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खुशियां ही खुशियां हैं दामन में मेरे…

अपने जीवन को पूरी तरह से जिएं। मिली हुई हर चीज के लिए आभारी रहें और हर अवसर का आनंद लें। फिर देखिये खुशियां ही खुशियां है चारों ओर! 

अपने जीवन को पूरी तरह से जिएं। मिली हुई हर चीज के लिए आभारी रहें और हर अवसर का आनंद लें। फिर देखिये खुशियां ही खुशियां है चारों ओर! 

अक्सर हम अपने दैनिक दिनचर्या में जीवन की छोटी खुशियों को नजरअंदाज कर देते हैं।  हर व्यक्ति अपने जीवन में मंज़िल तक पहुंचने की पूर्ण रूप से कोशिश कर रहा है। ऐसे में उसके पास गहरी सांस लेने का समय भी नहीं है।

यह संगरोध अवधि सबसे अच्छा उदाहरण है जो दिखाता है कि लोग जल्दबाजी में हैं, लेकिन ब्रह्मांड नहीं। ऐसा नहीं है कि इस वर्ष उन्होंने जिन चीजों या उद्देश्य को पूरा करने की योजना बनाई है, वे प्रतीक्षा कर सकते हैं। हो सकता है कि उन्हें अपनी योजना पर पुनर्विचार करने के लिए पर्याप्त समय मिल गया हो  भविष्य में और अच्छा अथक प्रयास करके जिंदगी संवारने के लिए।

आइए हम सब बस एक विराम लें और खुद को फिर से जीवंत करें।  हमारे मन और शरीर की आवाज़ सुने। हमारे जीवन में उन छोटी खुशियों का पता लगाएं, जो हमेशा हमारे आसपास मौजूद हैं…

सुबह की चाय, पसंदीदा डिश, ताज़ी बेडशीट पर सोते हुए खाना, वीकेंड पर दोस्तों के लिए समय निकालने में सक्षम होना, रात के खाने के बाद आइसक्रीम के टब का मज़ा कुछ है। हमारे भाई-बहनों के सिर पर थपथपाना और फिर इंकार करना, हमारे शौक को जारी रखने के लिए, जो हमारी कार्यान्वित सूची में था। मैं अजीब से गीत गा रही थी, परिवार के साथ गुणवत्ता पर बातचीत कर रही थी। यह केवल कुछ ही उदाहरण हैं। यह सूची ज़िंदगी में कभी खत्म नहीं होती है, बस जरूरत होती है उसे वक्त के साथ हमें तराशने की।

अपनी तरफ से पूरी कोशिश करें कि इसको कलमबद्ध किया जाए ताकि अपने जीवन को पूरी तरह से जिएं। हर पल की यादें संजोएं। मिली हुई हर चीज के लिए आभारी रहें और हर अवसर का आनंद लें।

इसलिए जब भी जीवन में कुछ कठिन समय हो, तो आपको उन क्षणों में भी उस हर छोटी सी खुशी का आनंद लेना चाहिए जो उपलब्ध हो। कभी भी परिस्थिति को दोष नहीं देना चाहिए क्योंकि वह क्षण जाने वाला है! यदि संभव हो तो, इसमें जीवन बिताएं। ये बीते पल वापस नहीं आते हैं दोस्तों।  और हाँ, यह क्षण एक पल बन जाता है और इन क्षणों में, हम एक यादगार पल के रूप में हमारे दिल में मीठी यादों को संजोते हैं।

जैसे कि इसी क्रम में मुझे  भारतीय सिनेमा के मशहूर पार्श्वगायक स्वर्गीय किशोर कुमार जी द्वारा गाए हुए गीत की याद आ रही है –

आने वाला पल जाने वाला है
हो सके तो इस में
ज़िंदगी बिता दो
पल जो ये जाने वाला है

हाँ दोस्तों, जीवन में अब तक का मेरा अनुभव यही कहता है कि समय कभी भी कह कर नहीं आता है!  अब इस वर्ष लॉकडाउन की स्थिति को ही ले लीजिए। हाँ दोस्तों, यह समय किसी के नियंत्रण में नहीं रह सका … लेकिन यह अनिवार्य रूप से सच है कि फिर भी हर व्यक्ति के दिमाग में, एक उम्मीद प्रज्वलित है कि हाँ यह कोरोनावायरस के संक्रमण का सामना आवश्यक सावधानियों और सुरक्षा के साथ हम करेंगे और जल्दी ही इससे छुटकारा भी पा लेंगे और जल्दी ही इस देश की स्थिति भी पूर्व की ही तरह सामान्य हो जाएगी।

जी हां साथियों सकारात्मक सोच के साथ अपने परिवार संग खुश रहकर सर्वत्र खुशियां बांटते रहिएगा।

हाँ पाठकों, कृपया इस लेख को पढ़ें और अपने विचार व्यक्त करें।  मुझे आपकी प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा होगी।

मूल चित्र : NicholasMcComber from Getty Images Signature, via Canva Pro

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