कोरोना वायरस के प्रकोप में, हम औरतें कैसे, इस मुश्किल का सामना करते हुए भी, एक दूसरे का समर्थन कर सकती हैं?  जानने के लिए चेक करें हमारी स्पेशल फीड!

अब मैं अपना सपना ज़रूर पूरा करूँगी…

एक तो काजल अपने पिता की मौत को सहन नहीं कर पा रही थी, और पिता के जाते ही सब रिश्तेदारों ने भी अपना पल्ला झाड़ लिया।

एक तो काजल अपने पिता की मौत को सहन नहीं कर पा रही थी, और पिता के जाते ही सब रिश्तेदारों ने भी अपना पल्ला झाड़ लिया।

आज काजल बहुत उदास है। उसके पिता जगदीश पुरोहित उसे और उसकी माँ को छोड़ कर हमेशा के लिए स्वर्गलोक चले गए। काजल के पिता बिजली विभाग में चपरासी का काम करते थे।

“पापा आप जा रहे हो। अपने जूते तो पहन कर जाओ, बाहर बहुत तेज बारिश है। गली में पानी भरा हुआ है, फिसलन है। आपने छाता भी नहीं लिया।”

“काजल मैं अभी आता हूँ… पड़ोस के शर्मा जी के घर का फ्यूज उड़ गया है, उनका फ़ोन आया है, मैं अभी आया! तुम यही रहो अपनी माँ के साथ”, जगदीश जी ने कहा।

काजल की मम्मी को घुटनों में दर्द रहता है। तो वो ज्यादा चल फिर नहीं सकती। काजल जाकर अपनी माँ के पास बैठ जाती है।

थोडी देर बाद पड़ोस से रोने की आवाज़ सुनकर काजल दौड़ कर जाती है। देख कर दंग रह जाती है कि उसके पिता जमीन पर गिरे पड़े हैं और उनके हाथ पैर कांप रहे है।

लोगों ने बताया कि उन्हें 440 वाल्ट का करंट लग गया। इससे पहले की डॉक्टर को बुला पाते काजल के पिता की मौत हो गयी।

काजल जो अभी 15 साल की है जिसने 11वी क्लास के एग्जाम देने है। अपने पिता की मौत को सहन नही कर पा रही है। पिता के जाते ही सब रिश्तेदारों ने भी अपना पल्ला झाड़ लिया। काजल की मम्मी का भी बहुत बुरा हाल हो गया है। आज काजल के पिता की तेरहवीं है… सभी जान पहचान वाले मिलने आ रहे है। तभी दो अनजान आदमी आये बोले, “क्या ये घर जगदीश पुरोहित जी का घर है?

काजल ने कहा, “हाँ। लेकिन आप कौन? मैंने आपको नहीं पहचाना।”

वो लोग बोले, “हम इंश्योरेंस कंपनी से आये हैं। आपके पापा ने अपना इंश्योरेंस करवा रखा था कि यदि उन्हें कुछ हो जाए तो उनकी मौत के बाद उनके परिवार को किसी का मुंह न देखना पड़े, किसी के आगे हाथ न फैलाने पड़े।”

“क्या कह रहे हो आप? मुझे तो नहीं बताया उन्होंने”, काजल की मम्मी बोल पड़ी।

“हम सही कह रहे हैं। आप, उस इंश्योरेंस पॉलिसी की नॉमिनी हो तो अब इसके पैसे आपको मिलेंगें। आप इस फॉर्म पर अपने हस्ताक्षर कर दीजिए। हम सारे डॉक्यूमेंट वर्क पूरा करके आपको आपके पति की इंश्योरेंस निधि की राशि 35 लाख रुपये एक सप्ताह के भीतर आपको मिल जाएगी। आपके पति चाहते थे कि उनकी बेटी आगे पढ़ें, उनके सपनों को पूरा करे, एक क़ाबिल डॉक्टर बन सके।”

उनकी बातों को सुनकर काजल जोर जोर से रोने लगी तभी उनमें से एक अधिकारी बोला, “बेटा अब रोना नहीं अब तुम जियो अपने सपने जो कभी तुमने और तुम्हारे पापा ने मिल कर देखा था।”

“सही कहा अंकल आपने इस इंश्योरेंस की राशि से हमारे सब दुख खत्म हो गए। पापा ने अपनी कमी को पूरा कर दिया। पापा जब तक जिंदा रहे मेरी इच्छाओं को पूरा करते रहे और मरने के बाद भी मेरे सपनो को उड़ान दे गए। अब मैं अपने सपने को जरूर पूरा करूंगी और अपने पापा की काबिल बेटी (डॉक्टर) भी बनूंगी।” काजल ने अपने आंसू पोंछते हुए कहा।

सही कहा है हम अपनी जिम्मेदारियों को भी निभाते हैं और उनके साथ अपने सपनों को भी जीते हैं  उनको पूरा करने का जोश, आत्मविश्वास अपने अंदर हमेशा जाग्रत रखिये। कर्म करते रहो, प्रयास करो, मुश्किलों का सामना करो। आपकी राह में आने वाला हर पत्थर आपकी राह का कांटा नही फूल बन जायेगा तो आप सब भी काजल की तरह “जियो अपने सपने।”

मूल चित्र : Vsanandhakrishna from Getty Images via Canva Pro 

विमेन्सवेब एक खुला मंच है, जो विविध विचारों को प्रकाशित करता है। इस लेख में प्रकट किये गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं जो ज़रुरी नहीं की इस मंच की सोच को प्रतिबिम्बित करते हो।यदि आपके संपूरक या भिन्न विचार हों  तो आप भी विमेन्स वेब के लिए लिख सकते हैं।

About the Author

90 Posts | 614,006 Views
All Categories