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सबसे लोकप्रिय सेक्सोलॉजिस्ट और अपने कॉलम 'आस्क द सेक्सपर्ट' के लिए प्रसिद्ध सेक्स एक्सपर्ट डॉ. महिन्द्र वत्स का योगदान हम सब याद करेंगे।
सबसे लोकप्रिय सेक्सोलॉजिस्ट और अपने कॉलम ‘आस्क द सेक्सपर्ट’ के लिए प्रसिद्ध सेक्स एक्सपर्ट डॉ. महिन्द्र वत्स का योगदान हम सब याद करेंगे।
दुनिया में फेमस भारत के सेक्स एक्सपर्ट डॉ. महिन्द्र वत्स का 96 साल की उम्र में मुंबई में सोमवार सुबह निधन हो गया। मुंबई के सबसे लोकप्रिय सेक्सपर्ट के रूप में जाने जाने वाले, डॉ वत्स मुंबई मिरर के लिए अपने कॉलम ‘आस्क द सेक्सपर्ट’ के लिए प्रसिद्ध थे। सेक्सोलॉजिस्ट डॉ. महिन्द्र वत्स पाठकों के सवालों का बड़े ही रोचक और मजाकिया अंदाज में जवाब देते थे। वे कहते थे कि अपने काम के माध्यम से, उन्होंने भारत जैसे विशाल देश में यौन शिक्षा की कमी के बारे में जाना और लोगों को इस संबंध में शिक्षित करने के सफल प्रयास किए।
उनके परिवार के द्वारा जारी बयान में इस खबर की घोषणा की, जिसमें लिखा था: “पिताजी कई आयामों के व्यक्ति थे। वे एक शानदार जीवन अपनी शर्तों पर जीते थे। आज, हम उनके जीवन का जश्न मनाना चाहेंगे क्योंकि वह अपनी प्यारी प्रोमिला से जुड़ने के लिए गुजर गए हैं।”
डॉ महिन्द्र वत्स ने 1960 के दशक में एक महिला पत्रिका में एक कॉलमनिस्ट के रूप में अपना करियर शुरू किया था। वे एक स्त्री रोग विशेषज्ञ और प्रसूति रोग विशेषज्ञ थे। फैमिली प्लानिंग एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया (FPAI) के लिए एक सलाहकार के रूप में काम करते हुए, उन्होंने प्रस्ताव दिया कि देश में एक यौन परामर्श और शिक्षा कार्यक्रम शुरू किया जाना चाहिए, और 1974 में संगठन ने उनकी सलाह पर भारत में पहली बार यौन शिक्षा, परामर्श और चिकित्सा केंद्र शुरू किया।
1980 की शुरुवात में, डॉ महिन्द्र ने भारत में काउंसलिंग और सेक्स एजुकेशन को बढ़ावा देने के लिए अपनी प्रैक्टिस छोड़ दी। उसके बाद से वे 2005 से मुंबई मिरर में बतौर कॉलमनिस्ट काम कर रहे हैं। मुंबई मिरर की एडिटर इन चीफ के मुताबिक 2015 तक वे मुंबई मिरर में लोगों के 20,000 से भी ज्यादा प्रश्नों के जवाब दे चुके थे। डॉ वत्स ने इसी विषय पर ‘इट्स नॉर्मल’ नामक एक किताब भी प्रकाशित की है।
2014 में, देश में यौन शिक्षा के लिए उनके योगदान के लिए FPAI से डॉ वेद व्यास पुरी पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है।
2017 में नेटफ्लिक्स की डॉक्यूमेंट्री ‘आस्क द सेक्सपर्ट‘ सेक्स एजुकेशन को लेकर किये गए उनके प्रयासों को दर्शाती है। 2019 में आयी मेड इन चाइना फिल्म में बोमन ईरानी का किरदार ‘सेक्सोलॉजिस्ट डॉ वर्धी’ भी सेक्सोलॉजिस्ट डॉ महिन्द्र वत्स से ही प्रेरित था।
भारत जैसे देश में जहाँ आज भी सेक्स एजुकेशन ज़ीरो है वहाँ डॉ महिन्द्र वत्स ने इस मुद्दे पर जिस तरह से बात करी, वो एक बहुत उम्दा काम है, जिसके लिए हम सब उनके शुक्रगुज़ार हैं। जननांग संबंधी समस्याओं, सामान्य शारीरिक रचना, हस्तमैथुन, संभोग, समलैंगिकता, पूर्व-वैवाहिक संबंधों, गर्भावस्था आदि कई तरह के विषयों पर डॉ वत्स ने मज़ेदार तरीके से बात करी और लोगों को जागरूक किया है। डॉ महिन्द्र वत्स ने हर जेंडर और उनके सेक्सुअल प्लेज़र के बारे में खुलकर बात करी है।
उनके करियर में हर तरह के सवाल उनके पास आते थे। उनके जवाब वे छोटे, तीखे और सीधे शब्दों में देते थे। इस पर डॉ वत्स बीबीसी को कहते हैं कि “मैं उनकी भाषा बोल रहा हूं, वे इसे बेहतर तरीके से स्वीकार करते हैं। आप से बात करने वाला आदमी आप में से ही एक है।” आख़िरकार उनका मकसद हर जवाब के साथ अपने पाठकों को शिक्षित करना था।
कई बार उन्हें इस विषय पर लिखने के लिए आलोचनाओं का सामना भा करना पड़ा। लेकिन, वे भारत में सेक्स एजुकेशन को आम लोगों तक पहुंचाने के मिशन पर डटे रहे।
डॉ महिन्द्र वत्स और उनके योगदान हमेशा याद रहेंगे।
मूल चित्र : The Hindu
A strong feminist who believes in the art of weaving words. When she finds the time, she argues with patriarchal people. Her day completes with her me-time journaling and is incomplete without writing 1000 read more...
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