कोरोना वायरस के प्रकोप में, हम औरतें कैसे, इस मुश्किल का सामना करते हुए भी, एक दूसरे का समर्थन कर सकती हैं?  जानने के लिए चेक करें हमारी स्पेशल फीड!

दो भागों में बँट जाते हैं

मन मर्ज़ी से, सीधी मांग निकाले, मस्ती में मुक्त, झूमते, उड़ते कुँवारे धुले-धुले और खुले-खुले बाल।

मन मर्ज़ी से, सीधी मांग निकाले, मस्ती में मुक्त, झूमते, उड़ते कुँवारे धुले-धुले और खुले-खुले बाल।

कभी आड़ी-टेढ़ी तो कभी
मन मर्ज़ी से, सीधी मांग निकाले,
मस्ती में मुक्त, झूमते, उड़ते कुँवारे
धुले-धुले और खुले-खुले बाल।

फिर नियत की गई जगह पर
सटीक-स्थिर मांग के रूप में
दो भागों में बंट जाते हैं।

और उनकी पसंद की चोटी
या मुट्ठी भर जूड़े में, बस
सिमट कर रह जाते हैं।

मूल चित्र: Bhoopal M via Pexels

विमेन्सवेब एक खुला मंच है, जो विविध विचारों को प्रकाशित करता है। इस लेख में प्रकट किये गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं जो ज़रुरी नहीं की इस मंच की सोच को प्रतिबिम्बित करते हो।यदि आपके संपूरक या भिन्न विचार हों  तो आप भी विमेन्स वेब के लिए लिख सकते हैं।

About the Author

41 Posts | 213,843 Views
All Categories