हैं। आप चाहें तो इसे दूध के बिना भी बना सकते हैं। इससे दालचीनी का स्वाद बरकरार रहता है।
जिन्हें चाय और चॉकलेट दोनों ही बेहद पसंद हैं, उनके लिए ये बेहतरीन विकल्प है। इसमें डार्क चॉकलेट का इस्तेमाल किया जाता है और साथ में इलायची का फ्लेवर दिया जाता है लेकिन अगर आप इसे सेहतमंद बनाना चाहती हैं तो, इसमें लौंग, दालचीनी आदि भी डाल सकती हैं। इसके लिए ज़ुलेखा के किचन की रेसिपी का लिंक सहा कर रहे हैं।
सुबह की चाय में आप अदरक, इलायची और तुलसी को जगह देने की आदत डाल लें। ये सेहत के लिए कई तरह से फ़ायदेमंद है। ये ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मददगार साबित होते हैं। यह चाय स्ट्रेस भी दूर करती है। और भी इसके कई फायदे हैं। इसके लिए कबिता के किचन की रेसिपी का लिंक साझा कर रहे हैं। इसे आप जरूर बनाकर पिए और सभी को पिलाएं।
कैमोमाइल चाय हर्बल चाय के रूप में ली जाती है। इसे बनाने के लिए आपको दूध और चाय पत्ती दोनों की ही ज़रूरत नहीं है। बल्कि ये बनती है कैमोमाइल चाय के फूलों से। इस ग्रीक चाय को पीने से इम्युनिटी मज़बूत होती है और ये महावारी के समय में महिलाओं के लिए बहुत लाभदायक है। इसे बनाने के लिए स्मिता की रेसिपी शेयर कर रहे हैं। आप ज़रूर बनाकर देखें।
क्या आप जानते हैं पुदीना की चटनी के अलावा उसकी चाय भी बहुत फ़ायदेमंद होती है। इसे बनाने के लिए आपको चाहिए पुदीने की पत्तियाँ, काली मिर्च और शहद। इसे आप चाहें तो दूध डालकर भी बना सकती हैं। पुदीने की चाय पीने से त्वचा को बहुत ठंडक मिलती है और इससे त्वचा संबंधी एलर्जी से भी निज़ात मिलती है। इसके अलावा ये वजन कम करने के लिए और बॉडी में शुगर लेवल को संतुलन रखने में भी कारगार साबित होती है। इसके लिए आपके साथ कादियां के किचन की रेसिपी का लिंक साझा किया जा रहा है।
तो अब आप चाय के इतिहास से लेकर उसे कई तरीको से बनाने के बारे में जान चुके हैं, तो अब जब भी चाय बनाये तो इन सभी को याद करे और एक नई तरह की चाय बनाकर पिए जो आपकी सेहत का भी रखेगी ख्याल। अगर इन चाय बनाने की रेसिपी के साथ कुछ और मसालेदार खाने की भी रेसिपी देखनी है तो यहां क्लिक करें और ढ़ेरों रेसिपीज को ट्राय करें।
मूल चित्र : YouTube, Pexels
A strong feminist who believes in the art of weaving words. When she finds the time, she argues with patriarchal people. Her day completes with her me-time journaling and is incomplete without writing 1000 read more...
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