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पुरुष प्रधान समाज के किसी भी क्षेत्र में किसी महिला का होना कोई आसान बात नहीं रही होगी, तो आइये जानते हैं कि इन 10 क्षेत्रों की पहली भारतीय महिला कौन थीं!
आज हर कोई कहता है कि लड़कियाँ हर क्षेत्र में लड़कों से कदम मिला के चल रही हैं और यह बात सही भी है लेकिन इसकी शुरुआत इतनी आसान नहीं थी। इन क्षेत्रों की पहली भारतीय महिला ने कुछ साहस कर पहल की और आगे के लिए रास्ते बनाये।
आइये आज आपको इन 10 क्षेत्रों की पहली भारतीय महिला से परिचित कराते हैं
एक देश को जानने के लिए उसकी राजनीति से परिचित होना बहुत आवश्यक है। इसीलिए आइये भारत की राजनीती में सबसे पहले दस्तक देने वाली महिलाओं को जानते हैं:
इंदिरा गाँधी के विषय में कौन नहीं जानता, एक महान राजनीतिज्ञ, एक विशेष वक्ता और भारत की पहली ‘महिला प्रधानमंत्री।’ इंदिरा गाँधी 1966-67 तक सत्ता में रहीं और उनकी भारतीय राजनीति पे छोड़ी गयी छाप आजतक नज़र आती है।
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प्रतिभा पाटिल वर्ष 2007 में भारत की 12 वीं राष्ट्रपति और पहली महिला राष्ट्रपति बनीं। उन्होंने 2007-12 तक कार्यभार संभाला। उनके बाद आजतक दोबारा कोई महिला राष्ट्रपति नहीं बनी है।
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भारत की वित्त व रक्षा मंत्री बनने वाली प्रथम महिला। सीतारमण ने 2014 में रक्षा मंत्री का कार्यभार संभाला था, तात्कालिक समय 2019 में इन्हें वित्त मंत्रालय की कमान सौंपा गयी है, जो बहुत ही अहम् मंत्रालय है।
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भारत की कोकिला कही जाने वाली सरोजिनी नायडू भारत की स्वतंत्रता-प्राप्ति के बाद उत्तरप्रदेश की पहली महिला राज्यपाल बनीं। यूपी विस्तार और जनसंख्या की दृष्टि से देश का सबसे बड़ा प्रांत था।
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स्वतंत्रता के बाद विजयलक्ष्मी पण्डित ने ‘संयुक्त राष्ट्र संघ’ में भारत के प्रतिनिधि मण्डल का नेतृत्व किया और संयुक्त राष्ट्र संघ की महासभा की प्रथम महिला अध्यक्ष निर्वाचित की गईं।
कृपलानी एक भारतीय स्वतंत्रता सेनानी एवं राजनीतिज्ञ थीं। यह उत्तर प्रदेश जैसे राज्य की पहली महिला मुख्यमंत्री रहीं।
शाही परिवार से ताल्लुक रखने वाली राजकुमारी पंजाब के कपूरथला के राजा सर हरनाम सिंह की बेटी अमृत कौर, देश की पहली केंद्रीय मंत्री थीं। वो दस साल तक स्वास्थ्य मंत्री रहीं ।
वी॰ एस॰ रमादेवी वो भारत की प्रथम महिला मुख्य चुनाव आयुक्त थी। वह 26 नवंबर 1990 से 11 दिसंबर 1990 तक भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त पद पर कार्यरत रही।
मीरा कुमार ने 2009-2014 की अवधि के दौरान लोकसभा की पहली महिला स्पीकर होने का भी सम्मान प्राप्त किया है।
सुषमा स्वराज भारतीय महिला राजनीतिज्ञ और भारत की पहली विदेश मंत्री रहीं।
मुथम्मा भारत की पहली महिला थी, जो 1948 में भारतीय सिविल सेवा की परीक्षा में बैठी और फिर भारतीय विदेश सेवा (IFS) में शामिल हुई। पहली भारतीय महिला राजदूत भी बनी।
दुर्गा बनर्जी इंडियन एयरलाइंस की पहली महिला (1956 में) पायलेट और भारत की पहली व्यापारिक (कमरशियल) पायलेट रही हैं।
सरला ठकराल भारत की पहली विमान उड़ाने वाली महिला है। उन्हें 1,000 घंटे की उड़ान के बाद ‘ ए ‘ ग्रेड लाइसेंस मिला, जिससे इन्होंने इतिहास बना दिया, क्योंकि वह ऐसा करने वाली पहली महिला थी। सरला ठकराल महज 21 वर्ष की थी जब इन्होंने अपना विमानन लाइसेंस प्राप्त किया और उसी वर्ष जिप्सी मॉथ ( हवाई जहाज) उड़ाया।
1992 तक भारतीय सेना में महिला कैडेट्स की भर्ती नहीं होती थी। इस सूरत को बदला प्रिया झिंगन ने, झिंगन भारतीय थल सेना की पहली महिला अफसर हैं।
वर्ष 2016 में तत्कालीन रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने महिला पायलटों को बतौर फ़ायटर पायलट वायु सेना में शामिल करने की अनुमति दी थी। वर्ष 2019 में भावना कंठ ने भारत की पहली महिला फ़ायटर पायलट बनकर अपना नाम इतिहास में दर्ज करा लिया।
फातिमा बीवी ने निचली अदालत से एडवोकेट के रूप में करियर की शुरुआत की। इसके बाद सर्वोच्च अदालत तक पहुंचकर जज बनने वाली पहली महिला बनीं।
बहुत सी जद्दोजहद के बाद कॉर्नेलिया सोराबजी भारत की पहली महिला बैरिस्टर होने का गौरव हासिल हुआ।
जस्टिस अन्ना चांडी भारत की प्रथम महिला न्यायाधीश थीं और भारत के उच्च न्यायालय की पहली महिला न्यायाधीश भी थी।
रीता फरिया 1996 में भारत की पहली मिस वर्ल्ड बनीं। रीता सिर्फ भारत की ही नहीं बल्कि एशिया की पहली मिस वर्ल्ड बनीं।
भारतीय सिनेमा में आज अनेकों महिलाएं हैं लेकिन क्या आप जानते हैं, हिंदी सिनेमा की सबसे पहली हीरोइन हैं दुर्गाबाई कामत। साल 1913 में दादा साहेब फाल्के की फिल्म मोहिनी भस्मासुर से दुर्गाबाई ने हिंदी सिनेमा में शुरूआत की। इससे पहले फिल्मों में आदमी ही हीरोइन का किरदार निभाया करते थे। उस ज़माने में फिल्मों में औरतों के काम करने को अच्छा नहीं माना जाता था।
सुष्मिता सेन ने 1994 में फेमिना मिस इंडिया यूनिवर्स का ताज पहनाया गया था और बाद में उन्होंने 18 साल की उम्र में मिस यूनिवर्स 1994 की प्रतियोगिता जीती थी। सुष्मिता प्रतियोगिता जीतने वाली पहली भारतीय महिला है।
होमी व्यारावाला पहली भारतीय महिला फोटो पत्रकार थीं । साल 2010 में उन्हें नेशनल फोटो अवॉर्ड फॉर लाइफटाइम अचीवमेंट से सम्मानित किया गया था, इसके अगले साल ही उन्हें पद्म विभूषण से भी नवाज़ा गया।
किरण बेदी 1972 में यूपीएससी की परीक्षा पास कर आईपीएस के लिए सेलेक्ट हुई थीं। पुलिस सेवा के दौरान किरण बेदी ने बहुत से महत्त्वपूर्ण पद सम्भाले और कठिन काम कर दिखाए और पहली महिला आईपीएस अफसर बनीं।
1973 बैच की महिला आईपीएस अफसर कंचन चौधरी भट्टाचार्य ने साल 2004 में उस वक्त इतिहास रचा था जब वह उत्तराखंड की पुलिस महानिदेशक बनीं। 31 अक्टूबर 2007 को वे पुलिस महानिदेशक के पद से सेवानिवृत्त हुईं।
किरण मजूमदार-शॉ पहली भारतीय महिला व्यवसायी, टेक्नोक्रेट, अन्वेषक और ‘बायोकॉन लिमिटेड’ की संस्थापक और अध्यक्ष भी हैं।
नैना लाल किदवई हावर्ड बिजनेस स्कूल से MBA करने वाली पहली भारतीय महिला हैं। किदवई फिक्की की प्रमुख बनने वाली भी पहली महिला हैं
आनंदीबाई मेडिकल क्षेत्र में शिक्षा पाने के लिए अमेरिका गईं और साल 1886 में (19 साल की उम्र में) उन्होंने MD की डिग्री हासिल कर ली. वो एमडी की डिग्री पाने वाली और पहली भारतीय महिला डॉक्टर बनीं।
भारत की पहली महिला स्नातक और पहली महिला फ़िजीशियन थीं।
टेसी थॉम्स डीआरडीओ (रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन) में शामिल हो गए जहाँ उन्होंने डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के अधीन काम किया। अतः जबकि डॉ एपीजे अदबुल कलाम “भारत के मिसाइल मैन” हैं, डॉ टेसी थॉमस “भारत की मिसाइल महिला” हैं।
टेसी 3,000 किमी की दूरी की अग्नि- III मिसाइल परियोजना की सहयोगी परियोजना निदेशक थी। वह मिशन अग्नि IV की परियोजना निदेशक थीं, जिसका 2011 में सफल परीक्षण किया गया था। टेसी को 2009 में 5,000 किमी रेंज अग्नि- V के लिए परियोजना निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया था। मिसाइल का 19 अप्रैल 2012 को सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया था। उन्हें 2018 में डीआरडीओ के एयरोनॉटिकल सिस्टम के महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया गया था।
विज्ञान में पीएचडी करने वाली पहली भारतीय महिला बनीं। सोहनी किसी भी भारतीय विज्ञान संस्थान का नेतृत्व करने वाली पहली महिला बनीं।
पहली भारतीय महिला इंजीनियर बनीं उन्होंने एलेक्ट्रीकल इंजीनियरिंग में स्नातक किया।
सुरेखा यादव भारत में भारतीय रेलवे की एक महिला लोकोपायलट (ट्रेन चालक) हैं। वह 1988 में भारत की पहली महिला ट्रेन चालक बनी थी। उन्होंने मध्य रेलवे के लिए पहली “देवियो स्पेशल” स्थानीय ट्रेन को चलाया था।
कल्पना चावला भारतीय मूल की अमरीकी अंतरिक्ष यात्री और अंतरिक्ष शटल मिशन विशेषज्ञ थीं। वे अंतरिक्ष में जाने वाली प्रथम भारतीय महिला थीं।
भारत की कर्णम मल्लेश्वरी ने भारत्तोलक “ओलम्पिक पदक जीतने वाली भारत की प्रथम महिला” बनीं। दिसम्बर 2000 में भारत के लिए पहला ओलम्पिक पदक जीतने वाली मल्लेश्वरी को TIME पत्रिका ने वर्ष की प्रथम एशियाई महिला कहकर मान बढाया था।
वृंदा भारतीय क्रिकेट में पहली महिला अंपायर बनीं।
भारतीय रेसर हिमा दास ने फिनलैंड देश की धरती पर नया इतिहास रच दिया और ये हमारे देश की पहली ऐसी महिला बन गई, जिन्होंने आईएएएफ विश्व अंडर-20 एथलेटिक्स चैंपियनशिप की 400 मीटर दौड़ को प्रथम स्थान पर आकर खत्म किया है।
पहली भारतीय महिला जिन्होंने 2005 में विश्व टेनिस संघ का ख़िताब जीता।
अदिति ऐसी पहली भारतीय महिला गोल्फर हैं जिन्होंने लेडीज यूरोपीय टूर जीता।
कमलजीत पहली ऐसी भारतीय महिला हैं जिन्होंने एशिआई खेलों में पदक जीता।
बछेंद्री पाल 1993 में माउंट एवेरेस्ट की चोटी पर जाने वाली पहली भारतीय महिला बनीं।
नीरजा भनोट अशोक चक्र से सम्मानित मुंबई के पैन ऍम एयरलाइन्स की परिचारिका थी। 5 सितम्बर 1986 को हाईजैक हुए पैन ऍम फ्लाइट 73 में यात्रियों की सहायता एवं सुरक्षा करते हुए वह आतंकवादियों की गोलियों का शिकार हो गयी थी। उनकी इस बहादुरी के लिये उन्हें भारत सरकार ने शांति काल के अपने सर्वोच्च वीरता पुरस्कार अशोक चक्र से सम्मानित किया, यह सम्मान पाने वाली नीरजा पहली महिला बनीं।
मदर टेरेसा को उनकी सेवाओं के लिये विविध पुरस्कारों एवं सम्मानों से विभूषित किय गया है। 19दिसम्बर 1971 को मदर टेरेसा को मानव-कल्याण कार्यों के हेतु नोबल पुरस्कार प्रदान किया गया , टेरेसा यह पुरस्कार पाने वाली पहली व अकेली भारतीय महिला हैं।
मिताली मधुमिता वीरता पुरस्कार हासिल करने वाली पहली महिला सैन्य अधिकारी बनीं।
आरती भारत की सबसे लंबी दूरी तय करने वाली तैराक है। इनका जन्म अंग्रेजों के शासनकाल के समय कलकत्ता में हुआ था। आरती साल 1959 में इंग्लिश चैनल पार करने वाली एशिया की प्रथम महिला बनीं।
प्रसिद्ध उपन्यासकार एवं समाजसेविका अरुंधति रॉय को 1997 में उनके पहले उपन्यास ‘द गॉड ऑफ़ स्मॉल थिंग्स’ के लिए बुकर प्राइज मिला था। यह पुरस्कार पाने वाली वह पहली और एकमात्र भारतीय महिला हैं।
हमने यहाँ अधिक से अधिक 10 क्षेत्रों की पहली भारतीय महिला की जानकारी देने का प्रयास किया है लेकिन अभी भी न जाने कितने ऐसे क्षेत्र हैं जिनके बारे में हम नहीं बता सके हैं।
इन क्षेत्रों की पहली भारतीय महिला की साहसी पहल की वजह से ही आज हम क्षेत्रों में अपनी पहचान बना रहे हैं लेकिन इन क्षेत्रों की पहली भारतीय महिला को किन व्यवधानों का सामना करना पड़ा यह हम नहीं समझ सकते।
मूल चित्र : Wikipedia, Twitter, ANI
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