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इस मामले में कोई ठोस कदम उठाने की जगह 'सभी लोग' एक दूसरे पर लगा रहे है आरोप, लेकिन ये आंकड़े ठहराते हैं हम सबको ज़िम्मेदार!
इस मामले में कोई ठोस कदम उठाने की जगह ‘सभी लोग’ एक दूसरे पर लगा रहे है आरोप, लेकिन ये आंकड़े ठहराते हैं हम सबको ज़िम्मेदार!
चेतावनी : इस पोस्ट में चाइल्ड एब्यूज/बलात्कार का विवरण है जो कुछ लोगों को उद्धेलित कर सकता है।
जहां एक और लोग शकुंतला देवी और गुंजन सक्सेना जैसी फ़िल्मों को लेकर नारीवाद का जश्न मना रहे थे, वहीं दूसरी और एक छोटे से गांव में एक लड़की ने कुछ दरिंदो का शिकार होने की वजह से अपना दम तोड़ दिया। हाँ मैं बात कर रही हूँ, हाल ही में उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खेरी जिले के पकारिया गांव में हुए एक भयावह मामले की।
13/14 साल की लड़की के साथ बलात्कार किया गया और उसकी हत्या कर दी गयी है। NDTV रिपोर्ट्स के मुताबिक लड़की का शव आरोपी के गन्ने के खेत में बहुत बुरी दशा में पाया गया है जिसे सोचने पर भी रूह काँप उठती है। पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है।
अब सवाल उठ रहा होगा कि वो खेत में गयी क्यों? तो सुनिए, हमारे नेताओं के मुताबिक,अक्टूबर 2019 में ही भारत खुले में शौच से मुक्त हो गया था, उसी भारत में उस मासूम बच्ची (जो इस बात से बेशक अनजान होगी ) के पास खेतों में शौच जाने के अलावा कोई और चारा नहीं था। तो बस उसी वक़्त वो लड़की दरिंदो की घटिया हरकत की शिकार बन गयी। तो ‘माननीय मंत्री जी’ एक बार छोटे-छोटे गाँवो का भी रुख कर लीजिये। उन्हें आपकी ज़रूरत है।
पुलिस ने कहा है, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट्स में यौन दुष्कर्म की पुष्टि हो गयी है और अब उन पर बलात्कार और पोक्सो अधिनियम के लिए आईपीसी की धारा लागू की जाएगी।
और इतना सब हो जाने के बाद भी सरकार अपने ब्लेम गेम खेलने से पीछे नहीं हटेगी। इस घटना को बेहद शर्मनाक बताते हुए उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमत्री मायावती ने ट्वीट करते हुए लिखा, दूसरी सरकार को ज़िम्मेदार ठहराया।
यूपी के लखीमपुर खीरी के पकरिया गाँव में दलित नाबालिग के साथ बलात्कार के बाद फिर उसकी नृशंस हत्या अति-दुःखद व शर्मनाक। ऐसी घटनाओं से सपा व वर्तमान भाजपा सरकार में फिर क्या अन्तर रहा? सरकार आजमगढ़ के साथ खीरी के दोषियों के विरूद्ध भी सख्त कार्रवाई करे, बीएसपी की यह माँग है।— Mayawati (@Mayawati) August 15, 2020
यूपी के लखीमपुर खीरी के पकरिया गाँव में दलित नाबालिग के साथ बलात्कार के बाद फिर उसकी नृशंस हत्या अति-दुःखद व शर्मनाक। ऐसी घटनाओं से सपा व वर्तमान भाजपा सरकार में फिर क्या अन्तर रहा? सरकार आजमगढ़ के साथ खीरी के दोषियों के विरूद्ध भी सख्त कार्रवाई करे, बीएसपी की यह माँग है।
तो बस अब यूपी में केस की गंभीरता को नज़रअंदाज़ करते हुए सरकार एक दूसरे पर इंज़ाम लगाने में ज्यादा दिलचस्पी लेती नज़र आ रही हैं। सभी नेता भी यही खेल खेल रहे हैं।
आज के 10 साल पहले भी 2010 से 2011 में 12 से 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी रेप केसेस में देखने को मिली थी। NCRB के 2013 के आंकड़ों के उत्तर प्रदेश में बलात्कार के केस में 50% बढ़ोतरी हुई। उसके बाद 2020 की रिपोर्ट्स के मुताबिक राज्य पुलिस के साथ हर दो घंटे में बलात्कार का मामला दर्ज किया जाता है, जबकि उत्तर प्रदेश में हर 90 मिनट में एक बच्चे के खिलाफ अपराध दर्ज किया जाता है। और ये सब नेशनल क्राइम रिकार्ड्स ब्यूरो के आंकड़े हैं।
तो ये पहली बार नहीं है जब कोई दर्दनाक घटना सामने आयी हो। और इतना ही नहीं, इसी ज़िले में जुलाई में भी 19 साल की एक दलित लड़की ने दुष्कर्म का शिकार होकर आत्म हत्या कर ली थी और सुसाइड नोट में आरोपी के परिवार वालो पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था लेकिन अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है और पीड़िता के परिवार न्याय की गुहार लगा रहे हैं।
इस तरह की घटनाएं आये दिन सामने आ रही है और ये साल दर साल बढ़ती ही जा रही हैं। न सड़क पर मोमबती लेकर जाने से कुछ हुआ और न ही निर्भया को इन्साफ मिलने के बाद कुछ बदला है। बेशक निर्भया को कानूनी रूप से इन्साफ मिल गया है लेकिन जब तक इस तरह के बलात्कार खत्म नहीं हो जाते शायद उनकी रूह को शांति नहीं मिलेगी।
आज ये हिंसाएं कई रूप ले चुकी है। कभी ऑनलाइन किस्सों के बारे में सुनते आये हैं तो कभी इस तरह के। लेकिन कभी ये नहीं सुना है की अब हिंसाएं कम हो गयी है। महिलाओं के खिलाफ अन्नाय तब तक खत्म नहीं हो सकते हैं जब तक सरकार कोई ठोस कदम नहीं उठाएगी और जब तक घर में पुरुषों को सही शिक्षा नहीं दी जाएगी। बस सरकार से एक ही गुहार लगा सकते हैं की इस तरह के मामलों में जल्द से जल्द फैसला लेकर आरोपी को कठोर से कठोर दंड दिया जाये।
मूल चित्र : Canva Pro
A strong feminist who believes in the art of weaving words. When she finds the time, she argues with patriarchal people. Her day completes with her me-time journaling and is incomplete without writing 1000 read more...
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