कोरोना वायरस के प्रकोप में, हम औरतें कैसे, इस मुश्किल का सामना करते हुए भी, एक दूसरे का समर्थन कर सकती हैं?  जानने के लिए चेक करें हमारी स्पेशल फीड!

पीवी सिंधु की रिटायरमेंट पोस्ट से हमें भी सीखने की ज़रूरत है!

पीवी सिंधु की रिटायरमेंट पोस्ट से साफ़ है कि वो अपने खेल से रिटायरमेंट नहीं ले रही हैं बल्कि निराशावादी चीजों से दूरी बना रहीं हैं।

पीवी सिंधु की रिटायरमेंट पोस्ट से साफ़ है कि वो अपने खेल से रिटायरमेंट नहीं ले रही हैं बल्कि निराशावादी चीजों से दूरी बना रहीं हैं।

पीवी सिंधु ने सोशल मीडिया पर ‘I RETIRE’ पोस्ट किया, तो अचानक सब हैरान से थे कि ये क्या हुआ? पीवी सिंधु ने रिटायरमेंट की घोषणा कर दी क्या? वर्ल्ड बैडमिंटन चैम्पियन और ओलिम्पियन पीवी सिंधु ने अचानक ऐसा फ़ैसला क्यों किया? हम में से कई लोगों ने सोच लिया कि शायद उन्होंने बैडमिंटन को अलविदा कर दिया है लेकिन ऐसा नहीं है। उनका पूरा पोस्ट पढ़ने के बाद असल संदेश समझ में आया कि उन्होंने किससे रिटायरमेंट ली है।

पी वी सिंधु अपनी रिटायरमेंट पोस्ट में लिखती हैं : 

पीवी सिंधु ने रिटायरमेंट पोस्ट के सबसे पहले ट्वीट में लिखा, “डेनमार्क ओपन आखिरी कड़ी थी। मैं संन्यास ले रही हूँ।’

दूसरा ट्वीट में वे कहती हैं, “मैं लंबे समय से अपनी भावनाएं साझा करने के बारे में विचार कर रही थी। मैं मानती हूं कि पिछले कुछ समय से मैं अपनी भावनाओं को लेकर संघर्ष कर रही थी। लेकिन अब मुझे लगता है, मैं काफी गलत सोच रही थी। इसलिए मैं वो सब लिखकर आपके साथ बांटना चाहती हूं। मुझे पता है कि इसे पढ़ते हुए आप हैरान होंगे और कंफ्यूज़ भी होंगे लेकिन जब आप इसे पूरा पढ़ लेंगे तो आपको मैं क्या कहता चाहती हूं, साफ़-साफ़ समझ जाएंगे। मैं उम्मीद करती हूं कि आप इस बात का समर्थन करेंगे।”

“कोरोना महामारी ने मेरी आँख खोल दी है। मैं किसी भी मुश्किल कंपीटिटर के खिलाफ मैच के आखिरी शॉट तक जी-जान लगाकर लड़ने के लिए तैयारी कर सकती हूं। मैंने ये पहले भी किया है और मैं फिर ये कर सकती हूं। लेकिन मैं इस अदृश्य वायरस से कैसे लड़ूं जिसने पूरी दुनिया को एक ही झटके में अपनी चपेट में ले लिया? सभी बातों के बारे में सोचते हुए और दिल दुखा देने वाली कई घटनाओं को सुनकर मेरे मन में ख़ुद को लेकर और जिस दुनिया की परिस्थितियों को लेकर भी कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। डेनमार्क ओपन में भारत को रिप्रेज़ेंट ना कर पाना बुरी घटनाओं की ऐसी आखिरी कड़ी थी।”

इस पोस्ट के तीसरे हिस्से में सिंधु ने लिखा है, “आज मैं अस्थिरता के इस मौजूदा दौर से रिटायर हो रही हूं। मैं नकारात्मकता, अनिश्चितता और इस लगातार बने हुए डर से रिटायर हो रही हूं। जिस अनजान चीज पर किसी का कंट्रोल नहीं है मैं उससे रिटायर हो रही हूं। जिस हाईजीन को हम बहुत कम अहमियत देते हैं मैं उस हाईजीन स्टैंटर्ड और लापरवाही से रिटायर होना चुन रही हूं।”

“हम सभी को इसके लिए तैयार होने की ज़रूरत है और निश्चित तौर पर मिलकर हमें इसे हराना होगा। हम जो भी चुनेंगे वो हमारा और हमारी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य तय करेगा। हम उनका भविष्य संकट में नहीं डाल सकते।”

“हो सकता है मेरी इन बातों से आप थोड़े हक्के-बक्के रह गए होंगे लेकिन ऐसे समय में अभूतपूर्व कदम उठाने की ज़रूरत होती है। मुझे लगता है मेरा मकसद आप सभी को इस बारे में आगाह करना और इस जटिल समस्या की तरफ़ सबका ध्यान ले जाना है। हमेशा कहा जाता है कि सुरंग के दूसरी तरफ़ रोशनी ज़रूर दिखेगी। हां डेनमार्क ओपन नहीं हुआ लेकिन इसके कारण मेरी ट्रेनिंग नहीं रुकेगी। जब ज़िंदगी आपको ऐसे मोड़ पर लाकर खड़ा करती है और हमें दोगुनी ताकत से वापसी करनी चाहिए। इसलिए अब मैं आने वाले एशिया ओपन के लिए पूरी तरह तैयार हूं। मैं अपनी पूरी ताकत से लड़े बिना हार नहीं मानूंगी और मैं तब तक ऐसा करती रहूंगी जब तक हमारी दुनिया सुरक्षित नहीं हो जाती।”

पीवी सिंधु के रिटायरमेंट पोस्ट से सीख़ कर हमें किन चीज़ों से लेनी होगी रिटायरमेंट

पीवी सिंधु की रिटायरमेंट पोस्ट से साफ़ है कि वो अपने खेल से रिटायरमेंट नहीं ले रही हैं, बल्कि उन सभी निराशावादी चीजों से दूरी बनाने की कोशिश करेंगी जो उनकी कामयाबी में रूकावट डाल रहा है और उनका मनोबल तोड़ने की कोशिश कर रहा है।

कोरोना ने हम सभी की ज़िंदगी को अनिश्चितकाल के लिए प्रभावित किया है और ऐसे में हमें वक्त के साथ बदलाव की ज़रूरत है। हम सभी को भी ऐसी कई चीज़ों से रिटायरमेंट लेने की ज़रूरत है।

इसमें सबसे ज़रूरी है हमारा एंटी हाईजीन रवैया। साफ-सफाई कितनी अहम है इस बात को अनदेखा कर देते हैं। अब हम फिर से सीख चुके हैं कि कहीं बाहर से आने पर कपड़े बदलना, हाथ धोकर ही कुछ खाना कितना ज़रूरी है।  हमें जंक फूड से रिटायरमेंट लेनी होगी और पौष्टिक खाने को अपनाना होगा।

हमें कोरोना ने सिखाया कि निगेटिव लोगों से रिटायरमेंट लेने की ज़रूरत है क्योंकि जब हम लॉकडाउन में अकेले रह रहे थे तो हमारे पास सिर्फ गिने-चुने लोग ही थे जिन्होंने हमारा साथ दिया और हम यह समय आसानी से काट सके।

हमें रिटारयमेंट लेनी होगी नौकरी और पैसे के पीछे भागते रहने से। अक्सर हम अपने काम के स्ट्रेस में खुद की सेहत को नज़रअंदाज़ करते रहते हैं। अपने पर्सनल और पेशेवर ज़िंदगी को बैलेंस करना ख़ुशहाल ज़िंदगी के लिए अहम है।

हमें रिटायरमेंट लेनी होगी अपनी दिखावे करने और फ़िज़ूलखर्ची की आदत से। जब सब घर में थे तो सभी ने मिलकर काम किया। घर की औरतों की मदद की इसलिए हमें रिटायरमेंट लेनी होगी इस रवैये से कि घर का काम औरतें ही करें

पीवी सिंधु की रिटायरमेंट पोस्ट से सीख़ कर हमें रिटायरमेंट लेनी होगी हर उस आदत और सोच से जिन्हें हम जानबूझकर अनदेखा कर देते हैं। हमें ज़रूरत है इस वक्त में मिलकर आगे बढ़ने की और एक-दूसरे का साथ देकर हर निराशा को उम्मीद में बदलने की।

मूल चित्र : Twitter

विमेन्सवेब एक खुला मंच है, जो विविध विचारों को प्रकाशित करता है। इस लेख में प्रकट किये गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं जो ज़रुरी नहीं की इस मंच की सोच को प्रतिबिम्बित करते हो।यदि आपके संपूरक या भिन्न विचार हों  तो आप भी विमेन्स वेब के लिए लिख सकते हैं।

About the Author

133 Posts | 494,141 Views
All Categories