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बैड बॉय बिलियनेयर्स इंडिया : महत्वकांक्षी व्यापारियों के साहस और फरेब की कहानी है

इस सीरीज में इन तीनो महत्वकांक्षी व्यापारियों की कहानी इतना तो बता देती है कि भारत के लोगों के पास वह तमाम सम्भावनाएं मौजूद है।

इस सीरीज में इन तीनो महत्वकांक्षी व्यापारियों की कहानी इतना तो बता देती है कि भारत के लोगों के पास वह तमाम सम्भावनाएं मौजूद है।

केतन मेहता के कहानी कहने के अपने खास अदाजे-बयां और दमदार अभिनय के वज़ह से वेबसीरिज़ “स्कैम 1992” ने दर्शकों के बीच कॉरपरेंट दुनिया के उतार-चढ़ाव को जानने-समझने की रूचि तो पैदा कर दी है। इस रूचि को बरकरार रखने के लिए नेटफिल्क्स पर ‘बैड बॉय बिलियनेयर्स इंडिया’ रिलीज हो चुकी है।

पहले इसमें विजय माल्या, नीरव मोदी, सहाराश्री सुब्रत राय और रामालिंगम राजू की फर्श से अर्श और अर्श से फर्श तक के सफ़र की कहानी दिखाई जानी थी। बैड बॉय बिलियनेयर्स इंडिया पहले 2 सिंतबर को रिलीज होने वाली थी पर कोर्ट ने रिलीज़ पर रोक लगा दी थी। अब रामालिंगम राजू की कहानी को इस सीज़न से हटा दिया गया और पहला सीजन कुछ दिनों पहले नेटफिलिक्स पर रिलीज भी हो चुका है।

घंटे-ढेड़ घंटे के तीन एपीसोड़ में विजय माल्या, नीरव मोदी और सहाराश्री सुब्रत राय की कहानी पत्रकारों, लेखकों और तथ्यों से जुड़े व्यक्तियों के माध्यम से डाक्यूमेंट्री शैली में सुनाई गई है। इसलिए बैड बॉय बिलियनेयर्स इंडिया सीरिज़ “स्कैम 1992” वाला मजा नहीं देती है। परंतु, बैड बॉय बिलियनेयर्स इंडिया की कहानी इतना जरूरी बता देती है कि बैंक अधिकारों की गैरजिम्मेदारी और नियम-कानून में होल्स का फायदा उठाकर इन तीनों महत्वकांक्षी बिजनेसमैनों से आम जनता के पैसों का व्यारा-न्यारा करके देश की अर्थव्यवथा ही नहीं लाखों युवाओं को चुना लगाया और करोड़ों का भरोसा तोड़ा।

विजय माल्या की कहानी

विजय माल्या की कहानी वहां से शुरू होती है जब वह लंदन के अदालत में अपना पक्ष रखने के लिए न्यायालय के पास जाते हैं और मीडिया उनको घेर लेती है। वे मीडिया के सवालों से बचते नज़र आते हैं। उसके बाद वह अपने 50वें जन्मदिन का शानदार बेशर्म प्रदर्शन पार्टी देकर कर रहे थे। बेशर्म प्रदर्शन इसलिए क्योंकि तब तक वह अपने एयंरलाइन्स के कर्मचारियों का वेतन कई महीनों से नहीं दे रहे हैं और उनके हजारों कर्मचारी सड़क पर आ चुके थे।

देश के प्रतिष्ठित और ईमानदार व्यवसायी विट्टल माल्या के अचानक मौत के कम उम्र में विजय माल्या ने अपने पिता के व्यवसाय को संभाला। अपने व्यवसाय को बढ़ाने के लिए उस व्यवसाय को प्रमुखता दी जिसको लेकर भारतीय नैतिकता काफी हावी थी। उन्होंने बेंगलुरु के एक रेस्तां से बियर का व्यवसाय शुरू किया और उससे इतना मुनाफा बटोरा की वह बैलर किंग कहे जाने लगे।

अपने व्यवसाय बढ़ाने के लिए वह एयंरलाइन्स के तरफ रूख किया और इसको आम हिंदुस्तानी लोगों के हवाई सफर को सहज़ के साथ-साथ आरामदायक बना दिया। उनका यह प्रयोग सफल तो रहा पर अधिक मुनाफा नहीं दे सकता था। जब विजय माल्या ने किंगफिंशर को आम एयंरलाइंस से खास एयरलाइंस बनाने में जुटे तब उन्हें पैसे की जरूरत पड़ी। उन्होंने भारत के कुल 13 बैंक से 9000 करोड़ का कर्ज लिया और बेहिसाब खर्च करने के आदत के कारण घाटे में जाते गए। उन्होंने कभी सोचा ही नहीं कि एयंरलाइन्स के घाटे को कम कैसे किया जाए? जब पानी सर से ऊपर उठ गया तो एक दिन लोगों को पता चला कि वह भारत से लापता हो गए, देश ने उनको भगोड़ा घोषित कर दिया।  

नीरव मोदी की कहानी

कहानी की शुरूआत एक इंटरव्यू से होती है जब नीरव मोदी हीरो के जौहरी के रूप में अपना साम्राज्य पूरी दुनिया में फैला चुके हैं और वह मुस्कुराते हुए कहते हैं कि मैं जेवरों का व्यापारी हूँ और इसमें भरोसा सबसे बड़ी चीज होती है। जब कोई जेवरों पर लाखों करोड़ो खर्च करता है तो ब्रांड पर भरोसा ही सब कुछ होता है। इस बात में कोई शक नहीं है कि भारतीय जेवरों की कला को उन्होंने दुनिया भर में एक मुक्मल मुकाम पर लाकर खड़ा कर दिया। जहां उनका ब्रांड अंतरराष्ट्रीय ब्रांड को टक्कर दे रहा था।

पर नीरव अपना व्यवसाय नैतिकता और ईमानदारी से नहीं कर रहे थे क्योंकि विश्व स्तर पर इतना बड़ा खेल खेलने के लिए बहुत सारे पैसे की जरूरत होती है और जो आ रहा था भारत के बैंक पंजाब नेशनल बैंक के अधिकारियों को बहला-फुसला या कहे बेवकूफ बनाकर। यह भारत का अब तक का सबसे बड़ी कॉरपरेट धोखाधड़ी थी जिसने रातों-रात सब की नींद उड़ा दी और सबसे बड़े कॉरपरेट चोर अचानक से गायब हो जाते हैं।

नीरव मोदी ने अपने बारे में एक सुंदर सी कहानी बनाते हैं। अपने हीरो के व्यापार का एक विज़न बैंक और अपने स्टाफ के सामने रखते हैं। भारत के हीरे व्यापार को दुनिया के सामने एक उंचाई पर कैसे लेकर जाते है, इसका एक सक्षिप्त विवरण सीरिज का यह एपिसोड बताती है। कहानी में सत्यता का पुट रखने के लिए उनके सहयोगी, वह जिनके सहयोग से अपना साम्राज्य बनाते है वह लोग और उनके गायब होने के बाद खोजने वाले पत्रकार बीच-बीच में आकर तथ्यों को रखते हैं। जो नीरव मोदी के काल्पनिक और फरेब की रची दुनिया का पर्दाफाश कर देते हैं।

सहाराश्री की कहानी

कहानी की शुरुआत होती है विश्व के सबसे बड़े व्यवसायी परिवार के मुखिया सहाराश्री के स्पीच से जब वह अपने करोड़ो कर्मचारियों को एक बड़े मैदान में इकठठा करके राष्ट्रगान गाकर स्वयं के देशभक्त होने का परिचय दे रहे होते हैं।

सर्वोच्च न्यायालय उनको अपने देनदारों को पैसा वापस करने के लिए कह चुका था। वह मीडिया इंटरव्यू में कह रहे हैं उन्होंने कुछ गलत किया है इसको दुनिया में कोई साबित नहीं कर सकता है। उत्तर भारत के किसी भी गांव-कस्बे में चले जाएं वहां आपको एक बड़ा समुदाय सहारा में अपना पैसा लगाने की बात करेगा ही।

सहाराश्री आज भी कहते है उनके बारे में अफवाहें फैलाकर उनको बदनाम किया गया जिससे उनका बिजनेस बर्बाद हो गया। जबकि उन पर लगाए गए सारे इल्जाम के सबूत उनके खिलाफ थे। सहारा यहां तक कहते है कि पिछले 32 साल में उन्होंने अगर कोई गैरकानूनी व्यवसाय किया है तो उनको फांसी दे दीजिए। सहाराश्री कुछ भी कहे पर हकीकत यही है कि उन्होंने उत्तर भारत में हर छोटे-मझोले भारतीयों को ठगा। उन्होंने उत्तर भारत के गांव-कस्बो-मोहल्ले के निम्न मध्य वर्ग के लोगों को छोटी बचत करना सीखाया इससे कोई इंकार नहीं कर सकता। इस बचत को निश्चित समय में दुगना-तिगुना करने का वादा किया। शुरूआत में वह इसमें सफल रहे, जब वह आय बढाने के लिए कई जगह निवेश करने लगे और जनता के पैसा को फिजूल खर्च करने लगे। तब उन्हें कंपनी को पब्लिक करने की जरूरत महसूस हुई।

इसके साथ वह नियम-कायदों के शिकंजों में फंसते चले गए जो वह पहले नहीं किया करते थे।उन्होंने निम्न मध्यवर्ग जिसको सहारा परिवार कहा उसके सपनों को तोड़ दिया, उसका भरोसा भी खो दिया। आज वह बेल पर बाहर है लोगों का पैसा वापस करने के लिए नये सिरे से मेहनत कर रहे है पर अभी तक कामयाब नहीं हो सके हैं।

इन तीनो महत्वकांक्षी व्यापारियों की कहानी इतना तो बता देती है कि भारत के लोगों के पास वह तमाम सम्भावनाएं मौजूद है। जिसको तराश कर लोगों को भरोसा दिलाकर वह बहुत कुछ कर सकते है। कुछ इस तरह का कि पूरी दुनिया की निगाहें उनपर आकर जम जाए। जरूरत इस बात कि है कि उनको नियम-कायदों के दायरों में रहकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाना होगा तभी वह वाकई कामयाब व्यापारी कहे जाएगे। करोड़ों लोगों का भरोसा और विश्वास तोड़कर वह कामयाब तो हो जाएगे पर लोगों के दिलों पर राज नहीं कर सकेगे, जैसा यह तीन या इन जैसे अन्य महत्वकांक्षी व्यापारियों के साथ हुआ। वह कामयाब तो हुए पर लोगों का भरोसा तोड़कर, लोगों के मन में अपने लिए कड़वाहट लेकर।

मूल चित्र : Bad Boy Billionaires India Poster

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