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शाहीन बाग की दादी बिलकिस बानो टाइम मैगज़ीन के 2020 के 100 सबसे प्रभावशाली लोगों में शामिल होने वाली सूचि में 5 भारतीयों में अकेली महिला है।
शाहीन बाग की दादी बिलकिस बानो टाइम मैगज़ीन के 2020 के 100 सबसे प्रभावशाली लोगों में शामिल होने वाली सूचि में 5 भारतीयों में अकेली महिला हैं।
टाइम मैगज़ीन ने 2020 के 100 सबसे प्रभावशाली लोगों (100 मोस्ट इन्फ्लुएंशियल पीपल ऑफ़ 2020) की लिस्ट जारी करी जिसमें भारत के 5 नाम शामिल हैं। 4 पुरुषों के बीच 1 महिला ने जगह बनाई है और वो हैं 82 साल की बिल्किस बानो। ‘शाहीन बाग की दादी’ के रूप में मशहूर बिलकिस को ‘आइकन’ कैटेगरी में जगह मिली है।
हर साल TIME मैगज़ीन इस 100 लोगो की सूची में दुनिया के कुछ सबसे महत्वपूर्ण कलाकार, नेता, वैज्ञानिक, कार्यकर्ता और उद्यमी को शामिल करता है जो विभिन्न क्षेत्रों में काम करते हुए दुनिया को प्रभावित करते हैं। इस साल भारत से 5 लोगो में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी, बॉलीवुड एक्टर आयुष्मान खुराना, गूगल के सीईओ सुन्दर पिचाई, शाहीन बाग के प्रदर्शन का मुख्य चेहरा बिलकिस बानो और HIV/AIDS के ट्रिटमेंट के लिए काम करने वाले प्रोफ़ेसर रवींद्र गुप्ता को शामिल किया गया है। ये सभी लोग इस साल दुनियाभर में चर्चा में रहे।
पत्रकार और लेखक राणा अय्यूब उनके बारे में टाइम मैगज़ीन के लिए लिखे अपने लेख में कहती हैं, “बिलकिस माइनॉरिटी लोगों की आवाज़ बन गयी हैं…एक ऐसे राष्ट्र में प्रतिरोध का प्रतीक बन गयी हैं जहां महिलाओं और अल्पसंख्यकों की आवाज़ को प्रमुख राजनीति द्वारा व्यवस्थित रूप से बाहर किया जा रहा था। उन्हें मशहूर होना चाहिए ताकि दुनिया तानाशाही के खिलाफ संघर्ष की ताकत का एहसास करे।”
Bilkis from Shaheen Bagh is TIME magazine's hundred most influential of the year. It was an honour to write about herhttps://t.co/fhab9uQ0M4— Rana Ayyub (@RanaAyyub) September 23, 2020
Bilkis from Shaheen Bagh is TIME magazine's hundred most influential of the year. It was an honour to write about herhttps://t.co/fhab9uQ0M4
भारतीयों की इस लिस्ट में सबसे उम्रदराज और इकलौती महिला बिलकिस बानो उस वक्त सुर्खियों में आईं थीं जब उन्होंने नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ दिल्ली के शाहीन बाग आंदोलन में धरने पर बैठकर ध्यान आकर्षित किया था। उन दिनों मीडिया में दादी जाना-पहचाना चेहरा बन गयी थी। प्रदर्शन के दौरान उन्होंने कई बार मीडिया से कहा था कि सरकार जब तक नागरिकता संशोधन कानून को वापस नहीं लेगी, तब तक वह शाहीन बाग में धरना प्रदर्शन खत्म नहीं करेंगी।
दिल्ली की सबसे कड़ाके वाली ठंड में भी 82 साल की बिलकिस दादी अपने चेहरे पर मुस्कान के साथ और कंधों के चारों ओर एक शॉल ओढ़कर हमेशा बैठी रहती थीं और हमेशा कहतीं कि हम यहां अपने लिए नहीं बल्कि अपने बच्चों के भविष्य के लिए आये हैं। 3 महीनों से अधिक समय तक चले इस विरोध में सैकड़ों महिलाएं शामिल थी जिनमें बिलकिस और अन्य बुजुर्ग महिलाएं भी थी जिन्हें प्रतिरोध और आशा का प्रतीक कहा जा रहा था। और वहीं से बिलकिस बानो ‘शाहीन बाग के दादी’ के रूप में प्रसिद्ध हुईं।
और अब एक बार फिर टाइम मैगजीन की तरफ से लिस्ट जारी होने के बाद ट्विटर पर ‘शाहीन बाग’ ट्रेंड करने लगा। यूजर्स बिलकिस बानो को बधाई देते हुए लिख रहे हैं, “इस उम्र में बिलकिस के संघर्ष का जज्बा काबिले तारीफ है।”
सच में इस उम्र में इस तरह के विचारों के साथ आगे आना क़ाबिले तारीफ़ है। बिलकिस बानो टाइम मैगज़ीन के 100 सबसे प्रभावशाली लोगों की सूचि में आने के लिए आपको और बाकी सब लोगों को बहुत-बहुत शुभकामनाऐं।
मूल चित्र : Time
A strong feminist who believes in the art of weaving words. When she finds the time, she argues with patriarchal people. Her day completes with her me-time journaling and is incomplete without writing 1000 read more...
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