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राशि ठाकरन की पहल से शुरू हुई देश की पहली मेन्टल हेल्थ हेल्पलाइन ‘किरण’

राशि ठाकरन के पीटिशन के बाद मेन्टल हेल्थ कॉउंसलिंग के लिए इंडिया की पहली मेन्टल हेल्थ रीहेबिलीटैशन हेल्पलाइन 'किरण' (1800-599-0019) की शुरूवात हुई।

राशि ठाकरन के पीटिशन के बाद मेन्टल हेल्थ कॉउंसलिंग के लिए इंडिया की पहली मेन्टल हेल्थ रीहेबिलीटैशन हेल्पलाइन ‘किरण’ (1800-599-0019) की शुरूवात हुई।

यूनियन सोशल जस्टिस एंड एम्पॉवरमेंट मिनिस्ट्री के मिनिस्टर थावरचंद गहलोत ने हाल ही में इंडिया की पहली टोल फ्री मेन्टल हेल्थ रीहेबिलीटैशन हेल्पलाइन (1800-599-0019) ‘किरण’ लॉन्च करी। ये हेल्पलाइन मेन्टल हेल्थ सर्विसेज़ जैसे प्रारंभिक जांच, प्राथमिक चिकित्सा, साइकोलॉजिकल सपोर्ट, डिस्ट्रेस मैनेजमेंट, मेन्टल वेलबींग, पॉज़िटिव बिहेवियर आदि के लिए काम करेगी।

13 अलग अलग भाषाओँ में शुरू हुई ये हेल्पलाइन इंडिविजुअल, फ़ैमिली, NGOs, पैरेंट असोसिएशन, प्रोफ़ेशनल असोसिएशन, हॉस्पिटल्स या जिन्हें भी मदद की ज़रूरत है, उन्हें कॉउंसल करेगी। इसमें हिंदी, अंग्रेज़ी, मराठी, तमिल, तेलगु, मलयालम, कन्नड़, गुजराती, पंजाबी, उर्दु, बंगाली, असामीज, ओड़िआ भाषाओँ को शामिल किया गया है। 

— Thawarchand Gehlot (@TCGEHLOT) September 7, 2020

राशि ठाकरन के पीटिशन की वज़ह से आज ये शुरू हुई है

इस हेल्पलाइन के शुरू होने के पीछे राशि ठाकरन का इनिशिएटिव है जो उन्होंने जून 2019 में शुरू किया था। राशि ठाकरन, मार्केटिंग एग्जीक्यूटिव और मेन्टल हेल्थ एडवोकेट, इस इनिशिएटिव को शुरू करने के पीछे का कारण बताते हुए कहती हैं कि उनके 18 साल के भाई के सुसाइड के बाद उन्होंने रिसर्च करी और लगभग 15 NGOs के हेल्पलाइन पर कॉल किया लेकिन सिर्फ तीन नंबर से रिस्पांस मिला। जब राशि ठाकरन ने गवर्मेंट हेल्पलाइन के लिए देखा तो उन्हें एक भी नहीं मिली और इसी के बाद उन्होंने इसके लिए change.org पर पीटिशन शुरू किया जिसे 2 महीनों के अंदर ही 2 लाख से ज़्यादा लोगो का सपोर्ट मिला।

उसके बाद राशि ठाकरन कई गवर्मेन्ट ऑफिशल्स से मिली और कई नेशनल और इंटरनेशनल प्लेटफॉर्म्स पर इसके बारे में चर्चा करी। और अब आख़िरकार इंडिया में राशि ठाकरन की पहल की वजह से मेन्टल हेल्थ रीहेबिलीटैशन हेल्पलाइन ‘किरण’ का संचालन शुरू हुआ।

Sputniknews के इंटरव्यू में राशि ठाकरन कहती हैं कि इस ख़बर से मुझे बहुत खुशी हुई लेकिन अभी भी हमें एक लंबा सफर तय करना है। हमें ये सुनिश्चित करना होगा कि ये हेल्पलाइन जारी रहे और जो भी एंग्जायटी, स्ट्रेस, डिप्रेशन या सुसाइडल थॉट्स से गुज़र रहे हैं, उनके पास बात करने के लिए कोई रहे।

मेन्टल हेल्थ रीहेबिलीटैशन हेल्पलाइन ‘किरण’ इस तरह से संचालित होती है : 

भारत के किसी भी हिस्से से अपने मोबाइल या लैंडलाइन से टोल फ्री नंबर 1800-599-0019 डायल करें। एक वेलकम मैसेज के बाद आपको एक भाषा चुननी होगी, उसके बाद आपको अपना राज्य/यूनियन टेरिटरी का चयन करना होगा। फिर आपके राज्य के हेल्पलाइन नंबर से कनेक्ट कर दिया जायेगा। अब आप अपनी बात उनके साथ साझा कर सकते हैं और वो आपकी मदद करेंगे या आपको आगे क्लीनिकल साइकॉलॉजिस्ट/साइकेट्रिस्ट/रिहैबिलिटेशन साइकॉलॉजिस्ट से कनेक्ट कर देंगे।  यह सेवा 24 घंटे, सप्ताह के सातो दिन चालू रहेगी। इसमें 25 इंस्टीटूशन्स को शामिल किया गया है। इसे 660 क्लीनिकल/रिहैबिलिटेशन साइकॉलॉजिस्ट और 668 साइकेट्रिस्ट के साथ जोड़ा गया है। 

इंडिया में न ही मेन्टल हेल्थ के बारे में इतनी अवेयरनेस और न ही पर्याप्त मात्रा में मेन्टल हेल्थ प्रोफेशनल। और इस महामारी में स्ट्रेस कई गुना बढ़ गया है। हमारी सोसाइटी में मेन्टल हेल्थ पेशेंट्स को लेकर स्टिग्मा है और उस वजह से वो डॉक्टर की सलाह लेने में हिचकते है। इस समय गवर्मेंट का मेन्टल हेल्थ रीहेबिलीटैशन हेल्पलाइन ‘किरण’ लॉन्च करना एक सराहनीय कदम है जिससे न ही सिर्फ लोग मदद ले पाएंगे बल्कि यह मेन्टल हेल्थ के बारे में लोगो को जागरूक भी करेगा। 

मेन्टल हेल्थ रीहेबिलीटैशन हेल्पलाइन ‘किरण’ का सदुपयोग करें

बस इन सब में मेरी आपसे एक गुज़ारिश है: अगर आपको वास्तव में मेन्टल हेल्थ प्रोफेशनल की मदद लेनी हो, तो ही आप इस हेल्पलाइन को डायल करें। हम में से कई हसीं मजाक के लिए भी टोल फ्री नंबर डायल कर लेते हैं जिससे सामने वाले का समय और रिसोर्सेज दोनों का ही दुरूपयोग होता है। और इस वजह से कई बड़े प्रोजेक्ट्स अधूरे रह जाते हैं और लोगो का भरोसा उठ जाता है जिससे ज़रूरतमंद तक मदद नहीं पहुंच पाती है। तो इसका सदुपयोग करें और ज़्यादा इसके बारे में अवेयर करें। 

(मेन्टल स्ट्रेस से निबटने के लिए आप क्लिनिकल साइकॉलॉजिस्ट, आरती सेल्वन का विमेंस वेब के साथ ये इंटरव्यू पढ़ सकते हैं।)

मूल चित्र : Raashi Thakarn/Instagram, Twitter

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Shagun Mangal

A strong feminist who believes in the art of weaving words. When she finds the time, she argues with patriarchal people. Her day completes with her me-time journaling and is incomplete without writing 1000 read more...

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