कोरोना वायरस के प्रकोप में, हम औरतें कैसे, इस मुश्किल का सामना करते हुए भी, एक दूसरे का समर्थन कर सकती हैं? जानने के लिए चेक करें हमारी स्पेशल फीड!
कुछ ऐसे 2020 के विज्ञापन हम आपके साथ बांट रहे हैं जिनका मकसद कुछ और नहीं बस लाइफ को लेकर अपनी एप्रोच को बदलकर पॉज़िटिविटी बढ़ाना है।
कहते हैं कभी-कभी आगे बढ़ने से पहले पीछे मुड़कर देखना ज़रूरी होता है ताकि हम ये जान सकें कि हमने गुज़रे वक्त में क्या नया किया और आने वाले वक्त में क्या बेहतर कर सकते हैं। 2020 हम सभी को हमेशा याद रहेगा क्योंकि कोरोना ने हमें नई दुनिया दिखा भी दी और नई ज़िंदगी सिखा भी दी।
लोगों को घर में रहकर एहसास हुआ कि मम्मी कितना काम करती हैं तो किसी को पता चला कि रिश्ते कितने अहम होते हैं। किसी ने जाना कि सेहत से बढ़कर कुछ नहीं तो किसी ने लोगों का हौसला बढ़ाया। तो हम चाहते हैं कि 2021 के नए साल में जब हम सब मिलकर आगे बढ़ें तो पॉज़िटिविटी और लाइफ को लेकर अपनी एप्रोच को बदलकर आगे बढ़ें।
कुछ ऐसे ही 2020 के विज्ञापन हम आपके साथ बांट रहे हैं जिनका मकसद बस कुछ और नहीं बस पॉज़िटिविटी बढ़ाना है।
प्रोक्टर एंड गेंबल का यह विज्ञापन मां के लिए समर्पित है। यह कोरोना के मुश्किल वक्त में देश की सेवा में लगी वॉरियर्स महिलाओं और उनके समर्पण की भावना को सलाम करता है।
इस विज्ञापन को एक फ्लिप बुक स्टाइल में बड़ी खूबसूरती से दिखाया गया है। इसके ज़रिए कोरोना वॉरियर्स महिलाओं को शुक्रिया किया गया है।
ये विज्ञापन भारत की करोड़ों महिला उद्मियों की कहानी कहता है जो अपने बलबूते पर अपना मकाम हासिल करती हैं। जब औरतें कुछ बनाती हैं तो उसमें अपनी पहचान छोड़ जाती हैं।
कोलगेट के इस विज्ञापन में कहानी है सिंधुताई की, जो खुद बेघर हो गई लेकिन जिसने हार नहीं मानी और हज़ारों बच्चों को घर दिया।
महिला दिवस पर बनाई गई ये एड सभी महिलाओं को संदेश देती है कि वो सिर्फ दूसरों का ही नहीं अपना भी ख़्याल रखें और ख़ुश रहें।
ये दीवाली 2020 के बेहतरीन कर्मशियल्स में से एक है। दो बच्चों की इस मासूम दीवाली से दिल ख़ुश हो जाएगा।
फेसबुक का यह विज्ञापन 7 मिनट की शॉर्ट फिल्म की तरह है। ये दिखाता है कि क्या होता है जब पूजा साफ दिल से ज़रूरतमंद लोगों की मदद करने की कोशिश करती है। उसकी ज़िंदगी का सबक है ‘काम ऐसा करो की दुकान छोटी पड़ जाए।’
हर रंग का एक अर्थ होता है, अलग-अलग लोगों, अलग-अलग क्षेत्रों और समुदायों के लिए एक अलग महत्व। और फिर भी एक चीज जो हमें एकजुट करती है वह है रंग।
लॉकडाउन के खट्टे वक्त में हम सबकी कुछ मीठी स्टे एट हॉम (stay at home) की कहानियां थीं।
न्यू नॉर्मल में अब डिजिटिल ट्रांजेक्शन का ज़माना है। कॉन्टैक्टलेस ट्रांजेक्शन के लिए टैप टू टूगेदरनेस।
इस साल हम सबने कोरोना के वक्त में कुछ नई कहानियां बनाई। कोई कुक बना, कोई गार्डनर बना तो किसी से कोई नई किताब पढ़ी। हर किसी ने कोशिश की – टू #MakeEveryMomentCount
बड़ी मुश्किलों के वक्त में हर किसी को चाहिए थोड़ा सा प्यार और थोड़ा सा साथ। ये विज्ञापन गूगल और फिक्की की कोशिश है लोकल बिज़नेस को बूस्ट करने के लिए।
जब एक पिता बेटी को आगे बढ़ना सिखाता है तो पूरी दुनिया भी उसे रोक नहीं पाती है। एक पिता और उनकी बेटी की ज़िंदगी के सबसे खास दिन की कहानी इस विज्ञापन की नज़र से।
ये दुनिया सिर्फ आदमी की नहीं औरत की भी है। पितृसत्तात्मक सोच को बदलना ही होगा क्योंकि Change is the only constant.
घर और ऑफिस के काम में उलझी 71% औरतों को पुरुषों के मुकाबले कम नींद मिलती है। ये विज्ञापन ज़रूरी मैसेज देता है कि जितना हो उतना काम में हाथ आप भी बंटाएं।
ये विज्ञापन बस 50 सेकेंड में अपनी बात कह देता है कि आप जिस हौसले की तलाश कर रहे हैं वो आप ही के अंदर है। बस कह दीजिए।
गूगल का 2020 रैप अप विज्ञापन बहुत ही शानदार है। पूरी दुनिया जब कोरोना की अनिश्चितता के साथ जी रहा है तब गूगल ने करोड़ों लोगों के ‘क्यों’ का जवाब दिया। कुछ यूं:-
कोरोना में कैसे एक बेटे ने दोस्त बनकर अपने पिता का ख्याल रखा इसे बड़े ही प्यार से दिखाया गया है।
एसिड अटैक सर्वाइवर लक्ष्मी अग्रवाल के साथ मिलकर नायका पूरी दुनिया को बता रहा है कि असली ख़ूबसूरती के मायने क्या हैं।
कहते हैं ‘A picture is worth a thousand words…’ उम्मीद है ये 2020 के विज्ञापन और उनकी कहानियां भी आपके नए साल को नई उम्मीद, नई विचारों से भर दें।
मूल चित्र : Screenshots from YouTube
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