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सुकून से जीने की तमन्ना में, डर के जीने का तरीका सीख लिया हो अब जैसे! प्यार की तलाश में मानो, अब भरोसा करना छोड़ दिया हो सब पर!
कुछ यादें ज़हन में दफन हो गयी है ऐसे, मानो वो कैद हो गयी हो उम्र भर के लिए जैसे, ना चाहते हुए भी कभी दस्तक दे जाते हैं, पल में सारी खुशियों को मायूस कर जाते हैं, वो तेरा कहना कि तू है ज़िन्दगी मेरी, ये समझना ज़िन्दगी की भूल थी मेरी! चाहत थी खुले आसमान में उड़ने की, पर कैद थी मानो पिंजरे में जैसे! जो भी चाहा था तूने वो मिल गया हो तुझे, प्यार ही था पास मेरे जो तू ले नहीं पाया! जिन लबो ने हमेशा मुस्कुराना सीखा था, भटक गए हैं वो रास्ता जैसे! आंखो में सपने थे एक सुनहरे कल के, बिखर गए वो काचं के टुकड़ों के जैसे! सुकून से जीने की तमन्ना में, डर के जीने का तरीका सीख लिया हो अब जैसे! प्यार की तलाश में मानो, अब भरोसा करना छोड़ दिया हो सब पर! मुश्किल अश्कों को छुपाना होता है, अपनों से ही दर्द छुपाना पड़ता है अब जैसे! यादें है ना चाहते हुए भी याद आती हैं, उन जख्मों को फिर ताजा कर जाती हैं!
मूल चित्र : Rosesh Bhandari via Unsplash
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