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जब नीलू को अपने पापा की बहुत याद आती तो, उसे लगता कि काश वो लड़का होती तो वो भी अपने पिता की सेवा कर पाती, लेकिन शाम को कुछ ऐसा हुआ कि वो ख़ुशी से चहक उठी...
जब नीलू को अपने पापा की बहुत याद आती तो, उसे लगता कि काश वो लड़का होती तो वो भी अपने पिता की सेवा कर पाती, लेकिन शाम को कुछ ऐसा हुआ कि वो ख़ुशी से चहक उठी…
नीलू ने मोबाइल खोला तो सभी जगह फादर्स डे की ही बधाइयों के मैसेज थे। उसने फिर पापा को फोन लगाया तो फ़ोन स्विच ऑफ था। आज उसे पापा की बहुत याद आ रही थी। शादी के बाद यह पहली बार था कि फादर्स डे के अवसर पर वह पापा के पास नहीं थी। सुबह से कई बार फ़ोन कर चुकी है लेकिन पापा का फोन अभी भी बंद आ रहा है।
“कितनी बार कहा था पापा से की फ़ोन खराब हो चला है दूसरा ले लो, पर हर बार पापा का एक ही जवाब जब तक काम चल रहा चलने दो। जब से शादी हो कर आई हूं, एक भी दिन पापा से बात किये बिना नहीं गुजरा।”
मन बेचैन था तो नीलू कमरे में आ गई। उसका मन जब भी बेचैन और परेशान होता वह हमेशा अपने कमरे में आकर डायरी लिखती। रवि भी घर पर नहीं था। उसने फिर अलमारी से अपनी डायरी निकाली और कुछ लिखने लगी।
17 जुलाई 2020
“माँ को तो हमेशा मैंने दीवार पर ही देखा था। माँ कैसी होती है यह तो सिर्फ दूसरों से ही सुना था। मैं जब एक साल की थी तभी माँ की आकस्मिक मृत्यु हो गई थी।”
जब से पापा में ही उसने माँ का रूप देखा था। जब से उसकी याददाश्त है, उसने पापा को कभी सोते नहीं देखा था। सुबह जब भी नींद खुलती, पापा हमेशा किचन में नाश्ता बनाते हुए मिलते और रात को उसके सोने तक पापा जागते रहते।
“स्कूल छोड़ने से लेकर होमवर्क करवाने तक का का मेरा सारा काम पापा ही करते। मेरी किसी भी इच्छा को आज तक उन्होंने अधूरा नही रहने दिया। जो भी उनसे मिलता बस एक ही बात कहता कि “दूसरी शादी क्यों नहीं कर लेते? बड़ी होती बेटी की ज़िम्मेदारी अकेले कैसे संभालोगे?” पर पापा ने हमेशा अपनी जरूरतो और इच्छाओं से पहले मुझे रखा।
पता नहीं उन्हें कैसे मेरी हर छोटी से छोटी जरूरत का पता चल जाता था। कभी मन उदास होता तो बिन कहे ही मेरी उदासी जान जाते थे। जीवन के हर अच्छे बुरे की सीख मुझे पापा से ही मिली। जब से दिमाग आया था तब से मैंने सबसे यही सुना था बिन माँ की बेटी है पता नहीं संस्कार और सीख कैसे मिलेंगी। पर मुझे अच्छे से याद है कि कैसे पापा मुझे बड़ा करते हुए माँ बन गये थे।
फिर भी अपने जीवन के हर निर्णय आपने मुझे ही लेने दिए चाहे वह दोस्तों का चुनाव हो, शिक्षा का हो या जीवन साथी चुनने का आपने हमेशा मेरा साथ दिया, मेरा विश्वास किया मेरे हर फैसले का मान रखा। पर मैं तो आपसे कभी दूर ही नहीं जाना चाहती थी हमेशा आपके साथ रहना चाहती थी पर इस समय आपने पहली बार मेरे लिए खुद निर्णय लिया था और मुझे शादी के लिए राजी करवाया था।”
आपके शब्द मुझे आज भी याद है, “अगर अपने जीते जी मैं तेरी शादी नहीं करा पाया तो ये दुनिया का कहा सच हो जाएगा कि एक बाप कभी माँ की कमी पूरी नही कर सकता। मेरा जीवन और मेरा संघर्ष तभी पूरा होगा जब मैं अपने हाथों से तेरे हाथ पीले करुंगा।”
“मुझे आपकी कसम के आगे झुकना पड़ा और मेरी रवि से शादी हो गई। फिर भी कभी-कभी लगता है कि काश मैं लड़का होती तो आपसे कभी दूर जाना न होता। हमेशा आपके साथ रहती मैं भी एक बेटे का फ़र्ज़ निभाती, आपको ख़ुशियाँ देती। पर दुआ करती हूं कि मेरा दुबारा जन्म लड़के के रुप में हो और मुझे पिता के रूप में आप ही मिलें। आपके प्रति जो फ़र्ज़ इस जन्म में अधूरे रह गए वह अगले जन्म ज़रूर पूरा करूँ। आप ही मेरा अभिमान, मेरी ताकत और मेरे जीवन के रियल हीरो हो।”
इतने में दरवाज़े की घंटी बजी। नीलू डायरी को बंदकर दरवाज़े की और चल दी। जैसे ही दरवाज़ा खोला सामने रवि और पापा को साथ में देखकर चौक गई। एक पल तो उसे अपनी आंखों पर विश्वास ही न हुआ। पापा को देखते ही उनके गले लग गई। बाप बेटी कई मिनटों तक ऐसे ही गले लगाकर रोते रहे जैसे कई जन्मों के बाद मिल रहे हों।
“अरे भई यहाँ मैं भी हुँ कोई मुझ पर भी गौर करेगा”, रवि के कहने पर नीलू ज़रा सम्भली। रवि फिर बोला, “आज से पापाजी हमारे साथ ही रहेंगे।”
नीलू ने खुशी से अपने पापा की और देखा।
“हाँ बेटा दामाद जी ने मेरी एक न सुनी बोले इस उम्र में आपका अकेले रहना मुझसे देखा नहीं जाता और देखो मुझे यहाँ अपने साथ ले आये।”
“पापाजी अगर आपका कोई बेटा होता तो यूं आपको अकेले रहने देता क्या और मैं भी तो आपका बेटा ही हूँ। नीलू भी यही चाहती है कि आप हमारे साथ ही रहें”, रवि के कहते ही नीलू खुशी से चहक उठी। उसकी सारी उदासी दूर हो चुकी थी। रवि के जैसा जीवन साथी पाकर आज उसका मन बहुत खुशी से झूम उठा। कैसे रवि ने उसके मन को पढ़ लिया वह भी समझ न पाई। उसने रवि की ओर देख कर आंखों ही आंखों में धन्यवाद दिया।
मूल चित्र : Canva Pro
Devoted house wife and caring mother... Writing is my hobby. read more...
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