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कोई भी प्रदेश हो, सरकारें तो आती जाती रहेंगी, बेटियां भी यदि यूं ही जाती रहीं, तो एक दिन हर मां अपनी बेटी को बंदूक देकर ही घर से बाहर भेजेगी!
माँ मुझको बंदूक दिला दे मैं भी पढ़ने जाऊंगी, झांसी वाली रानी बन खुद अपनी लाज बचाऊंगी, माँ मुझको बंदूक दिला दे, मैं भी पढ़ने जाऊंगी!
जंग खा रही न्याय व्यवस्था, बहुत हो चुका वादा सस्ता, धूल चाट रहे नियम कायदे, गिद्ध मंडराते गली-रास्ते संविधान की पोथी पढ़कर, अबला को न्याय दिलाऊंगी माँ मुझको बंदूक दिला दे, मैं भी पढ़ने जाऊंगी! बेटी बचाकर पढ़ाने वाले, आपस में सबको लड़ाने वाले, अपनी मांओं बहनों को इनसे, बेहतर सुरक्षा दिलवाऊंगी, मां मुझको बंदूक दिला दे, मैं भी पढ़ने जाऊंगी!
याद रखना, पूरे देश का कोई भी प्रदेश हो, सरकारें आती जाती रहेंगी, बेटियां भी यदि यूं ही जाती रहेंगीं, तो एक दिन हर मां अपनी बेटी को बंदूक देकर ही घर से बाहर भेजेगी!
मूल चित्र : naveen0301Canva Pro
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