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शैलेंदर व्यास ने एक अलग तरीके से JL50 की कहानी कहने की कोशिश की है जिसके ट्विस्ट और टर्न पूरी सीरिज देखने के लिए मजबूर कर देते हैं।
अभय देओल, पकंज कपूर, राजेश शर्मा और पीयूष मिश्रा जैसे अदाकारों का अभिनय आपको पसंद है। तब आपके लिए ओटीटी प्लेटफार्म Sony LIV पर कल रिलीज हुई वेबसीरिज जेएल50 शानदार मौका है। रहस्य और रोमांच से भरपूर इस सीरिज की कहानी शैलेंदर व्यास ने रची है जो साइंस फिक्शन स्टोरी है जो अपने अंत में थोड़ा निराश करती है। परंतु कमोबेश दो घंटे के चार एपिसोड में बांधे रखती है। Sony LIV पर अब तक रिलीज हुई वेबसीरिज में यह दर्शकों को पसंद आनी चाहिए।
शैलेंदर व्यास ने एक अलग तरीके से JL50 की कहानी कहने की कोशिश की है। मानव सभ्यता के विकास में विमान यातायात का वह साधन है जो लंबी दूरी को कम कर देता है। हम कम समय में एक शहर से दूसरे शहर रवाना हो जाते है। विमान JL50 35 साल पहले 1984 में कलकत्ते से उड़ान भरता है और रहस्यमयी तरीके से गायब हो जाता है और फिर 2019 में अचानक से इसका सुराग मिलता है। सीबीआई अधिकारी शांतनु (अभय देओल) के नेतृत्व में एक टीम इस मामले की जांच करती है तो एक साथ कई रहस्य सामने आते है। इसी रहस्य में वह अपनी मां को भी पा लेता है जो बचपन में ही अनाथआलय में परिवार वालों के छोड़े जाने के कारण पलता है। यह कहानी भी JL50 में साथ-साथ चलती है।
JL50 के रहस्य को सुलझाने के लिए तह तक जाता है तो यह टाइम ट्रैवल से जुड़ा मामले के रूप में सामने आता है जिस पर शांतनु विश्वास नहीं करता है। शुभ्रतो दास (पकंज कपूर) जिसके तार JL50 के साथ जुड़े है वह इसके गायब होने की गुथियों को सुलझाने में मदद करता है क्योंकि उसके अपने स्वार्थ भी है। सीबीआई टीम के सदस्य के रूप में गुंरागो (राजेश शर्मा) शांतनु की मदद करते है। भीऊ घोष (रीतिका) JL50 के पायलन की भूमिका में है प्रोफेसर मिश्रा (पीयूष मिश्रा) नकारात्मक भूमिका में है जो JL50 का अपहरण करके टाइम ट्रेवल करते है।
पूरी वेबसीरीज में ट्विस्ट और टर्न इतने लाजवाब है जो स्टोरी लाइन और सिनेमैटोग्राफी की बढ़ाई करने के लिए मजबूर करता है। यही ट्विस्ट और टर्न पूरी सीरिज देखने के लिए मजबूर करती है। बेहतरीन अदाकारों को इकठ्ठा करके एक अलग तरह की कहानी कहने की कोशिश इस बेवसीरिज में की गई है।
कोरोना महामारी में जहां एक तरह हर ओटीटी प्लेटफार्म पर हर तरह का कानटेन्ट है, Sony LIV अलग तरह का डिजिटल प्लेटफार्म बनने की कोशिश में है। उस कोशिश में जेएल50 एक अच्छी कहानी है जो अच्छे अदाकारों और कहानी कहने के तरीके के कारण दशर्कों को पसंद आ सकती है। कहानी कहने में जिस तरह से ट्विस्ट और टर्न पैदा किए गए है वही चार एपिसोड तक बांधे रखती है।
पकंज कपूर का यह पहला डिजिटल डेब्यू है वह जिस तरह के कलाकार है अगर उन्हें कहानी कहने और अपने तरीके का काम करने की छूट मिले तब ओटीटी प्लेटफार्म पर कई बेहतरीन कहानीयों में उनका अभिनय देखने को मिलेगा। JL50 में उनकी मौजूदगी ही अन्य अभिनेता को बेहतर काम करने का मौका दे देता है। वो एक तरह की प्रतिस्पर्धा पैदा कर देते है। उसके बाद कमाल की स्टोरी लाइन और सिनेमैटोग्राफी में हर अभिनेता रचता-बसता चला जाता है।
मूल चित्र : Screenshot, JL50 Trailer
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