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मर्द के दिल की, मैं बात सुनाऊं जो…औरत हो ऐसी कि…

ये नहीं कहूँगी कि ये बात सब पर लागू होती है - बंद कमरे में, तकिए सी लगें जो, और उफ़ भी न करें जो, अक्सर मर्दों को ऐसी औरतें, बहुत हसीन लगती हैं।

ये नहीं कहूँगी कि ये बात सब पर लागू होती है – बंद कमरे में, तकिए सी लगें जो, और उफ़ भी न करें जो, अक्सर मर्दों को ऐसी औरतें, बहुत हसीन लगती हैं।

मर्द के दिल की, मैं बात सुनाऊं जो,
औरत हो कैसी, तो राज़ बताऊं वो!
खींचे ख़ाकों में, बसर करने वाली
कुछ औरतें, बहुत अच्छी लगती हैं।

तुम्हारे ही आगे, मटकती रहें जो
तुम्हारे ही हाथ, कमाई रखें जो!
हर खर्च पूछ के ही, करने वाली,
कुछ औरतें, बहुत सच्ची लगती हैं।

तुम्हारी हाँ में हाँ, मिलाती रहें जो
मायके की राहें, कभी न तकें जो!
झुकी आँखों औ’ , सिले होंठों वाली,
कुछ औरतें, बहुत ज़हीन लगती हैं।

बंद कमरे में, तकिए सी लगें जो
सहन करें सब कुछ, उफ भी न करें जो!
दफन राज, मुस्कान में, करने वाली
कुछ औरतें, बहुत हसीन लगती हैं।

मूल चित्र : Canva Pro 

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