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वर्जिनिटी और हाइमन को समाज नैतिकता की नज़र से देखता है, जो निराधार है। यदि किसी की कौमार्य भंग होता है तो इसकी अनेक वजह हो सकती हैं।
आजकल एक शब्द है जो बहुत चलन में है, खासकर लड़कियों को नीचा दिखाने के लिए तो यह शब्द एक औज़ार की तरह काम कर रहा है। शब्द है ‘वर्जिनिटी’ शायद आप में से कई लोगों ने यह पहली बार सुना हो। मगर आजकल इस शब्द की वजह से लड़कियों के लिए मुसीबत खड़ी हो जाती है। लड़के लड़कियों के कैरेक्टर को इसी शब्द से मापते हैं।
आजकल वर्जिनिटी से जुड़े कई सारे मिथ हैं जो वास्तव में एक गलत धारणा बन कर रह गई है। यहां तक कि लड़के अक्सर शादी से पहले लड़कियों की वर्जिनिटी का सुबूत मांगते हैं। यदि गलती से महिला रोग विशेषज्ञ यह कह दे कि लड़की का हाइमन ब्रोकन है या है ही नहीं। इसके बाद तो ऐसा हो जाता है मानो प्रेमी लोगों का प्रेम उड़ जाता है। शुरुआत होती है इल्ज़ाम लगाने कि और चरित्र पर उंगली उठाने की।
आज इस लेख के ज़रिए मैं ऐसे मिथों को उजागर करने कि कोशिश करूंगा जो न तो वैज्ञानिक तौर पर साबित होते हैं और न ही समाजिक तौर पर।
वेजाइना के मुख पर वुल्वा के ऊपर एक पतली झिल्ली होती है। जो नरम टिशू से बनी होती है। हमारे शरीर के अन्य भागों की तरह, हाइमन सभी के लिए थोड़े अलग होते हैं। किसी के लिए यह विस्तृत होता है और किसी के लिए बहुत ही कम दायरे का।
यह कोरा मिथ है। पढ़े-लिखे लोगों को भी अपने जाल में फंसा लेता है। पहली बार सेक्स करने पर आपका हाइमन खिंच सकता है, जिससे कुछ दर्द या रक्तस्राव हो सकता है। लेकिन यह सभी के लिए नहीं होता है।
ऐसे अन्य तरीके हैं जिससे एक हाइमन खुल सकता है या टूट सकता है:
एक बार जब आपका हाइमन खुल जाता है, तो वह वापस नहीं बनता है।
अक्सर लोग बोलते हैं लड़कियों का हाइमन सिर्फ पुरुष के लिंग के लिए बनी होती है। जो पेनिट्रेशन के बाद फट जाती है। इसके फटने या कटने से ही वर्जिनिटी का पता लगाया जाता है। हाइमन झिल्ली का पेनिट्रेशन से कोई लेना देना नहीं है। हालांकि कई महिलाओं का हाइमन शादी के बाद के संभोग से फैल जाता है।
हाइमन कभी टूटता नहीं है। हाइमन एक उत्तक यानि एक टिश्यू है। उत्तक चिर सकता है, फैल सकता है, या अंदर की ओर जा सकता है, लेकिन यह टूटता नहीं है। लड़कियों के यौवन से पहले और फिर यौन जीवन के दौरान, एस्ट्रोजन हाइमन की लोच को बढ़ाता है। जिसका अर्थ है कि यह सेक्स के बाद भी खिंच सकता है। जैसा कि महिलाएं उम्र और सेक्स और व्यायाम सहित गतिविधियों में भाग लेती हैं और बच्चे के जन्म का अनुभव करती हैं।
यह सिर्फ एक मिथक है। हाइमन को देखकर किसी महिला के कौमार्य के बारे में बताना संभव नहीं है। यहां तक कि एक स्त्रीरोग विशेषज्ञ हाइमन या वेजाइना को देखकर यह नहीं बता सकता है कि एक महिला कुंवारी है या नहीं उसके। यह सिर्फ एक मिथक है कि योनि की जकड़न और कठोरता एक महिला के कौमार्य/ वर्जिनिटी को निर्धारित करती है।
वर्जिनिटी और हाइमन को समाज नैतिकता की नज़र से देखता है। जो निराधार है। जिसका कोई मूल्य नहीं। यदि किसी की कौमार्य भंग होता है तो इसकी अनेक वजह हो सकती हैं।
मूल चित्र : Stolk from Getty Images Signature, via Canva Pro
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