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अब तुम्हें अपनी दुनिया खुद बदलनी है…

कोई कृष्ण नहीं अब आयेंग, बाधा ख़ुद आप ही हरनी है, अपनी जाति की आज तुम्हें मर्यादा ऊंची करनी है, अब अपनी दुनिया बदलनी है।

कोई कृष्ण नहीं अब आयेंग, बाधा ख़ुद आप ही हरनी है, अपनी जाति की आज तुम्हें मर्यादा ऊंची करनी है, अब अपनी दुनिया बदलनी है।

तुम अबला नहीं, सबला हो,
तुम जन्मा तुम काली
तुम ही विध्वंसिनी, माँ दुर्गा हो
जो समझे नहीं ना समझ हैं
हर एक वार तेरा विध्वंसक है।

रुको मत, दबो मत
गिरो मत थको मत।
नाश करो विनाश करो
हर एक दुष्ट दानव का
अंत करो अंत करो।
जो दर्द देते हैं उन्हें तेरी
शक्ति का ज्ञान नहीं।

तुम सहना नहीं, तुम झुकना नहीं
तुम थकना मत, तुम रुकना नहीं
ये शंखनाद अब करना है
हर संघर्ष का मर्दन करना है।

तुम खुद में शक्तिशाली हो
तुम अद्भुत प्रतिभाशाली हो
तुमने मानव को जन्म दिया
तुम जगतजननी भवानी हो।

जब तुम पर कोई प्रहार करे
तेरी अस्मिता का संहार करे
तुम दुर्गा रूप धरो देवी
और पापी का स्वयं विनाश करो।

इस कलयुग में तुमको अपनी
रक्षा ख़ुद आप ही करनी है
कोई कृष्ण नहीं अब आयेंगे
बाधा ख़ुद आप ही हरनी है।

अपनी जाति की आज तुम्हें
मर्यादा ऊंची करनी है
बहुत हुआ अब बहुत हुआ
अब अपनी दुनिया बदलनी है।

मूल चित्र : rvimages from Getty Images Signature, via CanvaPro 

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Shivangi Srivastava

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