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फॉरबिडेन लव की इन दोनों कहानियों में तो मानवीय रिश्तों की कहानी है जिसमें विवाह संस्था में अब तक तय की जा चुकी नैतिकताओं के कारण पैदा हुई घुटन की दास्तां है।
Zee5 पर पिछले दिनों चार डायरेक्टर्स की चार कहानियों में दो प्रदीप सरकार की अरेंज्ड मैरिज और प्रियदर्शन की अनामिका फॉरबिडेन लव (Forbidden Love) नाम से एक वेब सीरीज़ में रिलीज हुई। अनिरुद्ध राय चौधरी की रूल्स आंफ द गेम और महेश मांजरेकर की डायग्नोसिस आंफ लव 24 सितंबर को रिलीज होने वाली है।
चार या पांच कहानियों की अन्थोलॉजी एक फिल्म तो पहले भी आती रही है जो थिएटर में रिलीज होती थी। ओटीटी प्लेटफार्म पर नेटफिलिक्स पर रिलीज हुई दो सीरीज के बाद नेटफिलिक्स के बाहर किसी प्लेटफार्म पर यह पहली सीरिज है। शार्ट फिल्म्स जो अब तक स्वतंत्र प्लेटफार्म पर ही रिलीज होते रहे हैं, उनके लिए यह एक नया दरवाजा खुलने जैसा है। ओटीटी प्लेटफार्म पर बड़े डायरेक्टर्स की फिल्मों का रिलीज़ होना देखने वालों के लिए बंपर लॉटरी लगने जैसा है।
बात अगर फॉरबिडेन लव (Forbidden Love) में प्रदीप सरकार की अरेंज्ड मैरिज और प्रियदर्शन की अनामिका की करे तो जहां एक तरफ अरैज्ड मैरिज में अली फजल, पत्रलेखा, ओंकार कपूर और धृतिमान चटर्जी प्रमुख भूमिका में है। तो दूसरी कहानी अनामिका में आदित्य सील, हर्ष छाया और पूजा कुमार मुख्य भूमिका में है। अरेंज्ड मैरिज में प्रदीप सरकार ने शादीशुदा रिश्ते और समलैंगिक रिश्ते की एक हकीकत बयां करने की कोशिश की है, जो भारतीय समाज में लंबे समय से रही है, परंतु वह छुपी हुई थी। उन पर बात नहीं होती थी। जिसके कारण समलैंगिकों को एक घुटन में जीवन जीना पड़ता है।
डिजिटल प्लेटफार्म पर अरेंज्ड मैरिज से प्रदीप सरकार ने अपनी मौजूदगी दर्ज की है और हमारे समाज समलैंगिंक रिश्तों के घुटन को सतह पर लाकर रख दिया। इस घुटन में उसका समलैंगिंक बच्चों का बचपन के उन तकलीफों को भी दर्ज किया, जहां लैंगिक पसंद अलग होने के कारण उनका शोषण होता है और घर का कोई यहां तक कि बहन भी उसकी तकलीफ नहीं समझती है। वह अंत तक यही समझती है कि समलैंगिकता एक मानसिक बीमारी है और इसको दवा या अन्य तरीके से ठीक किया जा सकता है।
दूसरी कहानी अनामिका में प्रियदर्शन ने पति-पत्नी के रिश्ते के बीच के उस तकलीफ को दिखाने का प्रयास किया है जब पति-पत्नी के बीच प्यार और बातचीत भी बस एक रूटीन बनकर रह जाता है। उसमें खुशी गुम हो जाती है। कहानी में अनामिका अपने से कम उम्र के लड़के ईशान में वह खुशी खोजने लगती है। उनका प्यार अपने उरोज पर पहुंचकर जब फैसले के मुकाम तक पहुंचने वाला होता है। तभी अनामिका को पता चलता है कि वह एक साजिश का छोटा सा हिस्सा भर है।
इन दोनों कहानियों में तो मानवीय रिश्तों की कहानी है जिसमें विवाह संस्था में अब तक तय की जा चुकी नैतिकताओं के कारण पैदा हुई घुटन की दास्तां है। अनिरुद्ध राय चौधरी की रूल्स आंफ द गेम और महेश मांजरेकर की डायग्नोसिस आफ लव में क्या है उसकी जानकारी तो 24 सितंबर को उसके रिलीज होने के बाद ही पता चलेगा। उनका ट्रेलर देखकर कहा जा सकता है कि यह दोनों कहानी भी शादीशुदा रिश्ते और लिव-इन रिलेशनशिप की एक दास्तां ही है जिसका एक नया एंगल देखने को मिलने वाला है।
बहरहाल मुझे लगता है कि बदलते समय के साथ शादीशुदा रिश्ते, प्रेम और किसी भी तरह के रिलेशनशिप को अलग तरह से देखना जरूरी है वक्त के साथ-साथ नई तरह की परिस्थितियों और सामाजिक हालातों ने यह करने को मजबूर कर दिया। नहीं तो विवाह संस्था की परंपरा को मानवीय कंधों पर ढोने के चक्कर में कोई खुश तो नहीं ही रहता है, घुटता जरूर रहता है और कुठिंत होता रहा है। धीरे-धीरे यही कुंठा अपराध का रूप ले लेती है।
मूल चित्र : Screenshot of Trailer, YouTube
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