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अमेरिका में भारतीय मूल की कमला हैरिस उप राष्ट्रपति की बागडोर संभालेंगी जो ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण है, ये महिला सशक्तिकरण को एक नया रूप देगी।
वर्ष 2020 जहां पूरे विश्व के लिए जोखिमों से भरा रहा। वहीं कई ऐसे चेलेंज भी देखने को मिले जिन्होंने सम्पूर्ण विश्व का ध्यान अपनी ओर खींचा। अमेरिका के चुनाव में ट्रम्प और बाइडेन के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिली। वहीं अमेरिका में भारतीय मूल की कमला हैरिस उप राष्ट्रपति की बागडोर संभालती दिखेंगी। यह एक ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण बात रही। महिला सशक्तिकरण के विकास को एक नया रूप देंगी।
20 अक्टूबर 1964 अमेरिका के ऑकलैंड कैलिफोर्निया में जन्मी कमला देवी हैरिस बचपन से ही एक होनहार और महत्वकांक्षी लड़की थीं। हावर्ड यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन और कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी से वकालत करने वाली कमला के पिता अफ्रीकी-अमेरिकी नागरिकता से हैं। वहीं उनकी माँ श्यामला गोपालन भारत के चेन्नई से ताल्लुक रखती थीं। वह भी प्रतिभावान थीं। वह एक इंडियन-अमेरिकन बायोमेडिकल साइंटिस्ट थीं। ब्रेस्ट कैंसर के इलाज में सहायक उन्होंने कई प्रकार के शोध किए थे। उन्होंने प्रोजेस्टेरोन नामक हॉर्मोन्स के सम्बंध में भी शोध किए थे। जो आगे चलकर बहुत उपयोगी साबित हुए।
वर्ष 1990-98 तक कमला ने डिप्टी डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी के रूप में काम किया। इस पद पर रहते हुए उन्होंने गैंग हिंसा, ड्रग ट्रैफिकिंग और यौन शोषण के मामलों का गहनता से विश्लेषण किया। इसको संभालने के लिए उन्होंने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए। जो एक महिला के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण बात मानी जाती है।
अपनी कार्यशैली और मज़बूत पक्ष के साथ वर्ष 2004 में वह जिला अटॉर्नी बनाई गईं। 2010 में वह कैलिफोर्निया की जनरल अटॉर्नी चुनी गईं । वह इस प्रतियोगिता को 1 प्रतिशत से भी कम अंतर से जीतीं। इस तरह पद संभालने वाली पहली महिला और पहली अफ्रीकी अमेरिकी बन गईं।
कमला ने पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा की संस्था ओबामा केअर के लिए कार्य किया। सभी के लिए विवाह में समानता लाने में मदद की, कैलिफोर्निया के ऐतिहासिक जलवायु परिवर्तन कानून का बचाव किया और एक लाभकारी शिक्षा कंपनी के खिलाफ $ 1.1 बिलियन का समझौता किया जिसने गरीब छात्रों और उनके शिक्षा के खर्चे का गबन किया था।
2016 में अमेरिकी सीनेट के लिए चुने जाने के बाद से, कमला ने मध्यम वर्ग की मदद करने, न्यूनतम वेतन $ 15 तक बढ़ाने, नकद जमानत में सुधार करने और शरणार्थियों और आप्रवासियों के कानूनी अधिकारों की रक्षा करने के लिए सह-प्रायोजित कानून पेश किया है। एक महिला होने के नाते और एक राजनीतिज्ञ होने कि हैसियत से उनके यह सभी कार्य वास्तव में बहुत महत्वपूर्ण रहे।
बता दें कि भारतवंशी कमला हैरिस ने इतिहास रचा है। वह अमेरिका में उपराष्ट्रपति पद के लिए निर्वाचित होने वाली पहली महिला हैं। यही नहीं, कमला देश की पहली भारतवंशी, अश्वेत और अफ्रीकी अमेरिकी उपराष्ट्रपति होंगी। कमला ने एक रैली में कहा, “इस कार्यालय मैं पहली महिला हो सकती हूं, लेकिन आखिरी महिला नहीं होऊंगी।” उन्होंने कहा, “हर छोटी बच्ची, जो आज रात मुझे देख रही है, उसे लगेगा यह संभावनाओं का देश है।”
कमला ने कभी किसी विशेष पार्टी या किसी व्यक्तिगत समस्या के चलते किसी भी बात के निर्धारण नहीं किया। उन्होंने हमेशा से मानवता की बात कि और सभी को सुविधाएं देने का काम किया। इंग्लिश में एक कहावत है, ‘एक्शन इज़ मोर पॉवरफुल देन वर्ड्स’, मतलब बातों से कुछ नहीं होता इंसान की पहचान उसके काम से बनती है।
डॉ बी आर आंबेडकर कहते हैं, “I measure the progress of a community by the degree of progress which women have achieved” यानि “मैं किसी समुदाय की प्रगति महिलाओं ने जो प्रगति हांसिल की है उससे मापता हूँ।”
चित्र साभार : Britannica.com
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