कोरोना वायरस के प्रकोप में, हम औरतें कैसे, इस मुश्किल का सामना करते हुए भी, एक दूसरे का समर्थन कर सकती हैं?  जानने के लिए चेक करें हमारी स्पेशल फीड!

मैं ऐसी ही हूँ…

लापरवाह, बेपरवाह हूँ, तेरे नज़रिए से मैं कोरी अफ़वाह हूँ। चमत्कार हूँ, चिंगारी हूँ, अपने आप में मैं संपूर्ण नारी हूँ।

लापरवाह, बेपरवाह हूँ, तेरे नज़रिए से मैं कोरी अफ़वाह हूँ। चमत्कार हूँ, चिंगारी हूँ, अपने आप में मैं संपूर्ण नारी हूँ।

काली हूँ, बदसूरत हूँ,
मोटी हूँ, नाटी हूँ,
तेरे नज़रिए से,
मैं ऐसी वैसी हूँ।

सांवली हूँ,
सलोनी हूँ,
अपने नज़रिए से,
मैं मां की रानी बेटी हूँ।

तेरे नज़रिए से
मैं कामचोर हूँ,
अपने नज़रिए से
मैं थामे परिवार की डोर हूँ।

मुंह फट हूँ, बातूनी हूँ,
लापरवाह, बेपरवाह हूँ,
तेरे नज़रिए से मैं कोरी अफ़वाह हूँ
चमत्कार हूँ, चिंगारी हूँ,
अपने आप में मैं संपूर्ण नारी हूँ।

मूल चित्र : Pexels

विमेन्सवेब एक खुला मंच है, जो विविध विचारों को प्रकाशित करता है। इस लेख में प्रकट किये गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं जो ज़रुरी नहीं की इस मंच की सोच को प्रतिबिम्बित करते हो।यदि आपके संपूरक या भिन्न विचार हों  तो आप भी विमेन्स वेब के लिए लिख सकते हैं।

About the Author

10 Posts | 260,227 Views
All Categories