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तेरे अश्रुओं में खुशी की धमक, इधर भी यही तो था हाल मेरा, मेरे रोने में हंसी की थी खनक। तब निडर मेरा मन हुआ था, माँ जब तुमने मुझे छुआ था!
चिंता में घिरा एतबार था, जब तुझे मेरा इंतजार था, दोनों तरफ थी खामोशी, मैं भी छूने को बेकरार था।
तब अंतर्मन को कुछ हुआ था,
माँ जब तुमने मुझे छुआ था!
लंबे मुश्किल इंतजार में, दर्द और चीख-पुकार में, बस तेरी ही खातिर तो, मैं आया हूँ तेरे संसार में।
तब जीवन से मिलन हुआ था,
तपित-थकित था तन मेरा,
अजनबी सा था ये जग तेरा, पर तेरी मर्मर मीठी ध्वनि ने, अपनी रक्षा का दिया था घेरा।
तब अश्रुओं में भी मीठा घुला था,
तेरे अश्रुओं में खुशी की धमक,
तेरी मुस्कान में अश्रु की चमक, इधर भी यही तो था हाल मेरा, मेरे रोने में हंसी की थी खनक।
तब निडर मेरा मन हुआ था, माँ जब तुमने मुझे छुआ था!
मूल चित्र : Pexels
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