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अब मैं कमला भसीन जैसा बनना चाहती हूँ…

अब कोई नहीं पूछता, मैं क्या बनना चाहती हूं! लेकिन मेरा दिल मचल कर कह रहा है, मैं अब 'कमला भसीन' जैसी, ओह सॉरी, 'जैसा' बनना चाहता हूं!

अब कोई नहीं पूछता, मैं क्या बनना चाहती हूं! लेकिन मेरा दिल मचल कर कह रहा है, मैं अब ‘कमला भसीन’ जैसी, ओह सॉरी, ‘जैसा’ बनना चाहता हूं!

बचपन में माँ ने पूछा,
क्या बनना चाहती हो ?
कभी कहा इंजीनियर,
कभी कहा डाक्टर,
कभी इंस्पैक्टर
तो कभी पायलेट!

वक्त बीता,
हर सपना रीता,
बन गई टीचर,
बच्चों का दिल जीता!

अब उम्र हुई ,
तो बचपन लौटा,
पचास में याद आया,
हर सपना टूटा!

अब कोई नहीं पूछता,
मैं क्या बनना चाहती हूं!
लेकिन मेरा दिल
मचल कर कह रहा है,
मैं अब ‘कमला भसीन’ जैसी,
ओह सॉरी,
‘जैसा’
बनना चाहता हूं!

(क्योंकि किसी से कभी कभी व्यक्तिगत तौर पर बिना मिले भी उसके सीने से लग कर आँखें नम हो सकती हैं ! शायद इन्हें ही वाईब्स कहते हैं !)
मूल चित्र : Kamla Bhasin

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