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आईएएस ऑफ़िसर टीना डाबी और अतहर खान ने तलाक के लिए आवेदन किया जिसे लव जिहाद के मुद्दे से जोड़कर सोशल मीडिया पर ट्रोल किया जा रहा है।
आईएएस ऑफ़िसर टीना डाबी और अतहर खान ने शादी के दो साल बाद राजस्थान में तलाक के लिए आवेदन किया। तलाक जयपुर में एक फ़ैमिली कोर्ट में आपसी सहमति से दायर किया गया है। कुछ समय पहले टीना डाबी ने सोशल मीडिया पर अपने उपनाम से ‘खान’ को हटा दिया था और अतहर खान ने भी टीना को इंस्टाग्राम पर अनफॉलो कर दिया था। तब से ही इनकी शादी सुर्ख़ियों में बनी हुई है।
टीना डाबी और अतहर खान दोनों 2015 यूपीएससी परीक्षा के टॉपर थे, जिसमें टीना डाबी ने पहली रैंक और अतहर खान ने दूसरा स्थान हासिल किया था। इंडिया टुडे के अनुसार, ट्रैनिंग के दौरान दोनों ने शादी करने का फैसला लिया था। इनका विवाह 2018 में कश्मीर में हुआ था। टीना डाबी दलित समुदाय से हैं और अतहर खान मुस्लिम समुदाय से हैं। विवाह के समय भी लव जिहाद के नाम पर राइट विंग ग्रुप ने इसका बहिष्कार किया था। और अब दोनों के तलाक़ को भी लव जिहाद के मुद्दे से जोड़कर सोशल मीडिया पर ट्रोल किया जा रहा है।
शादी और डाइवोर्स, दोनों पर्सनल चॉइस है। लेकिन क्यों इंडिया में आज भी दो इंडिपेंडेंट युवाओं का तलाक़ ट्रेंडिंग टॉपिक बन जाता है? क्या किसी के साथ शादी करना या तलाक़ लेना पूरी तरह से पर्सनल चॉइस नहीं है। अगर दो लोग आपसी सहमति से अपने भविष्य के लिए अलग होना चाहते हैं तो उसे धर्म से जोड़ना किस तरह से तर्कसंगत है?
जहां कुछ राइट विंग ग्रुप के मेंबर इसे लव जिहाद का एंगल देकर ट्रेंड करवा रहे हैं वही दूसरी और टीना डाबी पर भी सवाल खड़े किये जा रहे हैं। कुछ हेडलाइंस इस तरह से हैं – ‘टॉपर हुई रिश्ते में फेल’, ‘टीना डाबी एक बार फिर लौट कर आयी’ और न जाने क्या क्या। सोशल मीडिया दो भागों में बँट गया है जिसमे नफरत फ़ैलाने वालो का पलड़ा भारी है।
तलाक़ और इसके पीछे की वजह को लेकर अभी तक टीना डाबी और अतहर खान की तरफ से कोई ऑफ़िशियल स्टेटमेंट नहीं आया है। लेकिन फिर भी सोशल मीडिया पर कुछ लोग इसे हिंसा से जोड़ रहे हैं। तो क्या ये हमारे धर्म में ये सब लिखा है? हमारा मज़हब तो नहीं सिखाता आपस मैं बैर रखना। फिर क्यों?
समाज को समझना होगा कि तलाक़ लेना गलत चीज़ नहीं है। और इसमें ना ही दो परिवार की रज़ामंदी की जरूरत है और न ही समाज। अगर दो लोग अपनी मर्ज़ी से तलाक़ लेना चाहते हैं तो उन्हें पूरा अधिकार है। इसीलिए आज जब टीना डाबी के तलाक़ की खबर आयी है तो उसे ट्रोल करने की कोई ज़रूरत नहीं है। ये पूरी तरह से उनकी पर्सनल चॉइस है।
हमारे सामने ऐसे बहुत से उदाहरण है जिसमे दो लोग तलाक़ के बाद अपनी अपनी ज़िंदगी में खुश है। तो फिर क्यों तलाक़ को इतना बड़ा मुद्दा बनाया जाता है। शायद इसी डर से आज कई लोग अपनी शादी से नाखुश होते हुए भी तलाक़ नहीं ले पा रहे हैं। तो ऐसे में हमें टीना डाबी और अतहर खान के तलाक को एक उदाहरण के तौर पर देखना चाहिए।
चित्र साभार : Google
A strong feminist who believes in the art of weaving words. When she finds the time, she argues with patriarchal people. Her day completes with her me-time journaling and is incomplete without writing 1000 read more...
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