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देश की जनता की सुरक्षा के लिए तैनात पुलिस ही जब उच्च वर्गीय लोगों के हाथ की कठपुतली बन जाये तो? हाथरस गैंगरेप केस में आगे बढ़ी सीबीआई...
देश की जनता की सुरक्षा के लिए तैनात पुलिस ही जब उच्च वर्गीय लोगों के हाथ की कठपुतली बन जाये तो? हाथरस गैंगरेप केस में आगे बढ़ी सीबीआई…
सितम्बर में उत्तर प्रदेश में हुई गैंगरेप भयानक घटना में सीबीआई ने अपनी रिपोर्ट दे दी है। देश में उस घटना के बाद गुस्सा और आक्रोश फूटा था। एक 20 वर्षीय दलित महिला का 4 उच्च जाति की लोगों ने गैंगरेप किया था और फिर पुलिस प्रशासन ने उस बात को दबाने के लिए घरवालों की रज़ामंदी के बिना ही लड़की के शव को जला दिया था।
घटना के तीन महीने बीत जाने के बाद सीबीआई ने गैंगरेप और हत्या की पुष्टि की है। उनका कहना है कि दलित महिला के साथ गैंगरेप हुआ था और उसकी हत्या भी कर दी गयी थी। सीबीआई ने दिल्ली से कुछ 200 किलोमीटर दूर हाथरस में अपनी चार्जशीट फाइल की है। साथ ही सीबीआई ने आरोपियों पर अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के अंतर्गत भी मामला दर्ज किया है।
सितंबर में हुई मानवता को तार तार करने वाली घटना में एक दलित लड़की का 4 उच्च जाति के लोगों ने गैंगरेप किया, उसे प्रताड़ित किया और अंत में उसको अधमरी हालत में छोड़ दिया। पीड़िता ने दिल्ली के अस्पताल में दम तोड़ दिया और इससे आस पास के इलाकों में भीड़ जमा होने लगी थी। परिस्थिति काबू में करने के लिए पुलिस और प्रशासन ने रातों-रात लड़की के परिजनों से पूछे बिना उसका अंतिम संस्कार कर दिया। देश में इस घटना पर आक्रोश और गुस्सा बहुत बढ़ गया था।
जब केस शीशे की तरह साफ़ था, तब भी अपनी गलती पर पछताने की बजाय आरोपियों ने कोर्ट ने अपने बेक़सूर होने की अर्ज़ी लगायी और कहा कि उन चारों को इस केस में फसाया जा रहा है। एक तरह से देखा जाए तो इस पूरे घटनाक्रम में पुलिस भी आरोपी है। देश की जनता की सुरक्षा के लिए तैनात पुलिस ही जब उच्च वर्गीय लोगों के हाथ की कठपुतली बन जाये तो इन्साफ कैसे मिलेगा? पुलिस ने अपनी सफाई में कहा था कि अंतिम संस्कार उसके परिजनों की इच्छा से किया था। जबकि पूरे देश ने लड़की के बिलखते परिजनों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर देखी थी।
सीबीआई के चार्जशीट से न्याय के ओर कदम तो बढ़े हैं, लेकिन भारत की न्यायिक व्यवस्था को देखते हुए इन्साफ कब मिलेगा इसका किसी को नहीं पता है। समाज की संकुचित सोच और पितृसत्ता की भेंट चढ़ी हाथरस की वो दलित लड़की, आज भी न्याय का इंतज़ार कर रही है। हालाँकि सीबीआई ने चार्जशीट फाइल कर दी है, परन्तु अभी भी कोर्ट ने सुनवाई की तारीख 27 जनवरी की तय की है। उसके बाद और कितनी सुनवाई और कितनी तारीख इसका किसी को अंदाज़ा नहीं है।
यह केस आने वाले समय में आरोपियों को आरोप करने से रोकेगा या फिर ऐसे कई अनगिनत मामलों में से एक बनकर रह जायेगा ये तो समय बताएगा। निर्भया गैंगरेप केस के बाद शुरू किये गए फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट कितने सुचारु रूप से चल रहे हैं और रेप के मामलों में जो बढ़ोतरी हुई है, उसके बारे में हम सब जानते हैं। सवाल यह उठता है कि क्या सीबीआई की चार्जशीट पीड़िता को न्याय दिला सकेगी?
मूल चित्र : YouTube
Political Science Research Scholar. Doesn't believe in binaries and essentialism. read more...
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