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'हेल्थ इज वेल्थ' इसलिए अपनी व्यस्त दिनचर्या से कुछ समय अपने लिए निकालें ताकि आप अपनी मानसिक, शारीरिक क्षमताओं को पुनः रीजेनरेट कर सकें।
‘हेल्थ इज वेल्थ’ इसलिए अपनी व्यस्त दिनचर्या से कुछ समय अपने लिए निकालें ताकि आप अपनी मानसिक, शारीरिक क्षमताओं को पुनः रीजेनरेट कर सकें।
“The true beauty of a women is in health , in her ability is be active”-unknown
उपरोक्त पंक्तियों में साफ स्पष्ट होता है कि महिला की सुंदरता उसके स्वस्थ व क्रियाशील शरीर में व्याप्त होती है। अतः महिलाओं को अपने स्वास्थ्य को सर्वोपरि रखना चाहिए। एक स्वस्थ महिला अपने संपूर्ण कुटुंब को एकजुट रखने में सक्षम रहती है, साथ ही अपने दायित्व को अपने परिवार के प्रति भली-भांति निभा सकती है।
‘हेल्थ इज वेल्थ’ को हम महिलाओं को अपने जीवन का मूल मंत्र बना लेना चाहिए। एक थका शरीर, बेचैन मन तथा तनाव युक्त महिला कभी भी अपने परिवार को एक खुशहाल परिवार बनाने में समर्थ नहीं हो सकती। अगर महिलाओं को अपने परिवार के प्रति, अपने कर्तव्य को कुशलतापूर्वक निभाना है तो अपने स्वास्थ्य का ध्यान अवश्य रखें। यह उसके लिए भी उतना आवश्यक है जितना उसके परिवार के लिए।
हमारे पुराणों में भी कहा गया है कि ‘स्वास्थ्य ही सबसे बड़ा धन है’ चाहे वह स्त्री का हो या पुरुष का। स्त्री किसी भी परिवार का केंद्र बिंदु होती है, संपूर्ण परिवार के खानपान से लेकर साफ-सफाई, बड़े और बच्चों का ध्यान आदि जिम्मेदारियां अपने कंधों पर उठाती हैं। अतः स्वास्थ्य रूपी धन की प्राप्ति के लिए उसे अपना स्वयं का ध्यान रखना पड़ेगा। अपनी व्यस्त दिनचर्या से कुछ समय अपने लिए निकालें ताकि वह अपनी मानसिक, शारीरिक क्षमताओं को पुनः रीजेनरेट कर सकें।
हेल्थ इज वेल्थ तो निम्नलिखित कुछ बातों का थोड़ा सा ध्यान रखें तो हर परिवार की महिला उच्च कोटि के स्वास्थ्य को प्राप्त कर सकती हैं और अपने परिवार को एक खुशहाल परिवार बनाने में तत्पर रह सकती है :
आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में मनुष्य के पास अपने लिए समय कम रहता है, घर के पुरुष के साथ महिलाएं भी बाहर जाकर काम करती हैं, घर में रहने वाली महिलाओं का भी पूरा दिन भर के क्रियाकलापों में चला जाता है। सुबह की चिंता के कारण वह रात भर सुचारू नींद भी नहीं ले पाती हैं, अनियमित नींद के कारण कई शारीरिक व मानसिक बीमारियों का शिकार बन जाती है। उनकी इस बीमारी का सीधा प्रभाव उनके परिवार जनों पर पड़ता है। बच्चों की पढ़ाई से लेकर बाहर काम करने जाने वाले लोगों की दिनचर्या पर भी इसका असर पड़ता है।
दिनभर के काम निपटाते- निपटाते देर रात हो जाती है और फिर सुबह की चिंता महिलाओं को सही से सोने नहीं देती। अनिद्रा के कारण महिलाएं अधिकांशतः तनाव में रहती है जिसके परिणाम स्वरूप उनका गुस्सा कभी बच्चों और तू कभी परिवारजनों पर निकलता है जिससे घर के खुशहाल माहौल पर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से पड़ता है। साथ ही महिलाएं कई मानसिक बीमारियों से ग्रस्त हो जाती हैं।
अतः महिलाओं को अपने कार्य सुनियोजित तरीके से करना चाहिए और परिवार के हर एक सदस्य को कम से कम अपने छोटे-मोटे कार्य स्वयं करने की आदत डालनी चाहिए। महिलाओं को अपनी नियमित दिनचर्या को अहम हिस्सा बनाना होगा इसलिए नियमित रूप से व सही रूप से समय पर सोना व जागने की आदत डालनी चाहिए। जिससे महिलाएं मानसिक रूप से भी फिट रहेंगी और तरोताजा होकर प्रसन्न मन से घर के सारे काम कर सकेंगी। नियमित नींद महिलाओं को मानसिक रूप से सुंदरता प्रदान करती है। “Early to bed ,early to rise. make the man happy and wise”
परिवार जनों के दायित्व को पूरा करने के चक्कर में महिलाएं अपने खानपान से अक्सर खिलवाड़ कर बैठती है। वह नियमित रूप से भोजन ग्रहण नहीं करती जिस कारण उन्हें कई शारीरिक बीमारियां आसानी से घेर लेती है। किसी फिटनेस एक्सपर्ट ने स्त्री और महिलाओं के स्वास्थ्य के संबंध में बहुत अच्छी बात कही है उन्होंने कहा है, ‘जहाँ एक्सरसाइज राजा है, वहीं न्यूट्रिशन रानी है और जिनके पास दोनों हैं उसके पास पूरी दुनिया है।’
महिलाओं को अपने न्यूट्रिशन पर ध्यान देना चाहिए, जो हम खाते पीते हैं वह हमें ऊर्जा प्रदान करता है, ऊर्जा हमें दिनभर हमारे कार्य करने में मदद करती है। साथ ही कई बीमारियों से हमें दूर रखी है। हमारे इम्यून पावर को स्ट्रांग बनाने में हमारी डाइट का बहुत योगदान रहता है महिलाओं को कोशिश करनी चाहिए कि वह एक संतुलित आहार ले।
अपने आहार में अधिक से अधिक फल सब्जियां शामिल करें, साबुत अनाज का नियमित सेवन करें, सफेद राइस की जगह ब्राउन राइस का उपयोग करें। प्रोटीन युक्त भोजन जैसे चिकन, मछली ,अंडे(अगर मांसाहारी है तो) दूध, दूध से बनी चीजें तथा फलियों का सेवन करें। अत्याधिक सैचुरेटेड फैट, चीनी, नमक का कम से कम उपयोग अपने डाइट मे करें। न्यूट्रिशन डाइट का मतलब कभी भी डाइटिंग से नहीं होता है। एक संतुलित आहार लेने से आप अपने वजन को भी नियंत्रित कर सकते हैं। कई महिलाओं का बढ़ता वजन उनके स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डालता है अतः अपने वजन को नियंत्रित रखने का भरसक प्रयास करें।
शरीर में पानी की कमी ना होने दें दिनभर में कम से कम 8 गिलास पानी अवश्य लें साथ ही मौसमी फलों का रस जरूर ले। इस तरह से कुछ बातों का ध्यान रख महिलाएं अपनी शारीरिक ऊर्जा को बनाए रख सकती हैं तथा कई बीमारियों को अपने से दूर भगा सकती हैं।
न्यूट्रिशन के साथ-साथ नियमित व्यायाम भी अति आवश्यक है शरीर को क्रियाशील बनाए रखने के लिए हमें अपनी दिनचर्या से कम से कम 30 मिनट अपने लिए निकालने चाहिए ताकि हम मानसिक व शारीरिक रूप से स्वस्थ रह सकें इसके लिए हमें कुछ योग आसन का अभ्यास रोज करना चाहिए तथा नियमित व्यायाम को अपने जीवन की शैली बना लेनी चाहिए।
अक्सर महिलाएं अपनी फिटनेस को अनदेखा कर देती है जिसके कारण उनकी शारीरिक तथा मानसिक परेशानियों में वृद्धि होती है। फिट रहने का एकमात्र मंत्र नियमित व्यायाम है। नियमित व्यायाम से गुड हार्मोंस का सिक्रीशन होता है जिससे हम को अच्छा महसूस होता है। नियमित व्यायाम से जहां एक ओर हमारी शारीरिक क्षमता बरकरार रहती है वहीं दूसरी ओर मानसिक शांति की भी प्राप्ति होती है जो हमारे पूरे दिन भर को सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करती है।
शारीरिक क्रियाकलाप किसी भी महिला के स्वास्थ्य के रक्षक हैं जो बिगड़ती हुई स्वास्थ्य में सुधार ला कर टाइप टू डायबिटीज, हृदय रोग,आदि बीमारियों से बचाने में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। वजन कम करने में भी वह अहम भूमिका निभाते हैं। नियमित व्यायाम से हम ब्लड में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को कम कर सकते हैं साथ ही व्यायाम हड्डियों व मांसपेशियों ,जोड़ों का को मजबूत करते हैं। थोड़े समय नियमित व्यायाम को देकर महिलाएं उत्तम स्वास्थ्य को प्राप्त कर सकती हैं और अपनी जिम्मेदारियां तनाव मुक्त होकर निभा सकती हैं।
नियमित नींद, व्यायाम, संतुलित आहार के साथ-साथ महिलाओं को समय-समय पर अपनी डॉक्टरी जांच भी करते रहना चाहिए, डॉक्टर की दिशा अनुसार ही कैल्शियम, प्रोटीन आदि का सेवन करना चाहिए। महिलाओं में होने वाली कई परेशानियों का समय पर पता केवल डॉक्टरी जांच से ही पता लग पाता है अतः रूटीन चेकअप को अपने जीवन में हर महिला को शामिल कर लेना चाहिए जिस से होने वाली परेशानी या परेशानियों का निवारण सही समय पर हो सके और आप स्वस्थ स्वास्थ्य को प्राप्त कर, अपना व अपने प्रिय जनों का ध्यान रख सके। एक अच्छा स्वास्थ्य ही जीवन की पूंजी है।
उपरोक्त सभी बिंदु के साथ महिलाओं को तनाव मुक्त रहना भी अति आवश्यक है क्योंकि तनाव ही बीमारियों की जड़ है। घर के हर एक सदस्य को आपस में एक दूसरे का ध्यान देना चाहिए ताकि एक स्वस्थ वातावरण का निर्माण हो सके। महिलाओं को सबकी पसंद का ध्यान रखने के साथ-साथ कुछ समय अपनी पसंद के क्रियाकलापों को भी समय देना चाहिए जो आपकी मानसिक स्थिति को सकारात्मक उर्जा दे सके।
आप काम करते करते-करते अपनी पसंद का संगीत सुन सकती हैं। तथा खाली समय में अगर आपको नृत्य पसंद है तो वह भी कर सकती हैं इस तरह से आप नृत्य के द्वारा शारीरिक फिटनेस को भी प्राप्त कर सकती हैं और अपना शौक भी पूरा कर सकती हैं। बच्चों के साथ समय बिताकर, उनकी पढ़ाई में मदद करने के साथ-साथ अपना मनोरंजन भी बच्चों के साथ कर सकती हैं जो हमें तनाव से दूर रखने में कारीगर सिद्ध होता है।
उपरोक्त सभी बातों का ध्यान रखकर हम चाहे महिला हो या पुरुष एक उत्तम जीवन शैली को पा सकते हैं और अपने साथ-साथ अपने परिवार को भी खुशहाल बना सकते हैं क्योंकि कहा गया है उत्तम स्वास्थ्य ही हमारी सर्वोच्च पूंजी है।
धन एक अनमोल रत्न है तो स्वास्थ स्वास्थ्य भी मूल्यवान है। याद रहे हेल्थ इज वेल्थ! अपना ध्यान रखें ताकि आप अपने पूरे परिवार का ध्यान रख सके। खुश रहें, स्वस्थ रहें।
मूल चित्र : Canva Pro
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