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कभी तो स्वयं को भी भूल जाती हैं ये लड़कियां!

घर की देहरी भी लांघती हैं तो दूसरे की खातिर। स्वयं में स्वयं को तलाशना भी भूल जाती हैं...ऐसी भावुक भी होती हैं ये लड़कियाँ...

घर की देहरी भी लांघती हैं तो दूसरे की खातिर। स्वयं में स्वयं को तलाशना भी भूल जाती हैं…ऐसी भावुक भी होती हैं ये लड़कियाँ…

ये लड़कियाँ जिंदगी भर भावुकता की चादर को मर्यादा की साड़ी पर लपेट कर पहनती हैं। मायके और ससुराल के मान सम्मान को निभाते निभाते वह भूल जाती हैं खुद के मान सम्मान को। घर की देहरी भी लांघती हैं तो दूसरे की खातिर। स्वयं में स्वयं को तलाशना भी भूल जाती हैं।

लड़कियाँ भावुक होती हैं
मायके का स्नेह
बटोरकर आंचल में समेट लेती हैं
और
ससुराल का कर्तव्य
पूरा करती हैं।

पति का प्यार दिल में
संजोती हैं और
पल पल मायके को याद कर
आँखों की
कोर भिंगोती हैं।

करवा चौथ में
सोलहों श्रृंगार कर
पति का इंतजार करती हैं
और
गृहस्थी की जिम्मेदारियों से दबी
राखी हाथ में लेकर
भाई को बहुत याद करतीं हैं।

भावुकता की चादर में लिपटी ये
दृढ़ निर्णय भी लेती हैं
कुशलता से हर जिम्मेदारियां
ये निभातीं हैं।

ये लड़कियाँ
पत्नी, बहू और माँ बनकर
अपना गरिमामय पद संभालती हैं।

मूल चित्र : Abhishek Vyas from Getty Images Canva Pro 

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