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सुनो, अब तुम्हारी बेटी बड़ी हो गई है…

रिया का पहला पीरियड था। बेडशीट और उसके कपड़े देखकर वह सब समझ तो गया था। लेकिन रिया को जगाकर क्या समझाये, वह यही सोच रहा था।

रिया का पहला पीरियड था। बेडशीट और उसके कपड़े देखकर वह सब समझ तो गया था। लेकिन रिया को जगाकर क्या समझाये, वह यही सोच रहा था।

विशाल रोज की तरह रिया को स्कूल के लिए जगाने उसके कमरे में गया, लेकिन कमरे की लाइट बन्द करके वापस लौट गया। हॉल में बैठा विशाल अपनी स्वर्गीय पत्नी रोमा की तस्वीर हाथ में लेकर उससे बातें करने लगा और कहने लगा, “आज तुम्हारी बहुत कमी खल रही है रोमा। काश तुम हमारे साथ होती और देखती हमारी नन्ही सी रिया बड़ी हो गई है।

तुम्हारी बेटी बड़ी हो गई है रोमा।  अब तक मैंने उसे सम्भाल लिया लेकिन आज उसे मेरी नहीं तुम्हारी जरूरत है, अपनी मां की जरूरत है। मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा मैं उससे क्या बात करूं, कैसे बात करूं। मां भी मामा जी से मिलने गई है दो दिन पहले। तुम क्यों चली गई हमें छोड़ कर रोमा?”

विशाल की आंखों से आंसू बह रहे थे। आज वह अपने आप को बहुत ही असहाय महसूस कर रहा था। 13 वर्ष पहले रिया को जन्म देते ही रोमा दुनिया छोड़कर चली गई थी। इन 13 वर्षों में उसने मां और बाप दोनों का प्यार अपनी बेटी को दिया, लेकिन आज उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था।

रिया का पहला पीरियड था। बेडशीट और उसके कपड़े देखकर वह सब समझ गया था। लेकिन रिया को जगाकर क्या समझाये, वह सोच रहा था। विशाल ने मां को फोन लगाया तो मां ने कहा मामा जी की तबीयत ज्यादा खराब है, उन्हें हॉस्पीटल में एडमिट कराया है। वो इस वक्त अपने भाई के साथ हैं।

विशाल ने मां से हाल चाल पूछकर फोन काट दिया और परेशान सा सोफे पर ही बैठ गया। थोड़ी देर में दरवाजे पर दस्तक हुई। विशाल ने दरवाजा खोला तो सामने कामवाली निम्मो थी। निम्मो को देखकर विशाल की जान में जान आई।

वह निम्मो से कहने लगा, “अच्छा हुआ निम्मो तुम आज समय से आ गई। तुम रिया के कमरे में जाओ और उसकी देखभाल करो। उसकी तबीयत खराब है। मैं कॉलोनी वाले कैमिस्ट पर होकर अभी आता हूँ 10 मिनट में।”

विशाल निम्मो को इतना बोलकर बाहर चला गया। निम्मो ये जानने के लिए रिया के कमरे में भागी कि क्या हुआ है। रिया को और बेड का नजारा देखने के बाद उसने सब भांप लिया। निम्मो ने रिया को जगाया और बोली, “रिया बेबी आप नहा लो, आपको पता है अब आप बडे़ हो गये हो। ये जो भी आपके साथ हुआ है, अब ये हर महीने के 5 दिन हुआ करेगा और ये हर महिला के साथ होता है।  इसी से पता चलता है कि आप बड़े हो गये हो।”

“हां निम्मो आंटी, करुना को भी हुई थी स्कूल में ये परेशानी, तब स्कूल टीचर ने हमें समझाया था।  मुझे पता है लेकिन मुझे ये सब कब शुरू हुआ पता ही नहीं चला।”

निम्मो और रिया बात कर ही रहे थे, तब तक विशाल भी आ गया और निम्मो को बुलाया और पैड का पैकेट पकड़ाते हुए कहने लगा, “उसको  तुम भी सब कुछ समझा देना निम्मो, बच्ची ही तो है। मां भी एक दो दिन नहीं आ पाएंगी अभी। तब तक मैं उसका ख्याल रख लूँगा।”

निम्मो कहने लगी, “विशाल भैया रिया बेबी को सब कुछ समझा दिया है और मैं रखूगीं उनका ख्याल, आप परेशान मत होइये।”

“चलो ठीक है तुम सफाई करो, मैं रिया के लिये नाश्ता बनाता हूं”, विशाल ने कहा।

निम्मो सोचने लगी, काश हमारे समाज के सारे मर्द विशाल भैया की तरह जिम्मेदार हो जायें और अपने आस पास की हर नारी का इन कठिन दिनों में ख्याल रखें।

मूल चित्र : Silviajansen from Getty Images Signature via CanvaPro 

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