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यह सारी LGBTQA समाजसेवी संस्थाएँ एक साथ, एक ही लक्ष्य पर काम कर रही हैं और वह है समानता का लक्ष्य। आइये इनके बारे में और जानें।
इस समुदाय के लोगों को भी हाशिये पर आंका जाता है। कहीं भी जाओ, प्रताड़ना ही झेलनी पड़ती है। हम बात कर रहे हैं LGBTQ समुदाय की।
इस समुदाय के लोग परेशनियां झेल रहे हैं और उनकी मदद करने के लिए शायद ही कोई आगे आता है। समाज को इनके विकास और उद्धार के लिए आगे आना चाहिए और ऐसे क़दम उठाने चाहिए जो इस समुदाय के लोगों के विकास में काम आ सकें।
इनके लिए ऐसे वातावरण में निर्माण करना होगा, जिससे इस समुदाय के लोगों का विकास हो सके। ज़्यादातर लोग, अभी इस बात से जागरूक नहीं हैं। और इन लोगों के लिए आगे नहीं आ पाते। LGBTQA समुदाय से सम्बंधित लोगों को, बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। जिससे उनको आर्थिक और मानसिक प्रताड़ना से गुज़रना पड़ता है।
इसके लिए भारत में कई LGBTQA समाजसेवी संस्थाएँ हैं, जो ऐसे समुदाय के लोगों के लिए काम कर रहीं हैं।
ओडेड अभिसरण के लिए एक कन्नड़ शब्द है। बाल अधिकारों, महिलाओं के अधिकारों, यौन अल्पसंख्यक अधिकारों, अन्य कमजोर वर्गों और विभिन्न सामुदायिक मीडिया प्लेटफार्मों जैसे मौजूदा आंदोलनों को स्वीकार करना और ओन्डेड इन क्षेत्रों में संवाद, अनुसंधान और कार्रवाई के क्षेत्रों के माध्यम से इन विभिन्न समूहों को जोड़ने का प्रयास करता है।
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यह सारी LGBTQA समाजसेवी संस्थाएँ एक साथ, एक ही लक्ष्य पर काम कर रही हैं और वह है समानता का लक्ष्य। यह बहुत ज़रूरी क़दम है। यह एक ऐसा विषय है, जिसके बारे में बात करते हुए लोग कतराते हैं, मगर यह नहीं सोचते कि इस समुदाय के लोग भी, हमारे समाज का अभिन्न अंग हैं। इनको और इनकी समस्याओं को नजरअंदाज किया जाना, गलत साबित होगा। हम सब को क़दम से क़दम मिला कर चलना होगा। यह एक बेहतरीन शुरुआत होगी!
मूल चित्र : Canva Pro
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