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दीपिका राजावत का ट्वीट आज की सच्चाई ही तो दिखा रहा है फिर हड़कंप क्यों?

जिस देश में देवियों को पूजा जाता है वहीं महिलाओं के साथ अत्याचार भी किया जा रहा है और कुछ इसी संदर्भ में दीपिका राजावत ने भी अपनी बात रखी...

जिस देश में देवियों को पूजा जाता है वहीं महिलाओं के साथ अत्याचार भी किया जा रहा है और कुछ इसी संदर्भ में दीपिका राजावत ने भी अपनी बात रखी…

आज से 2 साल पहले साल 2018 में जम्मू-कश्मीर के कठुआ में 8 साल की बच्ची के साथ गैंगरेप की ख़बर ने पूरे हिंदुस्तान को झकझोर कर रख दिया था। अगर ख़बरों से आपका ज़रा सा भी ताल्लुक है तो यह ख़बर आपने भी सुनी होगी। पीड़ित पक्ष की ओर से इस केस की कमान संभालने वाली वकील दीपिका राजावत का नाम उस वक्त सुर्खियों में था क्योंकि उन्होंने दोषियों को सज़ा दिलवाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी।

ये लड़ाई दीपिका के लिए सिर्फ कोर्टरूम तक सीमित नहीं थी। जब तक वो कठुआ केस से जुड़ी रहीं तब तक उन्हें रेप की, जान से मारने की कई धमकियां मिलती रहीं। ऐसी हिम्मत दिखाने के लिए हर चैनल पर दीपिका की वाहवाही और तारीफ़ों के कसीदे पढ़े जा रहे थे। लेकिन वही दीपिका जो एक बच्ची से साथ हुई बदसलूकी के लिए लड़ी थी उनपर आज आरोप लग रहे हैं। मामला जुड़ा है दीपिका के उस ट्वीट से जो उन्होंने हाल ही में किया है। उनके इस ट्वीट के बाद सोशल मीडिया पर #Arrest_Deepika_Rajawat ट्रेंड करने लगा है।

दीपिका रजावत के ट्वीट पर हड़कंप क्यों?

कठुआ केस की वकील रहीं दीपिका पर देवी-देवताओं के अपमान का आरोप लगा है। दीपिका ने यह ट्वीट हाथरस गैंगरेप और महिलाओं के ख़िलाफ़ बढ़ रहे अपराधों को लेकर किया है। इस तस्वीर के एक हिस्से में लिखा हुआ है ‘अन्य दिन’ और दूसरे हिस्से में लिखा गया है ‘नवरात्र’ और ऊपर लिखा गया है विडम्बना। जैसा कि हम सभी लोग कहते ही हैं कि जिस देश में देवियों को पूजा जाता है उसी देश में आए दिन महिलाओं के साथ अत्याचार की ख़बरें आती रहती हैं। कुछ इसी संदर्भ में दीपिका राजावत ने भी अपनी बात रखी।

लेकिन कुछ नेटिज़न्स दीपिका के इस ट्वीट के बाद उन पर कड़वी बातों और तानों के गोले-बारूद बरसा रहे हैं। आलम ये है कि हिंदू धर्म को अपनी पनौती समझने वाले ये लोग दीपिका को किसी भी हालत में गिरफ्तार करवाना चाहते हैं। लोग कह रहे हैं कि दीपिका रजावत ने इस पोस्ट से हिंदू धर्म की भावनाओं को बुरी तरह ठेस पहुंचाया है।

एक ट्वीट देखकर ही हगांमा शुरू बाकी क्यों नहीं देखें?

दीपिका राजावत की तारीफ़ में धर्म के रखवालों ने कितने सुंदर-सुंदर शब्द लिखे हैं वो आप #Arrest_Deepika_Rajawat हैंडल पर आराम से पढ़ सकते हैं। क्योंकि देवी-देवताओं का सम्मान करना सिर्फ़ यही जानते हैं। इन लोगों ने दीपिका के ख़िलाफ़ हाय-हाय का आंदोलन तो खड़ा कर दिया लेकिन उनका शायद एक ही ट्वीट देखा।

17 अक्टूबर को दीपिका ने नवरात्रि पर्व की बधाई देते हुए ट्वीट पोस्ट किया था और इस ट्वीट में मां दुर्गा की तस्वीर थी। इसके साथ ही दीपिका ने लिखा था “सुख, शान्ति एवं समृद्धि की मंगलमय कामनाओं के साथ आप एवं आप के परिवार को शारदीय नवरात्रि की हार्दिक मंगल कामनायें। मां अम्बे आपको सुख समृद्धि वैभव ख्याति प्रदान करें। जय माता दी। नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं।”

इसके बाद 19 अक्टूबर को दीपिका राजावत ने अपने ट्विटर अकाउंट से एक ट्वीट करते हुए कोरोना के ख़िलाफ़ डटकर लड़ रही एक महिला की तस्वीर लगाई और उस पर कैप्शन लिखा “मां दुर्गा से कम नहीं, नमन।”

धर्म की आड़ में ठेकेदार बनने वाले लोगों ने इन दोनों ट्वीट पर उन्हें शाबाशी नहीं दी लेकिन 19 अक्टूबर को उनके किए ‘विवादित ट्वीट’ पर अपनी फौज खड़ी कर दी क्यों? क्योंकि दीपिका रजावत कश्मीर से हैं? या फिर बस यूं ही?

दीपिका राजावत ने भी दिया करारा जवाब

ख़ैर लोगों की मैली सोच को दरकिनार करते हुए दीपिका ने उनकी इस बात का जवाब भी तरीक़े से दिया है। अपने अगले पोस्ट में उन्होंने मां काली की तस्वीर शेयर करते हुए लिखा है “मां सबको, बुद्धि दे, नमन!”

दीपिका राजावत लिखती हैं, “मेरी धार्मिक भावनाएं(Religious Sentiments) काँच नहीं हैं कि पल भर में टूट जाएँगे। मैं मेरा धर्म और कर्म बेखूबी जानती हूँ।”

क्या खूब लिखा। कुछ लोगों तो ये भी कह रहे हैं कि दीपिका राजावत ने ईद के त्योहार पर तो सेवैंयों की तस्वीर डाली लेकिन नवरात्र पर आपत्तिजनक तस्वीर क्यों? ज़ाहिर है नवरात्र पर शुभकामनाएं देने वाली पोस्ट इन लोगों ने मिस कर दी होगी।

अगर आपको भी ये हिंदू धर्म का अपमान लग रहा है तो ज़रा ग़ौर कीजिए

बात रही देवी के नाम पर हिंदू धर्म का अपमान करने की तो ज़रा ग़ौर कीजिए और ये बताइए कि पूरी दुनिया में कौन सा ऐसा धर्म है जिसमें महिला भगवान की कल्पना की गई है। यहूदी, ईसाई या फिर इस्लाम धर्म में पुरुष भगवान की कल्पना की गई है। कोई यीशू मसीह को पूजता है कोई अल्लाह को तो कोई अब्राहम को लेकिन जब हम हिंदू धर्म की बात करते हैं तो भगवान पुरुष भी हो सकता है और महिला भी।

भगवान एक भी हो सकता है और कई भी। तो जब महिलाओं पर हो रहे अपमान की बात की जाएगी तो हिन्दु धर्म विश्व का इकलौता धर्म जिसमें महिला भगवान की कल्पना की गई उसका केवल उदाहरण देना क्यों गलत है? लेकिन यह उदाहरण दुनिया के हर उस इंसान के लिए है जो एक औरत के लिए नीची मानसिकता रखता है, जो एक औरत को बुरी नज़र से देखता है, जो औरत को केवल एक वस्तु समझता है। चाहे ये धर्म हो या वो धर्म, हर धर्म में नारी ही शक्ति है।

मूल चित्र : Still from Mob assembled outside her residence, Deepika Rajawat, Twitter

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