कोरोना वायरस के प्रकोप में, हम औरतें कैसे, इस मुश्किल का सामना करते हुए भी, एक दूसरे का समर्थन कर सकती हैं? जानने के लिए चेक करें हमारी स्पेशल फीड!
हर्षद मेहता यानि द बिग बुल की पोल खोलने वाली सुचेता दलाल ने जिस वक्त पत्रकारिता की बिज़नेस बीट में कदम रखा, तब शायद ही कोई और औरत वहाँ होगी।
आजकल बिंज वॉच का ज़माना है और हर वीकेंड पर हम किसी अच्छी फिल्म या सीरीज़ का इंतज़ार करते हैं। पिछले वीकेंड भी एक ऐसी ही सीरीज़ रिलीज़ हुई जो आप अपनी लिस्ट में जोड़ सकते हैं।
सोनी लिव OTT प्लेटफॉर्म पर 9 अक्टूबर 2020 को निर्देशक हंसल मेहता की वेब सीरीज़ ‘स्कैम 1992: द हर्षद मेहता स्टोरी’ रिलीज़ हुई। बड़े नाम ना होने के बावजूद यह बेव सीरीज़ आजकल सबसे ट्रैंडिंग है। सच मानिए आप इसे देखकर ना सिर्फ शेयर बाज़ार की कई बातें सीख और समझ जाएंगे बल्कि भारत देश में 1992 में हुए सबसे बड़े घोटाले की सच्चाई भी आप जान जाएंगे।
हर्षद मेहता अपने वक्त में स्टॉक मार्केट का सबसे बड़ा नाम था। उसे बिग बुल बुलाया जाता था। अकेले हर्षद ने पूरी दलाल स्ट्रीट पर जैसे कब्ज़ा सा कर लिया था। लेकिन 1992 में हुए 500 करोड़ के घोटाले का खुलासा होने के बाद हर्षद हिस्ट्री बन गया। इस घोटाले का ख़ुलासा वरिष्ठ पत्रकार सुचेता दलाल और देबाशिष बासु ने किया था जिन्होंने बाद में हर्षद की ज़िंदगी और इस घोटाले की कहानी को अपनी किताब The scam: Who won, who lost, who got away में लिखा। सीरीज़ स्कैम 1992 सीरीज़ इसी किताब पर आधारित है।
इस वेब सीरीज में 50 मिनट के नौ एपिसोड हैं जो आपको उस आदमी की कहानी से रूबरू कराएंगे जिसने दलाल स्ट्रीट को अपनी उंगलियों पर नचाया। हर्षद शांतिलाल मेहता के बिग बुल बनने की कहानी।
हर्षद का किरदार निभाने वाले प्रतीक गांधी के लिए ये लॉटरी जैसा है और उन्होंने इस लॉटरी को खूब सही इन्वेस्ट करते हुए कमाल का काम किया है। आपको लगेगा ही नहीं की वो एक्टिंग कर रहे हैं क्योंकि उन्होंने हर्षद के किरदार को बखूबी पकड़ा है।
हर्षद का गुजराती परिवार मुंबई में रहता है जो हर आम इंसान की तरह मेहनत करते हुए पेट पाल रहा है लेकिन हर्षद को गिन-गिन के पैसे खर्च करने वाली ज़िंदगी नहीं भाती। अपने शातिर दिमाग से वो किसी तरह से शेयर मार्केट में घुस जाता है और फिर रचता है 500 करोड़ के घोटाले की साज़िश।
हर्षद की ज़िंदगी का मंत्र है ‘रिस्क है तो इस्क है’। अपने भाई और दोस्तों के साथ हर्षद शेयर बाज़ार की सीढ़ी पर चढ़ता रहता है। हर सीढ़ी पार करते हुए उसके सामने कई मुश्किलें आती हैं लेकिन उसके पास हर मर्ज़ का इलाज है।
हर्षद की कामयाबी तब सभी को खलने लगती है जब वो शेयर बाज़ार से बाद मनी मार्केट में भी अपनी धाक जमाना चाहता है। मनी मार्केट में आने के बाद हर्षद अब निजी और सरकारी बैंकों के पैसों से खेलता है। लेकिन हर्षद अपने ही बुने इस खेल में फंस जाता है।
सीरीज़ देखते हुए कहीं-कहीं आपको लग सकता है कि बिज़नेस और शेयर मार्केट की मुश्किल भाषा आपकी रूचि को कम कर रही है। हो सकता है फिर आगे आप ना भी देखें लेकिन थोड़ी देर बाद आपके मन में ये सवाल आएगा कि ‘फिर हर्षद ने आगे क्या किया’।
बस यही सवाल आपको हर एपिसोड के आख़िर में आएगा और जवाब ढूंढने के लिए आप अगला एपिसोड देखेंगे। क्योंकि हर्षद मेहता सिर्फ एक स्कैम नहीं बल्कि आम से दिखने वाले ख़ास आदमी की कहानी है इसलिए कोई इसमें हीरो ढूंढेगा और कोई विलेन। एक तरफ़ हर्षद एक फैमिली मैन है और दूसरी तरफ़ बुल से भी तेज सींग मारता हुआ ब्रोकर। कहानी सिर्फ हर्षद ही नहीं बल्कि हमारे पूरे फाइनेंशियल सिस्टम पर सवाल करती है।
इस घोटाले की पोल खोलने वाली पत्रकार सुचेता दलाल का किरदार श्रेया धनवंतरि ने बखूबी निभाया है। इससे पहले श्रेया फैमिली मैन सीरीज़ और वाय चीट इंडिया फिल्म में भी नज़र आ चुकी है। उनके अलावा इस सीरीज़ में निखिल द्विवेदी, सतीश कौशिक, अनंत महादेवन, शारिब हाशमी जैसे अच्छे कलाकार हैं।
मुंबई में जन्मी सुचेता दलाल बिज़नेस जर्नलिस्ट हैं। उन्होंने स्टेटैस्टिक्स में अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर्नाटक कॉलेज से पूरी की। उन्होंने LLB और LLM की डिग्री भी हासिल की पर उन्हें हमेशा से मालूम था कि बिज़नेस ही उन्हें भाता है और इसकी रिपोर्टिंग ही उनका मकसद है। इसलिए 90 के दशक में उन्होंने मुंबई में टाइम्स ऑफ इंडिया में काम करना शुरु किया।
जिस वक्त उन्होंने पत्रकारिता की बिज़नेस बीट में कदम रखा था तब कोई औरत शायद ही उस बीट को कवर कर रही थी। अपने करियर में उन्होंने हर्षद मेहता 1992 घोटाले के अलावा कई और घोटालों का भी पर्दाफाश किया।
बिज़नेस वर्ल्ड के काले चिट्ठों को दुनिया के सामने लाने के लिए उन्हें आउटस्टैंडिंग विमेन मीडियापर्सन्स की श्रेणी में साल 1992 का चमेली देवी जैन अवॉर्ड दिया गया। (चमेली देवी पहली ऐसी जैन महिला थीं जो स्वतंत्रता संग्राम का संघर्ष करते हुए जेल गई थीं। उनकी स्मृति में ही इस अवॉर्ड को यह नाम दिया गया)।
हर्षद मेहता स्कैम के खुलासे के बाद सुचेता TOI की फाइनेंशियल एडिटर बन गईं। 1998 तक TOI के साथ काम करने के बाद सुचेता इंडियन एक्सप्रेस ग्रुप के साथ जुड़ गईं।
सुचेता और उनके पति देवाशीष बासु ने मनी लाइफ नाम से एक मैगज़ीन की शुरुआत की और 2006 से अभी तक सुचेता इस मैगज़ीन की प्रबंध संपादक के रूप में काम कर रही हैं।
पत्रकारिता के हर सफ़र में सुचेता के पति देवाशीष बासु उनके साथ मज़बूती से खड़े रहे। हर्षद मेहता घोटाले की पोल खोलने में सुचेता के सबसे बड़े मददगार वही थे। 25 साल तक बिज़नेस जर्नलिज़्म में अथक काम करने के लिए सुचेता दलाल को 2008 में देश का प्रतिष्ठित सम्मान पद्मश्री से नवाज़ा गया।
हर्षद स्कैम की जांच से सुचेता जाना पहचाना नाम हो गई थीं लेकिन इस पूरे मामले की जांच और उसे किसी भी हालत में पब्लिश करके लोगों तक पहुंचाने का रास्ता आसान नहीं था। इस सीरीज़ में जांच के दौरान सुचेता के रास्ते में आई परेशानियों को भी अच्छे ढंग से दिखाया गया है कि कैसे सब कुछ सामने होते हुए भी सबूतों की कमी के बावजूद सुचेता ने हार नहीं मानी। अपने करियर में सुचेता ने और भी कई घोटालों की पोल खोली थी जैसे सी.आर भंसाली स्कैम, एनरॉन स्कैम, IDBI स्कैम, केतन पारेख स्कैम।
सुचेता और उनके रिपोर्टर पति देबाशीष ने पहले सिर्फ The Scam किताब लिखी जिसमें हर्षद की कहानी थी लेकिन बाद में उन्होंने इस किताब में हर्षद से लेकर केतन पारेख तक की कहानी को जोड़ दिया।
सुचेता और देबाशीष ने 6 फरवरी 2010 को मनीलाइफ फाउंडेशन की स्थापना की थी जो एक NGO है। इसका मकसद लोगों के बीच वित्तीय साक्षरता और उपभोक्ता जागरूकता को बढ़ाना है। ऑनलाइन माध्यम पर मौजूद उनके चैनल के ज़रिए आप भी वित्तीय जगत की बारिकियों को जान सकते हैं।
आज के समय में जब न्यूज़ चैनल्स और जर्नलिज़्म की हालत पहले से कई ज्यादा खराब हो चुकी है, सुचेता दलाल (Sucheta Dalal)जैसे पत्रकार लोकतंत्र के चौथे स्तंभ की असली पहचान को ज़िंदा रखे हुए हैं। सुचेता खुद मानती हैं कि ज़िम्मेदार पत्रकारिता मरती जा रही है और इसके पीछे कॉरपोरेट जगत, स्पॉसरशिप, मार्केट रेग्युलेटर जैसे कई कारण हैं। लेकिन अगर आप पेड मीडिया के ख़िलाफ़ है तो आपको ये पता लगाना होगा कि असली पत्रकारिता का सोर्स क्या है और इसके लिए आपको भी आर्थिक तौर पर मीडिया की मदद करनी होगी।
मूल चित्र : Wikipedia/YouTube(screenshot of series)
read more...
Please enter your email address