कोरोना वायरस के प्रकोप में, हम औरतें कैसे, इस मुश्किल का सामना करते हुए भी, एक दूसरे का समर्थन कर सकती हैं? जानने के लिए चेक करें हमारी स्पेशल फीड!
अब हर पेशा अच्छा माना जाता है, अपनी सोच में बदलाव लाना होगा। बदलाव सभी चाहते हैं पर उस बदलाव का हिस्सा कोई भी नहीं बनना चाहता ।
“कमी क्या है उसमें? सुंदर, गुणी, पढ़ा लिखा और संस्कारी है। अच्छा कमाता है, सुखी परिवार है।” अभय जी अपने सहयोगी को पड़ोसी के लड़के की खूबियाँ बता रहे थे, जो अपनी लड़की के विवाह हेतु योग्य लड़के की तलाश में थे।
“जी सब कुछ उत्तम है,बस लड़का।..”
“लड़का कथक नृत्य का शिक्षक है और अपना स्कुल चलाता है। अरे! उसकी आमदनी इतनी है कि बड़े बड़े नौकरीपेशा उसका मुकाबला ना कर सकें।” अभय जी बोले।
“पर नृतक,लोग क्या कहेंगे…”, पड़ोसी ने कहा।
“अरे शर्मा जी सोच बदलिए सोच। ऐसा पहले होता था, सरकारी नौकरी और डाक्टर इंजीनियर। अब हर पेशा अच्छा माना जाता है, बदलाव लाना होगा अपनी सोच मेंं…”, अभय जी और कुछ कहते तभी उनका फोन बजा। उनकी बहन थीं अपनी बेटी के लिए लड़का ढ़ूंढने कह रही थी।
“पता करके बताता हूँ दीदी।” अभय जी बोले।
सच! बदलाव सभी चाहते हैं पर कोई भी बदलाव का हिस्सा नहीं बनना चाहता।
चित्र साभार: Amrith Shetty via Unsplash
read more...
Please enter your email address