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बेटी आपकी मर्ज़ी से शादी तो कर लेगी पर वो ख़ुश नहीं रह पाएगी। रोहिणी चाहे तो आपके ख़िलाफ़ पुलिस कम्प्लेन भी कर सकती है पर उसने ऐसा नहीं किया।
नोट : विमेंस वेब की घरेलु हिंसा के खिलाफ #अबबस मुहिम के चलते हमने आपसे अप्रकाशित कहानियां मांगी थीं, उसी श्रृंखला की चुनिंदा कहानियों में से ये कहानी है अनुराधा अग्निहोत्री की!
मैं रिया मेरी उम्र 18 साल है। रोज़ मैं घर के पास वाले बग़ीचे में सुबह की सैर के लिए जाती हूँ। कभी-कभी मेरी मुलाक़ात मेरी मोहल्ले में रहने वाली रोहिणी से होती है। हम एक दूसरे से बात तो नहीं करते पर एक मुस्कुराहट से एक दूसरे को जानते हैं।
आज सुबह जब मैंने उसको देखा तो उसका चेहरा बुझा बुझा सा था। एक फीकी सी मुस्कुराहट देकर वो आगे बढ़ गयी।
आज एक हफ़्ता हो चुका है रोहिणी को देखे हुए। मुझे पता नहीं क्यों मन में अजीब सी बेचैनी है।
मैं बेंच पर बैठकर रोहिणी के बारे में सोच ही रही थी कि उसकी सहेली कल्पना दिखी मुझे। वो दोनों प्रतिदिन साथ ही आते थे। मैंने उसको रोककर पूछा, “रोहिणी नहीं दिख रही आजकल। क्या हुआ उसे?”
कल्पना ने बताया, “उसके पेरेंट्स उसकी शादी कर रहें हैं। और वो किसी और से शादी करना चाहती थी।”
मैंने कल्पना को बोला, “अगर वो किसी और से शादी करना चाहती है तो हम उसकी मदद कर सकते हैं। 18 साल की उम्र होने पर सरकार ये अधिकार हमें देती है कि हम अपने जीवनसाथी को चुन सकते हैं। ये अधिकार हमसे कोई नहीं छीन सकता।”
“एक तरकीब और है। उसके माँ बाप शर्मा डॉक्टर अंकल की बात भी बहुत मानते हैं। हम इस मामले में उनकी मदद ले सकते हैं। और फिर वो गुप्ता चाची जो हमेशा रोहिणी की माँ के साथ सत्संग में जाती हैं, हम उनसे भी बात कर सकते है।”
कल्पना रोहिणी की बहुत ख़ास मित्र है और उसकी मदद करना चाहती थी इसलिए उसे रिया की बात सही लगी। फिर क्या रिया और कल्पना ने मिलकर सबसे बात की।
और फिर डॉक्टर अंकल और चाची की मदद से वो लोग रोहिणी के माँ बाप को समझाने में सफल हुए, “बेटी आपकी मर्ज़ी से शादी तो कर लेगी पर वो ज़िंदगी भर ख़ुश नहीं रह पाएगी। और रोहिणी चाहे तो आपके ख़िलाफ़ पुलिस कम्प्लेन भी कर सकती है पर उसने ऐसा नहीं किया। ये इस बात का सबूत है कि रोहिणी आप लोगों से कितना प्यार करती है कि वो आप की वजह से अपने पूरा जीवन एक अनजान इंसान के साथ बिताने को मान गयी। अपने प्यार अपनी पसंद की बिना परवाह किए।”
पहले तो रोहिणी की माँ बाप कुछ ज़्यादा सुनने को तैयार नहीं थे। पर डॉक्टर अंकल ने जब उनसे कहा, “अगर आप हमारी बात नहीं सुनेंगे तो मैं आपके ख़िलाफ़ पुलिस कम्प्लेन कर दूँगा। तब आप क्या करेंगे?”
ये सुनकर रोहिणी के माँ बाप ने अपनी ज़िद छोड़ दी और रोहिणी की शादी उसके मन पसंद लड़के से करवा दी।
इस कहानी का उद्देश्य ये है कि किसी लड़की की अगर माँ बाप जबरन शादी करते हैं तो वो एक घरेलू हिंसा के अंतर्गत आता है। हिंदू मैरिज ऐक्ट के तहत समाज का कोई भी व्यक्ति इस तरह की घटना को रोकने के लिए पुलिस और एन. जी. ओ. का सहारा ले सकता है।
मूल चित्र : pixelfusion 3d from Getty Images via Canva Pro
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